धनबाद रैली में मिथुन चक्रवर्ती का पर्स चोरी, मंच से वापस करने की अपील
निरसा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता के समर्थन में मंगलवार को राज्यसभा सदस्य और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती कलियासोल इंटर कॉलेज पहुंचे। उन्होंने वहां सभा की। इस दौरान मंच पर चढ़ते समय उनका पर्स गिर गया। फिर क्या, जब मिथुन को इसका अहसास हुआ तो उन्होंने आयोजकों को इसकी जानकारी दी। तुरंत मंच से माइक पर कहा गया कि मिथुन दा का पर्स खो गया है। इसमें जरूरी दस्तावेज हैं, जिस किसी को भी पर्स मिला हो, वह उसे लौटा दे।
उन्होंने कुछ देर तक इंतजार किया लेकिन उनका पर्स नहीं मिला। इसके बाद मिथुन ने एक बैठक की। जब वे वापस जा रहे थे तो एक युवक ने उनका पर्स यह कहते हुए लौटा दिया कि पड़ा मिला है। भाजपा आईटी सेल के फूलचंद मंडल और आयोजन समिति की काजल ने बताया कि पर्स मिलने के बाद हम सबने राहत की सांस ली। पर्स में सिर्फ जरूरी दस्तावेज थे। इससे पहले बैठक में मिथुन ने कहा कि अपर्णा को जिताइए, मैं फिर आपके बीच आऊंगा, आपके साथ डांस भी करूंगा। उन्होंने कहा कि टीएमसी बंगाल में 35 फीसदी हिंदुओं को वोट नहीं करने देती।
यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में उम्मीद से कम सीटें मिलीं। मैं कभी दंगा भड़काने की बात नहीं करता, फिर भी बंगाल सरकार मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। देश में अवैध रूप से घुसने वाले बांग्लादेशियों पर नियंत्रण जरूरी है। झारखंड और धनबाद का विकास भाजपा सरकार में ही होगा। उन्होंने तूफान और जल्लाद फिल्म के डायलॉग भी बोले। उन्होंने कहा कि मेरा एक हाथ टूटा हुआ है। मैं आपसे इतना प्यार करता हूं कि टूटे हाथ के साथ आपके बीच मौजूद हूं। आप सभी मोदी जी के सैनिकों की संख्या बढ़ाएं।
अगर हम अभी नहीं जागे तो दुनिया की पांचवीं आर्थिक व्यवस्था बनने जा रहा देश पिछड़ जाएगा। प्यार कभी कम नहीं करना, कोई सितम कर लेना गीत भी गाया गया। अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि लाल झंडा गुंडागर्दी, रंगदारी और आतंक का पर्याय बन गया है। इस दौरान पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के विधायक प्रतिनिधि रहे गौतम दसौंधी सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए।
इससे पहले धनबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मिथुन ने कहा कि यहां बदलाव की लहर दिख रही है। भाजपा की सरकार बनेगी। मेरी पहचान आदिवासी फिल्म मृगया में काम करके बनी। मैंने उसमें घिनुआ का किरदार निभाया था। देखिए, मैं अंतरराष्ट्रीय पहचान के साथ खड़ा हूं।
आदिवासियों के सम्मान के लिए लोगों को बदलाव लाना होगा। खास बातें:- मिथुन चक्रवर्ती करीब दो घंटे की देरी से सभा स्थल पर पहुंचे, उनके पहुंचने से पहले ही सारी कुर्सियां भर चुकी थीं।- उनके पहुंचते ही भीड़ बेकाबू हो गई, बैरिकेडिंग तोड़कर मंच के सामने पहुंच गई।- मिथुन चक्रवर्ती करीब 40 मिनट तक मंच पर रहे, सड़क मार्ग से आए, हेलीकॉप्टर से गए।