लेडी अमिताभ विजयलक्ष्मी को कांग्रेस ने बनाया तेलंगाना MLC प्रत्याशी, सोनिया गांधी ने की थी स्पेशल सिफारिश

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हैदराबाद : तेलंगाना विधान परिषद चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प होने वाला है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस और CPI ने अपने चार उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। खास बात है कि कांग्रेस ने लेडी अमिताभ के नाम से फेमस एक्ट्रेस विजयशांति को मैदान में उतारा है। MLAs कोटे के तहत पांच MLC सीटों के लिए 20 मार्च को चुनाव होने वाले हैं।AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीन MLC सीटों के लिए अड्डंकी दयाकर, केथावत शंकर नायक और विजयशांति के नामों पर मुहर लगा दी।
साथ ही, उन्होंने सहयोगी पार्टी CPI को एक सीट आवंटित की। कुछ ही घंटों बाद, CPI ने राज्य कार्यकारी सदस्य एन सत्यम को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। एंट्री ने सबको चौंकायाकई फिल्मी भूमिकाओं में एक पुलिस अधिकारी का रोल निभा चुकीं विजयशांति को प्रत्याशी बनाया गया है। विजयशांति को लेडी अमिताभ कहा जाता है। वह बीते दो दशक पहले राजनीति के मैदान में आई थीं। वह कई दल बदल चुकी हैं। अब विजयशांति ने 20 मार्च को तेलंगाना एमएलसी चुनावों के लिए कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों के बीच आश्चर्यजनक वापसी की है।
लंबे समय से दूर रहींकन्नड़, तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषाओं में 180 से अधिक फिल्मों में काम कर चुकीं विजयशांति को अपने राजनीतिक करियर में शायद ही इतनी सफलता मिली हो। हालांकि, कांग्रेस में उन्हें हमेशा आलाकमान का आशीर्वाद प्राप्त रहा है। वह सार्वजनिक जीवन से लंबे समय तक अनुपस्थिति के बावजूद अब एमएलसी टिकट प्राप्त करने में सफल रही हैं। तेलंगाना से नाम नहीं गया, सोनिया गांधी ने किया ऐडखबरों की मानें तो तेलंगाना कांग्रेस ने AICC को जो नामों की अंतिम सूची भेजी थी, उसमें विजयशांति का नाम नहीं था।
एक AICC सूत्र ने बताया कि पार्टी आलाकमान खासकर सोनिया गांधी विजयशांति को MLC बनाने के पक्ष में थीं। AICC मुख्यालय में चर्चा है कि TPCC उनकी सेवाओं का सही ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाई। विजयशांति में बहुत क्षमता है और तेलंगाना के लोगों के दिलों में उनकी जगह है। अगर उन्हें कैबिनेट में जगह मिलती है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा। कौन हैं विजयशांतिविजयशांति ने 1998 में BJP के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। फिर उन्होंने तल्ली तेलंगाना पार्टी बनाई। बाद में वह BRS में शामिल हो गईं और मेडक से लोकसभा सदस्य के रूप में जीतीं।
इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गईं। हालांकि, उन्होंने नवंबर 2020 में कांग्रेस छोड़ दी और 6 दिसंबर, 2020 को फिर से BJP में शामिल हो गईं। नवंबर 2023 में, उन्होंने BJP छोड़ दी और उसी महीने कांग्रेस में फिर से शामिल हो गईं। अब देखने वाली बात यह है कि मौजूदा विधायकों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस आसानी से तीन सीटें और BRS एक सीट जीत सकती है। लेकिन कांग्रेस के पास चौथी सीट जीतने का भी मौका है। इसके लिए उन्हें BRS के 10 दलबदलुओं और AIMIM के सात विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। कांग्रेस आलाकमान ने उम्मीदवारों का चयन करते समय जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखा है।
दरअसल, पार्टी के कई दिग्गज नेता, युवा और 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस में शामिल हुए लोग MLC सीट के लिए दावेदारी कर रहे थे। पिछड़ा वर्ग से आती हैं विजयशांतिअड्डंकी दयाकर अनुसूचित जाति (माला) से आते हैं, जबकि शंकर नायक अनुसूचित जनजाति समुदाय के एक लम्बादा हैं। विजयशांति पिछड़ा वर्ग से हैं और उन्हें महिला कोटे के तहत भी चुना गया है। अड्डंकी मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के करीबी माने जाते हैं। नायक पार्टी के वरिष्ठ नेता के जन रेड्डी के करीबी हैं और पिछले 30 सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।