पहलवानों के लिए खुशखबरी, रेसलिंग फेडरेशन से हटा बैन, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट का क्या होगा?
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) पर लगा प्रतिबंध हट गया है। खेल मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का नियंत्रण सौंप दिया गया है। बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। यह फैसला 25-30 मार्च को जॉर्डन के अम्मान में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप से पहले आया है।
अगर भारतीय पहलवान इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेते तो उन्हें 13-21 सितंबर को जाग्रेब में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने से रोक दिया जाता। प्रतिबंध हटने से अब क्या होगा?खेल मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है, 'स्पॉट वेरिफिकेशन कमिटी की रिपोर्ट, डब्ल्यूएफआई द्वारा उठाए गए कदमों और भारतीय खेलों और एथलीटों के हितों को देखते हुए, खेल मंत्रालय 24 दिसंबर 2023 के आदेश द्वारा डब्ल्यूएफआई पर लगाए गए निलंबन को रद्द करता है। डब्ल्यूएफआई को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता बहाल की जाती है।
इससे अब कुश्ती महासंघ को फंडिंग मिलने शुरू हो जाएगी और साथ ही वह अपने फैसले खुद ले सकता है। वह अब नेशनल टूर्नामेंट का आयोजन भी करवा सकती है। डब्ल्यूएफआई को तब निलंबित कर दिया गया था, जब इसके नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने दिसंबर 2023 में उत्तर प्रदेश के गोंडा में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप की घोषणा की थी। यह कदम विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित कई प्रसिद्ध पहलवानों के चल रहे विरोध के बीच उठाया गया था। इसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने डब्ल्यूएफआई के रोजमर्रा के कामकाज को चलाने के लिए तीन सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया था।
बाद में इस समिति को भंग कर दिया गया। विनेश फोगाट अभी प्रेग्नेंट हैं जबकि बजरंग पूनिया भी खेल से दूर चल रहे हैं। वह ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के वर्किंग अध्यक्ष हैं। खेल मंत्रालय ने दिशा निर्देश दिएमंत्रालय ने अपने आदेश में डब्ल्यूएफआई के सुचारू संचालन के लिए निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है- डब्ल्यूएफआई को निलंबन अवधि के दौरान किए गए संशोधनों को वापस लेना होगा। पदाधिकारियों के बीच शक्तियों का संतुलन बनाना होगा। निर्णय लेने की प्रक्रिया में नियंत्रण और संतुलन प्रदान करना होगा।
यह प्रक्रिया 4 हफ्तों में पूरी होनी चाहिए।इस फैसले से भारतीय पहलवानों को राहत मिली है। वे अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेंगे। आदेश में आगे कहा गया है, 'डब्ल्यूएफआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए चयन स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया जाए। यह खेल संहिता के मौजूदा प्रावधानों और इस संबंध में जारी अन्य नवीनतम निर्देशों के साथ-साथ UWW द्वारा समय-समय पर जारी किए गए नियमों के अनुसार होना चाहिए।'
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