इलेक्ट्रिक कारों के मामले में चीन के आगे भारत फिसड्डी, हर साल एक करोड़ उत्पादन के साथ दुनिया का नंबर 1 देश

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चीन में ग्रीन एनर्जी से चलने वाले वाहनों का बोलबाला है और इस साल चीन ने एक करोड़ इलेक्ट्रिक गाड़ियां प्रोडक्शन के टारगेट को पार कर इतिहास बना लिया है। चीन सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की हैं, जिनमें सब्सिडी, टैक्स छूट और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विशेष लेन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इन नीतियों ने न केवल उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया है, बल्कि निर्माताओं को भी बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया है। दुनिया का पहला देशचीनी ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन से मिली जानकारी के अनुसार इस हफ्ते गुरुवार को चीन में नवीन ऊर्जा वाहन (NEV), यानी इलेक्ट्रिक वाहनों का वार्षिक उत्पादन पहली बार एक करोड़ से ज्यादा हो गया है। चीन दुनिया में पहला देश बन गया है, जिसके न्यू एनर्जी वीइकल्स का वार्षिक उत्पादन एक करोड़ से ज्यादा है।
10 साल में हजार से करोड़ का आंकड़ाआंकड़ों की मानें तो चीन ने साल 2013 में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और बिक्री को सांख्यिकीय प्रणाली में शामिल किया। उस साल उत्पादन सिर्फ 18 हजार था। साल 2018 तक चीन में नवीन ऊर्जा वाहन का उत्पादन 10 लाख तक पहुंचा फिर वर्ष 2022 तक 50 लाख तक पहुंचा। अनुमान है कि इस साल नवीन ऊर्जा वाहन का उत्पादन 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा होगा। ईवी से जुड़ीं नीतियों पर फोकसआपको बता दें कि पिछले 10 वर्षों में चीन सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों का विकास करने के लिए सौ से ज्यादा उदार नीतियों को लागू किया। चीन के न्यू एनर्जी वीइकल बिजनेस के विकास में बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं। भविष्य में चीन उत्पादन और बिक्री बढ़ाने के साथ गुणवत्ता भी बढ़ाएगा, ताकि विश्व नवीन ऊर्जा व्यवयास में योगदान किया जा सके।
चीन में ईवी सेक्टर में भारी निवेशचीन में कई बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियां हैं, जो बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन का उत्पादन करती हैं। इन कंपनियों ने बैटरी टेक्नॉलजी, मोटर डिजाइन और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश किया है। इसकी वजह से चीन में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें लगातार कम हो रही हैं और उनकी बैटरी रेंज और परफॉर्मेंस में भी सुधार हो रहा है।