भारतीय छात्रों के साथ हुई 'धोखाधड़ी' के बाद अलर्ट मोड में कनाडा! जांच में पकड़े 10 हजार फर्जी एडमिशन लेटर

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Study in Canada: कनाडा अपने यहां पढ़ने आने वाले छात्रों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकना चाहता है। इसके लिए अब कॉलेजों के जरिए दिए जाने वाले एडमिशन लेटर की जांच भी की जा रही है। कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटिजिनशिप कनाडा (IRCC) डिपार्टमेंट ने 2024 में स्टूडेंट वीजा के लिए जमा किए गए 10,000 से ज्यादा फर्जी एडमिशन ऑफर लेटर पकड़े हैं।
पिछले साल फर्जी एडमिशन लेटर के कई सारे मामले देखने को मिले, जिसके बाद सरकार ने लेटर्स की चेकिंग शुरू की।द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, IRCC की इंटरनेशनल स्टूडेंट ब्रांच की डायरेक्टर जनरल ब्रोनविन मे ने संसदीय समिति को बताया कि इस साल 5 लाख से ज्यादा स्टूडेंट वीजा एप्लीकेशन चेक किए गए। जांच के दौरान 5 लाख में से 93% एप्लीकेशन सही पाए गए, लेकिन 2% एप्लीकेशन में फर्जी डॉक्युमेंट्स मिले। वहीं 1% एप्लीकेशन ऐसे थे, जिनमें एडमिशन कैंसिल हो चुका था। हैरानी वाल ये है कि कई मामलों में, कॉलेज-यूनिवर्सिटी भी वीजा के लिए जमा किए गए एडमिशन लेटर की पुष्टि नहीं कर पाए।
क्यों एडमिशन लेटर की हो रही जांच?दरअसल, पिछले साल कनाडा में एक बड़ा फ्रॉड सामने आया था। कई सारे भारतीय छात्रों को भारत के एक फर्जी कंसल्टेंट ने नकली एडमिशन लेटर के साथ कनाडा भेज दिया। कनाडा पहुंचने पर जब इस बात का खुलासा हुआ तो छात्रों को वापस भारत भेजा गया। सरकार ने इसके सबक लेते हुए अब एडमिशन लेटर का वेरिफिकेशन करना शुरू कर दिया है। नए नियमों के तहत सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन पोर्टल के जरिए एडमिशन लेटर की पुष्टि करनी जरूरी है।कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी की इमिग्रेशन क्रिटिक जेनी क्वान ने इस मामले को बेहद चिंताजनक बताया है।
उन्होंने सरकार से अपील की है कि फर्जी एजेंटों के साथ-साथ उन कॉलेज और यूनिवर्सिटी पर भी कार्यवाही की जाए जो इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा, "कनाडा की जिम्मेदारी है कि वो उन इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की सुरक्षा करे जो इस तरह के फ्रॉड का शिकार हुए हैं।" कनाडा को इस बात की भी चिंता है कि कहीं उनके देश में आने वाले विदेशी छात्रों का गलत फायदा नहीं उठा लिया जाए। छात्रों को किया गया डिपोर्टIRCC ने अब अपनी जांच तेज कर दी है। पिछले साल भारत, चीन और वियतनाम से आने वाले 2,000 स्टूडेंट्स के मामलों की जांच शुरू की गई।
इनमें से करीब 1,485 स्टूडेंट्स के जरिए जमा किए गए डॉक्युमेंट्स फर्जी पाए गए थे। इसके बाद उन्हें कनाडा में एंट्री नहीं दी गई या वापस भेज दिया गया। IRCC के प्रवक्ता जेफरी मैकडोनाल्ड ने कहा कि वेरिफिकेशन प्रक्रिया से फ्रॉड पर रोक लगती है और साथ ही असली स्टूडेंट्स को सुरक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि जिन स्टूडेंट्स के डॉक्युमेंट सही पाए जाते हैं, उन्हें बिना किसी जुर्माने के कनाडा में रहने की इजाजत मिल जाती है।