रोशनी नादर मल्होत्रा कौन हैं जिनके हाथ आया अरबों का साम्राज्य, बागडोर मिलते ही अंबानी और अडानी से तुलना क्यों?

नई दिल्ली: एचसीएल ग्रुप के संस्थापक शिव नादर ने एचसीएल कॉर्प और वामा दिल्ली में अपनी 47% हिस्सेदारी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा को ट्रांसफर कर दी है। यह ट्रांसफर शुक्रवार यानी 6 मार्च, 2025 को गिफ्ट डीड के जरिए हुआ है। इससे रोशनी नाडार मल्होत्रा एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एचसीएल इन्फोसिस्टम्स में सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बन गई हैं।
यह कदम परिवार के आईटी साम्राज्य पर नियंत्रण को मजबूत करता है। इसके साथ ही, रोशनी भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक बन गई हैं। फोर्ब्स रियल-टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट 2025 के अनुसार, शिव नादर की कुल संपत्ति 34.4 अरब डॉलर है। वह दुनिया के 52वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। इस ट्रांसफर के पूरा होने के बाद रोशनी भारत की चौथी सबसे अमीर व्यक्ति बन जाएंगी। वह मुकेश अंबानी (92.2 अरब डॉलर), गौतम अडानी (56.2 अरब डॉलर) और सावित्री जिंदल एंड फैमिली (35.4 अरब डॉलर) के बाद चौथे स्थान पर होंगी।यह ट्रांसफर एचसीएल ग्रुप में नेतृत्व बदलाव का बड़ा कदम है।
रोशनी नादर मल्होत्रा को वामा दिल्ली और एचसीएल कॉर्प का नियंत्रण मिल जाएगा। कंपनी की स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी पुष्टि हुई है। वामा दिल्ली से उन्हें एचसीएल टेक्नोलॉजीज में 44.17% हिस्सेदारी मिलेगी। एचसीएल कॉर्प से उन्हें अतिरिक्त 0.17% हिस्सेदारी मिलेगी। इसी तरह, एचसीएल इन्फोसिस्टम्स में वामा दिल्ली के 12.94% और एचसीएल कॉर्प के 49.94% पर उनका वोटिंग अधिकार होगा। उत्तराधिकार योजना का हिस्सा है यह कदमयह कदम परिवार की लंबी अवधि की उत्तराधिकार योजना का हिस्सा है। एचसीएल की फाइलिंग में कहा गया है, 'गिफ्ट डीड को एक निजी पारिवारिक व्यवस्था के तहत निष्पादित किया गया है।
इसका उद्देश्य उत्तराधिकार को सुव्यवस्थित करना है। यह शिव नादर परिवार के स्वामित्व और नियंत्रण की निरंतरता सुनिश्चित करता है।' भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने रोशनी मल्होत्रा को ओपन ऑफर से छूट दे दी है। इससे शेयरों का सुचारु रूप से ट्रांसफर हो सकेगा। बिना किसी नियामक बाधा के यह ट्रांसफर संभव होगा। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, एचसीएल टेक्नोलॉजीज ग्रुप की प्रमुख कंपनी है। इसका बाजार पूंजीकरण 4.22 लाख करोड़ रुपये है। प्रमोटरों के पास कुल मिलाकर 60.81% हिस्सेदारी है।
कहां से पढ़ी हैं रोशनी?रोशनी नादर मल्होत्रा ने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से कम्युनिकेशंस में डिग्री हासिल की है। उन्होंने केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए भी किया है। वह 2020 से एचसीएल टेक्नोलॉजीज का नेतृत्व कर रही हैं। कॉर्पोरेट लीडरशिप के अलावा, वह शिव नादर फाउंडेशन के माध्यम से परोपकार में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं, जो शिक्षा पर केंद्रित है। वह द हैबिटैट्स ट्रस्ट के साथ भी जुड़ी हुई है, जो संरक्षण प्रयासों के लिए समर्पित है।इस परिवर्तन के साथ एचसीएल ग्रुप रोशनी मल्होत्रा के नेतृत्व में एक नए युग में प्रवेश कर रहा है।
यह व्यावसायिक निरंतरता सुनिश्चित करते हुए वैश्विक आईटी क्षेत्र में अपनी मजबूत बाजार स्थिति को मजबूत करता है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ रही है। इसमें 16% की ग्रोथ देखी गई है। 1976 में गैरेज से शुरू हुई थी कंपनी शिव नादर ने 1976 में अपने पांच दोस्तों के साथ एक गैरेज में एचसीएल की शुरुआत की थी। तब वह कैलकुलेटर और माइक्रोप्रोसेसर बनाते थे। आज HCL भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाताओं में से एक है। 2020 में नादर ने कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था। यह जिम्मेदारी अपनी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा को सौंप दी थी।
अब नादर कंपनी के चेयरमैन एमेरिटस और रणनीतिक सलाहकार हैं। फोर्ब्स के रियल-टाइम डेटा के अनुसार, 34.4 अरब डॉलर की अनुमानित संपत्ति के साथ नादर भारत के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
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