पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बीच द्विपक्षीय वार्ता, रणनीतिक साझेदारी पर की चर्चा

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भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत-फ्रांस के बीच संबंधों को और मजबूत करने का लक्ष्य रखा गया है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच द्विपक्षीय वार्ता रियो जी 20 शिखर सम्मेलन में हुई। यहां भारत-फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी की प्रतिबद्धता दोहराई, जिसे 'क्षितिज 2047 रोडमैप' (होराइजन 2047 रोडमैप) और अन्य द्विपक्षीय घोषणाओं को ध्यान में रख कर आकार दिया गया।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मेरे मित्र राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलना हमेशा ही बेहद खुशी की बात होती है। इस साल की शुरुआत में पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक की सफल मेजबानी के लिए उन्हें बधाई दी।"

जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति मैक्रों की भारत यात्रा और जून में इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी बैठक के बाद, दोनों नेताओं के बीच यह इस साल की तीसरी बैठक थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुलाकात के दौरान हमने इस बारे में चर्चा की कि कैसे भारत और फ्रांस अंतरिक्ष, ऊर्जा, एआई और ऐसे अन्य भविष्य के क्षेत्रों में मिलकर काम करना जारी रखेंगे। हमारे देश लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए भी मिलकर काम करेंगे।

पिछले कुछ साल में दोनों नेताओं ने अपनी मित्रता और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत किया है। मैक्रों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को भविष्य में निर्णायक भूमिका निभाने वाला विश्व इतिहास का एक दिग्गज बताया है। सोमवार रात, भारतीय समयानुसार दोनों नेताओं ने रियो डी जेनेरियो में बैठक की। इस दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न उद्योगों सहित सामरिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, शैक्षिक और आर्थिक सहयोग में हुई प्रगति का जायजा लिया।

मैक्रों ने प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाते हुए एक वीडियो पोस्ट किया। पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है, क्योंकि भारत के साथ हमारी साझेदारी समृद्ध और बहुआयामी है। हमने पिछले जनवरी में मेरी राजकीय यात्रा के दौरान शुरू की गई पहलों की प्रगति के साथ-साथ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की भी समीक्षा की थी।"

विदेश मंत्रालय ने बाद में एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने रक्षा, अंतरिक्ष और असैन्य परमाणु ऊर्जा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय सहयोग में हासिल की गई प्रगति की सराहना की और रणनीतिक स्वायत्तता के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करने के उद्देश्य से इसे और तेज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने भारत की राष्ट्रीय संग्रहालय परियोजना पर सहयोग की प्रगति की भी समीक्षा की।

विदेश मंत्रालय ने विस्तार से बताया कि दोनों नेताओं ने डिजिटल प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्रों सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी संबंधों को मजबूत करने की सराहना की। इसके अलावा, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भारत-फ्रांस साझेदारी की भी सराहना की। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने फ्रांस में आगामी एआई एक्शन समिट आयोजित करने के लिए राष्ट्रपति मैक्रों की पहल का स्वागत किया। इस दौरान यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और मध्य पूर्व की स्थिति पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई।

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक सहित क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने बहुपक्षवाद को फिर से जीवंत करने और सुधारने तथा एक स्थिर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाने में मदद करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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