क्या है इंसेफेलाइटिस, जिसे WHO ने बताया वैश्विक स्वास्थ्य खतरा, जानें लक्षण और बचाव के उपाय भी
इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) दिमाग की एक तीव्र सूजन है, जो संक्रमण, बैक्टीरिया या वायरल की वजह से हो सकता है। यह एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है, जिसे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इसे बढ़ता हुआ वैश्विक स्वास्थ्य खतरा बताया है। साथ ही हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने इंसेफेलाइटिस पर नया तकनीकी विवरण प्रकाशित किया है।
WHO की रिपोर्ट (ref) के मुताबिक, इंसेफेलाइटिस सभी एज ग्रुप के लोगों को प्रभावित करता है, इसमें मृत्यु दर अधिक होती है। वैश्विक स्तर पर 2021 में, इंसेफेलाइटिस 5 साल से कम उम्र के बच्चों में न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य हानि का चौथा प्रमुख कारण था और सभी आयु समूहों में 13वां था।
रिपोर्ट्स की मानें तो एशिया, खासकर भारत, जापान और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में इंसेफेलाइटिस का सबसे अधिक बोझ है। हर साल दुनिया भर में करीब 1 से 1.5 मिलियन लोग इस गंभीर बीमारी से प्रभावित होते हैं। केवल भारत की बात करें तो देश में सबसे अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं, स्टडीज से पता चला है कि हर एक लाख लोगों पर 16 मामले हैं। आइए आइए जानते हैं इंसेफेलाइटिस के बारे में विस्तार से।
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इंसेफेलाइटिस क्या है?
इंसेफेलाइटिस,दिमाग की सूजन की विशेषता वाली एक गंभीर,जीवन-घातक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है। इससे कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है। यह बीमारी वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शंस,या इम्यून सेल्स द्वारा गलती से मस्तिष्क पर हमला करने के कारण हो सकती है। इंसेफेलाइटिस की वजह बनने वाले वायरस मच्छरों और किलनी जैसे कीड़ों से फैल सकते हैं।
इंसेफेलाइटिस के प्रकार
Mayoclinic (ref.) के मुताबिक, इंसेफेलाइटिस के दो मुख्य प्रकार होते हैं। जब दिमाग में इंफेक्शन के कारण सूजन होती है, तो इसे संक्रामक इंसेफेलाइटिस के रूप में जाना जाता है। और जब यह दिमाग पर हमला करने वाली इम्यून सिस्टम के कारण होता है तो इसे ऑटोइम्यून इंसेफेलाइटिस के तौर पर जाना जाता है। हालांकि कभी-कभी इसका कोई ज्ञात कारण नहीं होता है।
इंसेफेलाइटिस की वजह

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कई अलग-अलग रोगजनक इंसेफेलाइटिस का कारण बन सकते हैं। हरपीज सिम्प्लेक्स (एचएसवी) विश्व स्तर पर इंसेफेलाइटिस का सबसे आम कारण है। ऑटोइम्यून इंसेफेलाइटिस,प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा संचालित एक सूजन संबंधी मस्तिष्क विकार,को भी तेजी से एक कारण के रूप में पहचाना जा रहा है।
कैसे फैलता है इंसेफेलाइटिस
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में उजागर किया है कि कुछ रोगजनक मच्छरों और किलनी द्वारा फैलते हैं। जबकि अन्य को वैक्सीन से रोका जा सकता है, जिनमें इन्फ्लूएंजा,वेरिसेला-जोस्टर वायरस (VZV), रेबीज, पोलियोमाइलाइटिस और खसरा, मम्प्स और रूबेला (MMR)से जुड़ा इंसेफेलाइटिसशामिल है।
वहीं, कुछ रोगजनक, जैसे किजापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (JEV), दोनों वैक्टर्स द्वारा प्रसारित होते हैं और वैक्सीनेशन के जरिए रोका जा सकता है।
किन्हें है ज्यादा खतरा?
इंसेफेलाइटिस सभी एज ग्रुप के लोगों को प्रभावित करता है। हालांकि कमजोर इम्यूनिटी, ऑटिम्यून डिजीज, स्मोकिंग करने वाले लोगों को इसका खतरा अधिक होता है। मच्छर या टिक-जनित वायरस विशेष भौगोलिक क्षेत्रों में यह आम है।
संक्रामक इंसेफेलाइटिस के लक्षण
संक्रामक इंसेफेलाइटिस से जूझ रहे अधिकतर लोगों में फ्लू के समान लक्षण नजर आते हैं। इंसेफेलाइटिस के लक्षणों में शामिल है-
सिरदर्द
बुखार
मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द
मांसपेशियों में कमजोरी
थकान या कमजोरी
गर्दन में अकड़न
भ्रम या मतिभ्रम
दौरे
चेहरे या शरीर के कुछ हिस्सों को हिलाने-डुलाने में असमर्थ होना या महसूस न होना।
अनियमित हरकतें
बोलने या सुनने में परेशानी
कोमा सहित चेतना की हानि।
ऑटोइम्यून इंसेफेलाइटिस के लक्षण

ऑटोइम्यून इंसेफेलाइटिस में,लक्षण कई हफ्तों में अधिक धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं। इसके लक्षण हर किसी के लिए अलग-अलग होते हैं,लेकिन लोगों में लक्षणों का कॉम्बिनेशन होना आम बात है,जिनमें शामिल हैं:
पर्सनैलिटी में परिवर्तन
मेमोरी लॉस
साइकोसिस
हैलुसिनेशन
सिजर्स
दृष्टि में परिवर्तन
नींद की समस्या
कमजोर मांसपेशियों
सेंसेशन की हानि
चलने में परेशानी
अनियमित हरकतें
मूत्राशय और आंत्र लक्षण।
इंसेफेलाइटिस का इलाज
यह इसके कारण,लक्षणों और गंभीरता पर निर्भर करता है। संभावित उपचारों में शामिल हैं:- एंटीवायरल दवा, स्टेरॉयड इंजेक्शन, इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी, प्लास्मफेरेसिस, ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी, एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता,सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।