एक-दूसरे की करेंगे मदद, दोनों पहुंचेंगे विधानसभा! राज-उद्धव ठाकरे में समझौते की चर्चा, माहिम-वर्ली में क्या हो रहा है?
मुंबई: सत्ता का रिमोट कंट्रोल हमेशा अपने पास रखने वाली ठाकरे परिवार की पीढ़ी अब चुनाव मैदान में उतर रही है। 2019 में विधानसभा चुनाव लड़कर आदित्य ठाकरे विधायक बने। इसके बाद अब उनके चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। आदित्य ठाकरे एक बार फिर वर्ली से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि अमित ठाकरे माहिम से चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार का चुनाव इन दोनों के लिए मुश्किल है। ऐसे में चर्चा है कि ठाकरे बंधुओं यानी राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने दोनों के लिए समझौता कर लिया है। उद्धव का मैसेज साफ
शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने साफ किया है कि वह माहिम में कोई चुनावी सभा नहीं करेंगे। हालांकि राज ठाकरे ने आदित्य ठाकरे के वर्ली विधानसभा में एक बैठक की, लेकिन उन्होंने आदित्य ठाकरे की आलोचना करने से परहेज किया। इसलिए इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या ठाकरे परिवार में पर्दे के पीछे कुछ हुआ है? दोनों सीटों पर मुकाबला कैसा?दरअसल इस साल अमित ठाकरे और आदित्य ठाकरे के निर्वाचन क्षेत्रों में त्रिकोणीय लड़ाई है। शिव सेना ने अमित ठाकरे के खिलाफ महेश सावंत को उम्मीदवार बनाया है। यहां शिंदेसेना ने मौजूदा विधायक सदा सरवणकर को फिर से मैदान में उतारा है। आदित्य ठाकरे को एमएनएस के संदीप देशपांडे और शिंदेसेना के मिलिंद देवरा से चुनौती मिल रही है। ये लड़ाई दोनों ठाकरे के लिए चुनौतीपूर्ण है। उद्धव को मुंबईकरों पर भरोसा
उद्धव ठाकारे ने कहा कि माहिम हमारा निर्वाचन क्षेत्र है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि यहां कोई अभियान बैठक आयोजित करने की जरूरत है। मुंबई में महाविकास अघाड़ी की बैठक हुई है। अब मेरी सारी बैठकें शहर से बाहर होंगी। उद्धव ने कहा कि मुझे मुंबईकरों पर भरोसा है और मैं मुंबईकरों को लेकर आश्वस्त हूं। शिवाजी पार्क में बैठकशिवाजी पार्क माहिम निर्वाचन क्षेत्र में आता है लेकिन ये बैठक सिर्फ माहिम के लिए नहीं होगी। साफ है कि उद्धव और आदित्य ठाकरे अमित ठाकरे के लिए प्रचार नहीं करेंगे लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा कि ठाकरे मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में बैठकें कर सकते हैं। वर्ली-माहिम पर क्या चर्चा?
गुरुवार को राज ठाकरे ने मनसे उम्मीदवार संदीप देशपांडे के लिए वर्ली में बैठक की। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा लेकिन आदित्य ठाकरे की आलोचना करने से बचते रहे। यह साफ हो गया है कि महेश सावंत के प्रचार के लिए उद्धव और आदित्य ठाकरे माहिम में चुनावी सभा नहीं करेंगे। भले ही राज ने वर्ली में मीटिंग की हो लेकिन उन्होंने आदित्य पर निशाना साधने से परहेज किया है। इसलिए इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या वरिष्ठ स्तर पर कुछ बात बन पाई है?
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