पटना के घाट पर दिखा 29 साल बाद एक ऐसा जीव, जिसे देख खुश हो रहे हैं लोग, आप भी जरूर जाएं देखने

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सोचिए अगर आप गंगा किनारे किसी एक घाट पर बैठे हो और सामने से उछलता हुआ आपको एक ऐसा जीव दिखे जिसे बस आपने केवल फिल्मों में ही देखा हो, तब आप क्या करेंगे? शायद धड़ाधड़ फोटोज खींचना शुरू कर देंगे, और यही कहेंगे वाह क्या नजारा है! कुछ ऐसा ही सीन पटना के घाटों पर चल रहा है, जहां प्यारी सी डॉल्फिंस लगभग 29 साल बाद पटना के घाटों पर वापस आ गई हैं। साफ पानी में रहने वाले इन स्तनधारियों को ‘सुसु’ भी कहते हैं। जो अब पटना के छह घाटों (गंगा नदी से 99 किलोमीटर दूर) में दिखाई दे रही हैं।

रिकॉर्ड के अनुसार, इस साल 70 से अधिक डॉल्फिन देखी गई हैं और उनकी वापसी, संरक्षण में किए गए प्रयासों को लेकर सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है। बता दें, गंगा में रहने वाली डॉल्फिन को इंडिया का नेशनल एक्वाटिक एनिमल भी कहते हैं। चलिए इस लेख के जरिए देते हैं पूरी जानकारी। (फोटो साभार: AI)
इंडिया नेशनल एक्वाटिक एनिमल

ऐसी डॉल्फिंस लंबी सूंड़, गोल शरीर और अनोखी स्विम टेक्नीक के साथ बेहद स्पेशल मानी जाती हैं। और इन डॉल्फिंस को देखने का अलग ही मजा है। इसके अलावा, वे पानी में भी नेविगेट करने और शिकार करने के लिए अल्ट्रासोनिक तरंगों का इस्तेमाल करती हैं। ऐसी डॉल्फिंस अगर आपको पटना के घाटों पर दिख जाएं तो सोचिए क्या ही नजारा होगा। (फोटो साभार: AI)


इन घाटों पर मिली हैं डॉल्फिंस

गाय घाट: गाय घाट उन प्रमुख क्षेत्रों में से एक है जो पर्यटकों और शोधकर्ताओं दोनों के लिए पसंदीदा बन गई है। यहां डॉल्फिन बेहद साफ दिखती हैं और ये जगह ऐसे जीवों को देखने के लिए एकदम परफेक्ट है। त्रिवेणी घाट (फतुहा): गंगा और पुनपुन नदियों के संगम पर स्थित, त्रिवेणी घाट डॉल्फिन देखने के लिए एक और प्रमुख स्थान है। बता दें, एक किलोमीटर के दायरे में यह 20 से अधिक डोल्फिन देखी गई हैं, जो ये जगह एक्वाटिक एनिमल के लिए समृद्ध आवास है।

रानी घाट (सुल्तानगंज): रानी घाट भी डॉल्फिन देखने के लिए एक प्रमुख जगह के रूप में उभरी है। इस क्षेत्र में लगभग 10 डॉल्फिन नियमित रूप से देखी जाती हैं। (फोटो साभार: AI)


पटना के वो घाट जहां घूम सकते हैं

गांधी घाट: यह पटना का सबसे प्रसिद्ध घाट है।यहां गंगा आरती का आयोजन किया जाता है, जो वाराणसी की आरती से प्रेरित है।शाम के समय यहां की रौनक देखने लायक होती है।काली घाट:यह घाट मां काली को समर्पित है।यहां आने वाले श्रद्धालु स्नान कर मां काली के दर्शन करते हैं।कुम्हरार घाट:

ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।यहां की शांति और प्राकृतिक दृश्य सुकून प्रदान करते हैं।बांकीपुर घाट:पवित्र स्नान और पूजा के लिए प्रसिद्ध।खासतौर पर छठ पूजा के दौरान यहां भक्तों की भीड़ रहती है।


कैसे पहुंचे पटना

हवाई मार्ग: पटना में जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Patna Airport) है। भारत के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद से पटना के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं।रेल मार्ग:

पटना जंक्शन (Patna Junction) भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है। यह दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और अन्य बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप अपनी यात्रा के लिए IRCTC की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से ट्रेन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।सड़क मार्ग: पटना राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से जुड़ा हुआ है। बस: बिहार राज्य परिवहन निगम (BSRTC) और प्राइवेट बसें पटना तक पहुंचने का एक अच्छा साधन हैं।कार:
आप निजी कार या टैक्सी से भी यात्रा कर सकते हैं।नदी मार्ग: अगर आप कुछ नया अनुभव करना चाहते हैं, तो गंगा नदी के माध्यम से पटना पहुंच सकते हैं। (फोटो साभार: wikimedia commons)