चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भारत के ख़िलाफ़ भारी रहा है पाकिस्तान का पलड़ा, इस बार क्या उम्मीद?
बारिश की बूंदें सुकून देती हैं. इसलिए, बुधवार से पाकिस्तानी शहर कराची में शुरू हो रही आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी के सभी मैच देखने की तैयारी कर चुके भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह थोड़ी अच्छी खबर है.
टीम इंडिया ने 2002 और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफ़ी जीती थी, और दोनों ही बार बारिश ने इस जश्न में अहम भूमिका निभाई थी.
दुनिया भर के मौसम पर नज़र रखने वाली वेबसाईट एक्यूवेदर डॉट कॉम के अनुसार, 9 मार्च को दुबई के आसमान पर घने बादल छाए रहेंगे. कुछ दूसरी वेबसाइट्स ने देर शाम बारिश की संभावना भी जताई है.
फ़ाइनल का वेन्यू अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन संभावना कम है कि अगर टीम इंडिया फ़ाइनल में पहुंची तो वह पाकिस्तान में खेलेगी.
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हालांकि, मौसम की यह रिपोर्ट उसके लिए गुड लक साबित हो सकती है, लेकिन टीम इंडिया को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कोई टोटका निकालना होगा, क्योंकि 23 साल के चैंपियंस ट्रॉफ़ी के इतिहास में पाकिस्तान ने भारत को काफी नुकसान पहुंचाया है.
2013 की चैंपियंस ट्रॉफ़ी का फ़ाइनल बर्मिंघम में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था. भारत ने उस टूर्नामेंट में ग्रुप बी में टॉप करके फाइनल में जगह बनाई थी.
फ़ाइनल में तेज़ बारिश के कारण मैच को 20-20 ओवर का कर दिया गया. टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया सात विकेट पर 129 रन पर सिमट गई थी.
लेकिन रविंद्र जडेजा, इशांत शर्मा और रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के दो-दो विकेट चटकाए, और मेजबान टीम महज़ 124 रन पर ड्रेसिंग रूम लौट गई.
हालांकि, ट्रॉफ़ी हाथ में आने के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा था कि भगवान उनकी टीम को बचाने नहीं आए. अगर ट्रॉफ़ी जीतनी है, तो उसके लिए संघर्ष करना पड़ता है. धोनी इससे पहले बतौर कप्तान 2011 का आईसीसी वर्ल्ड कप और 2007 का आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप जीत चुके थे.
इससे पहले, 2002 में सौरभ गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने यह खिताब जीता था.
भारत ने सेमीफ़ाइनल में साउथ अफ्रीका को 10 रन से हराकर फ़ाइनल में जगह बनाई थी, जहां उसका सामना श्रीलंका से हुआ.
लेकिन तेज़ बारिश ने फ़ाइनल के रोमांच पर पानी फेर दिया.
मैच रिज़र्व डे में खेला गया, जहां श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 222 रन बनाए.
भारत ने 38 रन पर 1 विकेट गंवाया ही था कि तेज़ बारिश शुरू हो गई. लंबे इंतजार के बाद आईसीसी ने दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया.
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यह सही है कि 50 ओवरों के आईसीसी वर्ल्ड कप में पाकिस्तान, टीम इंडिया के ख़िलाफ़ टिक नहीं पाता, लेकिन अगर चैंपियंस ट्रॉफ़ी की बात करें तो 2004 में कप्तान सौरभ गांगुली की टीम को पाकिस्तान के कारण ही टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था.
बर्मिंघम में खेले गए इस मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए उतारा.
कप्तान सौरभ गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, मोहम्मद कैफ़ और युवराज सिंह 19.5 ओवरों में मिलकर सिर्फ 73 रन ही जोड़ सके.
पाकिस्तानी पेसरों मोहम्मद समी, नावेद-उल-हसन और शोएब अख्तर ने टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर को बिखेर दिया था. 49.5 ओवरों में इतना मजबूत बैटिंग लाइन-अप सिर्फ 200 रन ही बना सका.
पाकिस्तान की शुरुआत भी खराब रही और एक समय उसका स्कोर 27 रन पर तीन विकेट था, लेकिन पांचवें नंबर पर आकर मोहम्मद यूनुस ने 81 रन की मैन ऑफ़ द मैच पारी खेली और पाकिस्तान ने यह मैच तीन विकेट से जीत लिया.
भारत को ग्रुप स्टेज में सिर्फ कीनिया के ख़िलाफ़ जीत मिली थी, और उसे टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा.
2009 में भी पाकिस्तान ने भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
साउथ अफ्रीका में हुई चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भारत, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज एक ही ग्रुप में थे.
पाकिस्तान से शुरुआती दौर में ही 54 रन से मिली हार की वजह से भारत का समीकरण बिगड़ गया और टीम इंडिया सेमीफ़ाइनल में पहुंचने में नाकाम रही.
2017 में विराट कोहली को अपनी कप्तानी में 2013 का खिताब बचाना था, लेकिन इस बार भी पाकिस्तान ने भारत को परेशानी में डालने में सफलता हासिल की.
इंग्लैंड में खेले गए इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका और श्रीलंका भारत के साथ एक ही ग्रुप में थे. भारत के लिए सेमीफ़ाइनल तक सब कुछ अच्छा चल रहा था.
उसने बांग्लादेश को रोहित शर्मा के शतक की बदौलत 9 विकेट से हराया. लेकिन फ़ाइनल में पाकिस्तान, टूर्नामेंट की सबसे मजबूत दावेदार टीम भारत पर पूरी तरह हावी हो गया.
भारत ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया. 50 ओवर खत्म होने तक पाकिस्तान ने 4 विकेट के नुकसान पर 338 रन बनाए.
फ़ख़र जमां ने उस मैच में 114 रन की शानदार पारी खेली थी. जब भारत की बल्लेबाजी की बारी आई, तो टीम के टॉप बल्लेबाज़ पकी हुई जामुनों की तरह एक-एक करके गिरते चले गए.
17 ओवर खत्म होने तक भारत का स्कोर 72 रन पर 6 विकेट हो चुका था. 31 ओवर में पूरी टीम 158 रन पर सिमट गई और पाकिस्तान ने यह मैच 180 रन से जीत लिया.
ये तो रही अतीत की बात. इस बार भारत और पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफ़ी के एक ही ग्रुप में है. दोनों टीमों के बीच 23 फ़रवरी को दुबई में मुक़ाबला होगा.
इस बार भारतीय टीम अच्छी फॉर्म में दिख रही है और उसके कई दिग्गज पाकिस्तान के ख़िलाफ़ रिकॉर्ड को बेहतर करने की कोशिश करेंगे.
यकीनन, यह टूर्नामेंट रोहित शर्मा और विराट कोहली के लिए बेहद अहम होने वाला है, ख़ासकर जब उनके रिटायरमेंट को लेकर चर्चा जोरों पर है.
टीम इंडिया की अब तक की चैंपियंस ट्रॉफ़ी यात्रा को एक नया आयाम देने की जिम्मेदारी इन दोनों बल्लेबाजों पर होगी.
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अच्छी बात यह है कि कप्तान रोहित इस टूर्नामेंट में पिछले शतक और आक्रामकता के साथ उतरे हैं. उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए जवाब यह दिखाते हैं कि वह अपना करियर किस अंदाज़ में खत्म करना चाहते हैं.
जाहिर तौर पर, इसके लिए उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की तरह सोचने की ज़रूरत होगी और यह भी कि इस बार चैंपियंस ट्रॉफ़ी में पाकिस्तान से कैसे पार पाया जाए.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित
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