चिराग पासवान के साथ BJP को झटका देने की तैयारी में पशुपति, पारस के प्लान से हिल जाएगा NDA
पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में बिहार के गांव-गांव का दौरा करेंगे। पार्टी को मजबूत करने और चुनावी रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को पटना में रालोसपा की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में पार्टी नेताओ ने सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का संकल्प लिया।
243 सीटों पर संगठन को मजबूत करने की तैयारीबैठक में पशुपति पारस ने कहा कि आज की बैठक पार्टी के भविष्य की रणनीति और संगठन को मजबूत बनाने के लिए बुलाई गई है। हमारी पार्टी राज्य की सभी 243 सीटों पर संगठन को मजबूत करने की तैयारी कर रही है। रालोसपा राज्य में हर राजनीतिक स्थिति और चुनौती का डटकर सामना करेगी। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद प्रिंस राज, राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद चंदन सिंह समेत कई नेता मौजूद थे।
चिराग पासवान के कारण एनडीए से दूर हुए पारसपारस के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह एनडीए से अलग नए समीकरण पर विचार कर रहे हैं। 2021 में नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में पारस को मंत्री पद मिला था, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उनकी स्थिति कमजोर हो गई। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि वह रालोसपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बीजेपी से समझौता होने के बाद उन्होंने चुनाव से अलग रहने का फैसला किया। नीतीश कुमार की खूब तारीफ भी कीदूसरी तरफ, चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रा) ने पिछले चुनाव में सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की थी।
चिराग शुरू में केंद्र सरकार के फैसलों की आलोचना कर रहे थे, लेकिन अमित शाह से मुलाकात के बाद उनके तेवर नरम पड़ गए। उन्होंने राजग के साथ अपने अटूट संबंध की बात कही और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ भी की। दरअसल, पारस को नीतीश कुमार से उम्मीद थी, लेकिन सरकारी आवास से रालोसपा को बेदखल करने के फैसले ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। महागठबंधन की तरफ से भी उन्हें कोई न्योता नहीं मिला है। ऐसे में पशुपति पारस की राह आसान नहीं दिख रही है।
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