शौक बड़ी चीज है... टैक्सपेयर्स का पैसा गोल्फ खेलने में उड़ा रहे ट्रंप, 48 दिन में खर्च कर डाले 157 करोड़ रुपये
नई दिल्ली: कहते हैं शौक बड़ी चीज है। लेकिन शौक पूरा के लिए किसी दूसरे का पैसा खर्च करें तो चर्चाएं आम हो जाती हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति इस समय टैरिफ के अलावा अपने शौक के लिए भी चर्चा में आ गए हैं। ट्रंप ने दोबारा से जब से अमेरिका की गद्दी संभाली है, वह गोल्फ खेलने में करोड़ों रुपये खर्च कर चुके हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने अभी तक एक चौथाई से ज्यादा समय गोल्फ खेलने में बिताया है।
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप अपना गोल्फ का शौक पूरा करने के लिए सरकारी खजाने का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें कि सरकारी खजाने में अमेरिकी टैक्सपेयर्स का पैसा होता है। ट्रंप के इस खर्चे को लेकर टैक्सपेयर्स में नाराजगी है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि सिर्फ 48 दिनों में ट्रंप 13 बार गोल्फ खेल चुके हैं। वे अक्सर फ्लोरिडा और मियामी में अपने आलीशान गोल्फ कोर्स के लिए हवाई जहाज से जाते हैं, जबकि देश आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। कर डाले करोड़ों रुपये खर्चएक इंडिपेंडेंट रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप का गोल्फ खेलना सिर्फ उनका शौक नहीं है, बल्कि टैक्सपेयर्स के लिए यह बहुत बड़ा खर्चा है।
गवर्नमेंट अकाउंटेबिलिटी ऑफिस (GAO) की एक रिपोर्ट के आधार पर हफपोस्ट (HuffPost) का अनुमान है कि राष्ट्रपति के हालिया गोल्फ ट्रिप पर 18 मिलियन डॉलर (करीब 157 करोड़ रुपये) से ज्यादा खर्च हुआ है। जैसे-जैसे साल आगे बढ़ेगा यह खर्चा और भी बढ़ने की उम्मीद है।हर ट्रिप में एयर फोर्स वन से यात्रा, कड़े सुरक्षा इंतजाम और पुलिस की गश्त शामिल होती है। एयर फोर्स वह हवाई जहाज है जिसका इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से किया जाता है। इसके अलावा उनके निजी गोल्फ रिसॉर्ट्स के संचालन का खर्च भी अलग से होता है।
पहले भी महंगा पड़ा है शौकपूर्व श्रम सचिव रॉबर्ट रीच के अनुसार, अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप की गोल्फ की आदत पर 141 मिलियन डॉलर का खर्च आया था। यह उनके 400000 डॉलर के राष्ट्रपति वेतन को छोड़ने के फैसले से कहीं ज्यादा है, जिसका उन्होंने खूब प्रचार किया था। गोल्फ के काफी शौकीन हैं ट्रंपट्रंप गोल्प खेलने के काफी शौकीन हैं। उनके पास अमेरिका में 12 गोल्फ कोर्स हैं। साथ ही स्कॉटलैंड, आयरलैंड और UAE में भी उनके रिसॉर्ट्स हैं। अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही वे अपने निजी ट्रंप इंटरनेशनल वेस्ट पाम बीच और ट्रंप डोरल कोर्स में अक्सर जाते रहे हैं।
इससे कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी अध्यक्षता जनता की सेवा कर रही है या उनके निजी शौक की पूर्ति कर रही है।
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