अफगान महिलाओं को अमेरिका पर भरोसा करना पड़ा भारी, ट्रंप ने दिया धोखा, अब तालिबान के पास भेजने की तैयारी

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले ने 80 से ज्यादा अफगान महिलाएं के सामने खतरे की घंटी बजा दी है। डोनाल्ड ट्रंप से मिले धोखे के बाद अब भविष्य में अमेरिका पर भरोसा करना मुश्किल होगा। दुनियाभर में महिलाओं के अधिकारों की बात करने वाले अमेरिकी प्रशासन ने अब इन महिलाओं को तालिबान के खूंखार राज में वापस लौटने को मजबूर कर दिया है।
ये महिलाएं तालिबान शासन से भागकर ओमान में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए आई थीं, लेकिन विदेशी सहायता कार्यक्रमों में ट्रंप प्रशासन की व्यापक कटौती के बाद अब उन्हें अफगानिस्तान वापस भेजे जाने की तैयारी हो रही है। छात्राओं की छात्रवृत्ति रोकी गईयूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) से वित्तपोषित इन अफगान महिलाओं की छात्रवृत्ति को डोनाल्ड ट्रंप के जनवरी में कार्यालय में वापस आने पर फंडिंग रोक दिए जाने के बाद अचानक समाप्त कर दिया गया है। डर के चलते नाम न बताने की शर्त पर एक छात्रा ने बीबीसी से बातचीत में इसे दिल तोड़ने वाला बताया।
उसने कहा, हर कोई हैरान था और रो रहा था। हमें बताया गया है कि हमें दो सप्ताह के भीतर वापस भेज दिया जाएगा।लगभग चार साल पहले अगस्त 2021 में सत्ता में वापसी के बाद से तालिबान ने महिलाओं पर कठोर प्रतिबंध लगाए हैं। महिलाओं की शिक्षा को रोक दिया गया है। इस दौरान कई अफगान महिलाएं देश छोड़कर भाग गईं, जिन्हें यूएसएआईडी के कार्यक्रमों में संरक्षण मिला था। लेकिन वॉइट हाउस के विदेशी सहायता कार्यक्रम को समाप्त करने और अरबों डॉलर की कटौती के कारण दुनिया भर में मानवीय कार्यक्रमों को झटका लगा है। अफगान महिलाओं की मदद की गुहारओमान में पढ़ाई कर रही महिलाओं का कहना है कि उन्हें अफगानिस्तान वापस भेजने की तैयारी चल रही है और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है।
बीबीसी ने 82 छात्रों को भेजे गए ईमेल देखे हैं, जिसमें उन्हें बताया गया है कि USAID की फंडिंग खत्म होने के कारण उनकी छात्रवृत्ति बंद कर दी गई है।
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