केकेआर को चैंपियन बनाया, लेकिन मुझे... चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद छलका साइलेंट हीरो श्रेयस अय्यर का दर्द

नई दिल्ली: श्रेयस अय्यर ने 2024 के जनवरी से लेकर अब तक उतार-चढ़ाव का दौर देखा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर होने से लेकर कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ आईपीएल जीतने और अब चैंपियंस ट्रॉफी विजेता भारतीय टीम का हिस्सा बनने तक उन्होंने काफी कुछ अनुभव किया है। रोहित शर्मा ने भी उन्हें साइलेंट हीरो कहकर उनकी तारीफ की है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन के बाद श्रेयस ने माना कि पिछले साल कोलकाता को जीत दिलाने के बाद उन्हें उतना श्रेय नहीं मिला, जितना मिलना चाहिए था।केकेआर को तीसरा आईपीएल खिताब जीत दिलाने के बावजूद श्रेयस को फ्रेंचाइजी ने रिटेन नहीं किया था। हालांकि, पंजाब किंग्स ने मेगा ऑक्शन में उन्हें 26.75 करोड़ रुपये में खरीदा और अब वह टीम के कप्तान भी होंगे। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में जब भी भारतीय टीम मुश्किल में थी तो श्रेयस ने आगे बढ़कर जिम्मेदारी संभाली। पांच मैचों में 30 वर्षीय श्रेयस ने 243 रन बनाए, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप-ए के मैच में 79 रन था।
फाइनल में भी शुभमन गिल, विराट कोहली और रोहित शर्मा के विकेट गिरने के बाद श्रेयस ने ही पारी को संभाला था।श्रेयस ने कहा कि पिछले कुछ महीने उनके लिए बहुत संतोषजनक रहे हैं और उनकी मेहनत रंग ला रही है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी कमियों पर काम किया और जब से उन्होंने ऐसा करना शुरू किया तो परिणाम दिखने लगे। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में श्रेयस अय्यर ने कहा- बेहद संतोषजनक। सच कहूं तो यह एक सफर रहा है, और मैंने अपने जीवन के इस दौर में बहुत कुछ सीखा है, जहां 2023 वनडे वर्ल्ड कप खेलने के बाद मैं कॉन्ट्रैक्ट से बाहर हो गया था।
मैंने फिर से आकलन किया कि मैं कहां गलत हो रहा था, मुझे क्या करना चाहिए, मुझे अपनी फिटनेस पर कितना ध्यान देने की जरूरत है। मैंने खुद से ये सारे सवाल पूछे। एक रूटीन तैयार किया, और अपनी ट्रेनिंग और साथ-साथ नए स्किल्स पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया।'उन्होंने आगे कहा, 'जब मुझे घरेलू क्रिकेट में लगातार मैच मिले, तो मुझे समझ आया कि मेरे लिए फिटनेस कितनी महत्वपूर्ण है, खासकर जब मैंने साल की शुरुआत में अपनी चिंताएं जताई थीं। कुल मिलाकर मैं खुद से बेहद खुश हूं... जिस तरह से मैं इससे बाहर आया, जिस तरह से मैंने स्थिति को संभाला और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैंने खुद पर विश्वास किया।'यह पूछे जाने पर कि क्या वह कभी पूरी स्थिति से निराश हुए, बल्लेबाज ने जवाब दिया, 'फ्रस्ट्रेशन तो नहीं था क्योंकि मैं आईपीएल खेल रहा था।
मुख्य ध्यान आईपीएल जीतने पर था और शुक्र है कि मैं इसे जीत गया। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगा कि आईपीएल जीतने के बाद मुझे वह पहचान नहीं मिली जो मैं चाहता था।' वह शिकायत करने वालों में से नहीं हैं क्योंकि वह अपनी सफलता का आनंद ले रहे हैं।श्रेयस अय्यर ने कहा, 'जब मैं पहचान की बात करता हूं, तो यह सम्मान पाने के बारे में है। यह उन सभी प्रयासों के लिए सम्मान के बारे में था जो मैंने मैदान पर किए। मुझे लगता है कि कभी-कभी यह ध्यान नहीं दिया जाता है, लेकिन मैं अपने द्वारा किए गए प्रयासों से बेहद संतुष्ट हूं क्योंकि उन विकेटों पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं था।' उन्होंने आगे कहा, 'सिंगल्स लेना आसान नहीं था, खासकर जब गेंदबाज इतनी टाइट गेंदबाजी कर रहे थे।
मुझे बस खुद पर यकीन था कि अगर मुझे यहां या वहां दो छक्के मिल जाते हैं, तो मैं मैच का रुख अपनी तरफ मोड़ सकता हूं। सौभाग्य से, मुझे वे महत्वपूर्ण समय पर मिले।'
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