यूपी उपचुनाव: क्या सपा विधायक पूजा पाल बीजेपी के लिए कर रहीं प्रचार, ऐसी चर्चा क्यों ?

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शिवपूजन सिंह, प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में फूलपुर विधानसभा का उपचुनाव बेहद दिलचस्प हो चला है। देशभर की नजर फूलपुर विधानसभा के उपचुनाव पर हैं। छोटे-छोटे मुद्दे भी तेजी से उछाले जा रहे हैं। इस बीच, सपा विधायक का बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव-प्रचार करना चर्चा का विषय बन गया है।
हम बात कर रहे हैं समाजवादी पार्टी से चायल विधानसभा की विधायक पूजा पाल की, जोकि फूलपुर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के कैंडिडेट दीपक पटेल का चुनाव प्रचार करते हुए देखी गईं। हालांकि, पूजा पाल पार्टी के खिलाफ पहली बार नहीं गई हैं। इससे पहले भी वह राज्यसभा चुनाव 2024 में क्रॉस वोटिंग कर चुकी हैं। यही नहीं लोकसभा चुनाव 2024 में वह खुलकर चुनाव-प्रचार तो बीजेपी के समर्थन में नहीं किया, लेकिन अंदरूनी तौर पर उन्होंने बीजेपी का समर्थन किया। वह हमेशा साफतौर पर यह कहने से बचती रही हैं कि उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली है।
वह हमेशा यही बोलती हैं कि अपनी बिरादरी के लोगों के बीच मिलती-जुलती हैं। इसको प्रचार प्रसार के रूप में लोग देखते हैं। वह सत्य के साथ हैं और जो सत्य है, वह यही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उनके ऊपर बहुत बड़ा एहसान है और जरूरत पड़ने पर वह उनका साथ देकर उस एहसान को चुकता करने की कोशिश करती हैं।सबसे अचरज की बात यह है कि इस विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के दर्जनों धुरंधर नेता अपने प्रत्याशी मुज्तबा सिद्दीकी का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी फूलपुर विधानसभा में चुनावी सभा कर चुके हैं।
ऐसे में उनकी ही पार्टी की विधायक अगर विरोधी पार्टी भारतीय जनता पार्टी का प्रचार प्रसार कर रही हैं तो उसे नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है। यह एक बहुत बड़ा सवाल है। वहीं, अखिलेश यादव पहले भी कह चुके हैं कि राज्यसभा चुनाव 2024 में क्रॉस वोटिंग करने वाली सपा विधायक पूजा पाल और पल्लवी पटेल को पार्टी से अभी निष्कासित नहीं करेंगे। आम लोगों को यह बात समझ में नहीं आ रही है। दूसरी तरफ सपा विधायक पूजा पाल बीजेपी की ओर लगातार जाने का प्रयास करती हुई दिखाई देती रही हैं। हालांकि, बीजेपी की ओर से उनको कोई खास तवज्जो कभी नहीं मिला है।
इस बात को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पूजा पाल ने राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग की, लेकिन भारतीय जनता पार्टी में उनकी स्थिति मजबूत नहीं दिखी। उमेश पाल हत्याकांड के बाद उनकी पत्नी जयापाल का पाल बिरादरी में दखल बढ़ने से पाल बिरादरी में उनका जनाधार न खिसक जाए, इसके लिए वह बीजेपी में कूद पड़ीं, लेकिन सच्चाई यही है कि पूजा पाल बहुत सोच समझकर पॉलीटिकल स्टैंड लेती हैं। राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान भी पूजा पाल ने क्रॉस वोटिंग करने का जो फैसला लिया, उसके पीछे भी बहुत बड़ी राजनीतिक सोच थी।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, विधायक राजू पाल और वकील उमेश पाल के हत्यारों के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्टैंड से पूजा पाल एहसानमंद थीं। जिसका रिटर्न गिफ्ट बीजेपी के पाले में वोटिंग करके उन्होंने दिया।