मोदी ने कमाल के पत्ते खेले हैं... G20 में भारतीय पीएम के अंदाज पर फिदा हुए पाकिस्तानी एक्सपर्ट, शहबाज को फटकारा
रियो डी जेनेरियो: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हैं। वह दो दिन (18-19 नवंबर) तक चलने वाले 19वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। जी20 शिखर सम्मेलन के इतर नरेंद्र मोदी की अमेरिका, इटली, इंडोनेशिया, नॉर्वे, पुर्तगाल, मिस्र, दक्षिण कोरिया और दूसरे देशों के नेताओं से मुलाकात हुई है।
नरेंद्र मोदी आईएमएफ की गीता गोपीनाथ और यूरोपीय संघ की उर्सुला वॉन डेर लेयेन से भी मिले हैं। नरेंद्र मोदी की ब्राजील से दुनिया के नेताओं के साथ बैठकों की तस्वीरों पर पाकिस्तान के राजनीतिक टिप्पणीकार कमर चीमा ने उनकी जमकर तारीफ की है। एक तरफ चीमा ने नरेंद्र मोदी को सराहा है तो दूसरी ओर पाकिस्तान की सरकार को घेरा है।कमर चीमा ने अपने वीडियो में कहा, 'ब्राजील का जी-20 समिट नरेंद्र मोदी को दुनिया में मिल रही जगह को दिखाता है। जी-20 से सामने आई तस्वीर में नरेंद्र मोदी बीच में बैठे हैं, एक तरफ उनके अमेरिका के राष्ट्रपति हैं तो दूसरी तरफ ब्राजील के प्रेसीडेंट हैं।
उन्होंने इटली और दूसरे देशों के नेताओं से भी मुलाकात की है। ये दिखाता है कि भारत को कितनी सेंट्रल पोजीशन दुनिया में मिल रही है। हमने (पाकिस्तान) ने भी भारत के साथ ही आजादी हासिल की थी लेकिन हमारी गाड़ी पता नहीं कहां छूट गई है। हम आज दुनिया में कहीं नहीं दिख रहे हैं।' नरेंद्र मोदी शानदार तरीके से पत्ते खेल रहेकमर चीमा ने नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, 'भारत के पीएम मोदी साउथ अफ्रीका, ब्राजील, इटली के नेताओं से ऐसे मिल रहे हैं, जैसे वो किसी गुजराती बोलने वाले शख्स से ब्राजील में मिले गए हों और हंसी मजाक चल रहा हो।
ये कहना होगा कि नरेंद्र मोदी ने बहुत खूबसूरती से अपने पत्ते खेले हैं और एक पूरे प्लान के साथ खुद को दुनिया के सामने पेश किया है। नरेंद्र मोदी ने शानदार तरीके से अपने पत्ते खोले तो उसीका नतीजा है कि नरेंद्र मोदी और भारत को दुनिया में बड़ी स्पेस मिल रही है।' पाकिस्तान की हालत पर बात करते हुए चीमा ने आगे कहा कि हम भारत के मुकाबले या दुनिया के सामने हम कहां पिछड़े इस पर बात होनी चाहिए। चीमा ने कहा, 'पाकिस्तान के पास टैलेंट की कभी कमी नहीं रही है लेकिन हमने उसने समझा नहीं। हमने संविधान को अहमियत नहीं दी, बार-बार जनादेश को चुराया, एलीट ने सब चीजों पर कब्जा किया और कभी कोई स्पष्ट विदेश नीति नहीं बनाई।
दूसरी ओर भारत ने आजादी के बाद से ही एक विदेश नीति तय कर उस पर बढ़ने का रास्ता चुना। लोगों की वोट और जनादेश को अहमियत दी और अवाम की इज्जत की। इसी का नतीजा है कि आज भारत एक बेहतर जगह पा गया है।'
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