हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन ने आर्ट फॉर होप सीजन 4 में 50 कलाकारों को 60 लाख के अनुदान दिए, त्रावणकोर पैलेस में बड़ा एग्जिबिशन
Hyundai Art For Hope Season 4 Exhibition In Delhi: हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (HMIF) ने कला के जरिये सामाजिक बदलाव लाने के लिए ‘आर्ट फॉर होप’ के चौथे सीजन की शुरुआत की है। 28 फरवरी से 2 मार्च 2025 तक दिल्ली के त्रावणकोर पैलेस में 15 राज्यों के 50 कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं। एचएफएआईएफ ने इन कलाकारों को 60 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी है। कला और संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिशहुंडई अपनी सीएसआर पहल आर्ट फोर होप के जरिये भारत की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश में है। साथ ही वह ऐसे भविष्य का निर्माण करना चाहती है, जहां कला से सामाजिक विकास हो। इस कार्यक्रम में लोकल आर्टिस्ट के स्टॉल, वर्कशॉप, एक्सपर्ट सेशन और कल्चर प्रोग्राम भी होंगे। इस तीन दिवसीय कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम में 15 राज्यों के 50 कलाकार और कला समूह शामिल हैं। इन सभी को कुल 60 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। इसमें 5 दिव्यांग कलाकार और 10 कला समूह भी शामिल हैं।
आर्ट फॉर होप कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया। इस मौके पर हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर उनसू किम, हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन के ट्रस्टी गोपालकृष्णन सीएस, एचएमआईएल के कॉर्पोरेट अफेयर्स के फंक्शन हेड जोंगिक ली और एचएमआईएल में कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन और सोशल के वर्टिकल हेड पुनीत आनंद भी मौजूद थे। ‘कला में प्रेरित और शिक्षित करने की क्षमता’केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कला में प्रेरित करने, शिक्षित करने और संस्कृतियों व समुदायों को जोड़ने की शक्ति है। हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन की आर्ट फॉर होप पहल सराहनीय है। यह न केवल कलाकारों का समर्थन करती है, बल्कि भारत की विविध सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित और संवर्धित भी करती है। वहीं, उनसू किम ने कहा कि हमारा विजन है ‘प्रोग्रेस फॉर ह्यूमैनिटी’ और हमारी हर पहल के केंद्र में यही है। हम केवल कार बनाने के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
इन कलाकारों की कला दिखेगीआर्ट फॉर होप - सीजन 4 में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मथुरा की सांझी कला, गुजरात की लिप्पन कला और आंध्र प्रदेश की कलमकारी कला जैसी पारंपरिक कलाओं पर वर्कशॉप होंगी। दिल्ली और महाराष्ट्र के कलाकार थिएटर परफॉर्मेंस देंगे। लावणी, ओट्टन थुल्लल, थेय्यम और यक्षगान जैसे डांस फॉर्म और डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई जाएंगी। दिव्यांग कलाकारों का एक बैंड विशेष संगीत प्रस्तुति देगा।
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