इजरायली आर्मी ने ईरान का परमाणु बम का ठिकाना तबाह किया, मिसाइल प्रोग्राम को भी नुकसान, नेतन्याहू का दावा
तेल अवीव: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि अक्टूबर में ईरान पर किए गए उनकी एयरफोर्स के हवाई हमले में तेहरान के परमाणु कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा भी तबाह हुआ है। उन्होंने कहा कि इजरायली फोर्स (आईडीएफ) ने ऐसा करते हुए ईरान के परमाणु हथियार प्राप्त करने के सपने को झटका दिया है। साथ ही इस हमले के दौरान इजरायली फोर्स (आईडीएफ) ने ईरान के मिसाइल प्रोग्राम को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
यरूशलम पोस्ट के मुताबिक बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमारे 26 अक्टूबर के हमले में ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक खास घटक प्रभावित हुआ है। हालांकि उन्होंने घटक की पहचान के बारे में नहीं बताया। नेतन्याहू ने कहा कि आईडीएफ के सफल हमले के बावजूद ईरान का परमाणु हथियार तक पहुंचने का रास्ता अभी भी पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। 26 अक्टूबर को इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया था। ये हमला कुछ सप्ताह पहले ईरान की ओर से इजरायल पर दागी गई 200 बैलिस्टिक मिसाइलों के बाद किया गया था।
रूसी एयर डिफेंस को भी तबाह कियानेतन्याहू ने ये भी कहा कि इस साल अप्रैल में जब इजरायल ने पर हमला किया था तो तेहरान के आसपास रूसी एयर डिफेंस सिस्टम एस-300 की चार में से एक बैटरी को नष्ट कर दिया था। इसके बाद अक्टूबर के अटैक में शेष तीन बैटरियों को नष्ट कर दिया। साथ ही ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन क्षमताओं तथा ठोस ईंधन के उत्पादन की क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिसका उपयोग लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों में किया जाता है।नेतन्याहू ने भी कहा कि इजरायल की ईरान के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने या नष्ट करने की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने कहा, 'अगर हम ईरान के परमाणु कार्यक्रम का ध्यान नहीं रखते हैं, तो सभी अन्य समस्याएं वापस आ जाएंगी। ईरान के प्रतिनिधि फिर से हथियारबंद होकर इजरायल पर हमला कर सकेंगे। बीते साल 7 अक्टूबर जैसे अन्य हमलों को रोकने का एकमात्र तरीका परमाणु ईरान को रोकना है। इसलिए हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।ईरान और इजरायल के बीच तनातनी काफी समय से चल रही है। बीते साल अक्टूबर में गाजा में इजरायल के हमले के बाद ये दुश्मनी तेज हुई है। दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। दोनों बीते नौ महीनों में एक-दूसरे पर मिसाइल और हवाई हमले भी कर चुके हैं और अभी भी तनाव बरकरार है।
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