पैरा शूटर अवनि लेखरा के जज बनने के सपने पर क्या बोले पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़

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BBC अवनि लेखरा ने बीबीसी पैरास्पोर्ट्सवुमन का ख़िताब जीता है

बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर 2024 समारोह में अवनि लेखरा को बीबीसी पैरा स्पोर्ट्सवुमन का अवॉर्ड दिया गया है.

पैरा शूटिंग में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाली अवनि को समारोह में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, कांग्रेस नेता सचिन पायलट और सांसद कार्तिकेय शर्मा ने इस अवॉर्ड से नवाज़ा है.

कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़ते हुए अवनि ने कहा, "बीबीसी इंडिया का पैरा स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड जीतना मेरे लिए वास्तव में सम्मान की बात है. मैं बीबीसी इंडिया की शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने इतने बड़े स्तर पर मुझे सम्मानित किया."

उन्होंने कहा, "पिछली बार जब टोक्यो ओलंपिक में मैंने मेडल जीता था, तो लोग पूछते थे कि अब आगे क्या करोगी. मैं कहती थी कि शायद 2024 में मेरे हाथ में कुछ और मेडल के साथ कानून की डिग्री होगी."

लेखरा ने कहा, "पिछले साल ये दोनों चीजें मैंने पूरी कर लीं. मैं कानून के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहती हूं और इसमें मास्टर डिग्री करना चाहती हूं."

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इससे पहले बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा था, "मैं बहुत सारे क्राइम शो वगैरह देखती थी. मेरी कानून की पढ़ाई में रुचि थी, फिर मैंने जज बनने का सोचा."

"मैंने न्यायपालिका में जाने की सोची, क्योंकि इसमें बहुत ताकत होती है और आप व्हीलचेयर पर बैठे किसी व्यक्ति को इतनी ताकत रखते हुए नहीं देखते हैं."

उनका कहना था, "जब आप वकालत करते हैं तो आप अपने अधिकारों के बारे में बहुत कुछ जान पाते हैं. लोगों के अधिकारों के बारे में जान पाते हैं. हम उन्हें उनके अधिकारों को जानने में भी मदद कर सकते हैं. ऐसे में ये करना अच्छी बात है.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा? BBC समारोह में मंच पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के साथ कांग्रेस नेता सचिन पायलट और सांसद कार्तिकेय शर्मा

समारोह में अवनि की बात सुनकर पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उन्हें निजी तौर पर बहुत खुशी होगी अगर वे वकील या जज बनती हैं.

उन्होंने यह भी कहा, "जब मैं बच्चा था तो इस स्पोर्ट्स को नहीं पहचानता था. मेरी दो बेटियां हैं जो स्पेशली एबल्ड हैं और चेस चैंपियन हैं. जब मैं ऐसे अवॉर्ड देखता हूं तो मुझे मेरी बेटियों के लिए उम्मीद मिलती है और उनके जरिए भारत की बाकी महिलाओं के लिए भी उम्मीद मिलती है."

उन्होंने कहा अवॉर्ड समारोह के लिए बीबीसी की सराहना भी की. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "इन अवॉर्ड्स के जरिए युवा महिला खिलाड़ियों के दृढ़ निश्चय को पहचान पाते हैं. हम उनकी जीत को सेलिब्रेट करते हैं. महिलाएं अब हर जगह हैं, बात चाहे थिएटर की हो या फिर तकनीक की. वो स्पेस रिसर्च में भी हैं और फाइटर प्लेन भी चला रही हैं. ये बढ़ते भारत का सिंबल है जहां महिलाएं अगुवाई कर रही हैं."

BBC कांग्रेस नेता सचिन पायलट

अवनि लेखरा के बारे में सचिन पायलट ने कहा, "आपकी कामयाबी के लिए बधाई. एक युवा के तौर पर इतनी सराहना हासिल करने पर आपको गर्व होना चाहिए. लेकिन मेरे लिए मेडल से बड़ी बात इनकी मुस्कान है."

"ये मुस्कान कई मेडल से ज्यादा बेशकीमती है. भविष्य के लिए शुभकामनाएं."

पायलट ने कहा, "वक्त बदला है. लेकिन महिलाओं, खेल से जुड़ी महिलाओं और स्पेशली एबल्ड महिलाओं को हर दिन चुनौती का सामना करना पड़ता है."

उन्होंने कहा, "तमाम चुनौतियों को पार करने भी वो मुस्कुरा रही हैं. हमें ऐसे ही ओर लोगों की ज़रूरत है."

अवनि की सफ़र BBC समारोह के दौरान अवनि लेखरा से बात करते हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़

अवनि पैरालंपिक में दो गोल्ड और एक ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड और ब्रॉन्ज़ जीतने के साथ ही 2024 के पेरिस ओलंपिक में भी गोल्ड जीतकर बड़ी उपलब्धि हासिल की.

2012 में अवनि लेखरा के परिवार का कार एक्सीडेंट हुआ. एक्सीडेंट के कारण अवनि को रीढ़ की हड्डी में चोट लगी और कमर से नीचे का हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया.

इस एक्सीडेंट के बाद अवनि को सब कुछ नए सिरे से सीखना पड़ा जिसमें कैसे बैठना है, वो भी शामिल था.

2015 में अवनि के पिता ने उन्हें घर से बाहर भेजने के लिए स्पोर्ट्स अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया.

अवनि ने स्विमिंग, आर्चरी और एथलेटिक्स में हाथ आजमाया लेकिन शूटिंग में उन्हें अपना लक्ष्य मिला.

2017 में अवनि ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मेडल जीता, जब वह 2017 वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर राइफल में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहीं.

इसके बाद अवनि ने गोल्ड मेडल जीतने का सपना देखा और उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में उसे पूरा किया. टोक्यो में वो गोल्ड के अलावा ब्रॉन्ज़ जीतने में भी कामयाब रहीं.

पेरिस पैरालंपिक में भी उन्होंने अपनी कामयाबी का सफ़र जारी रखते गोल्ड मेडल जीता.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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