Rajasthan Crime: जिंदा युवक का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार की थी तैयारी, लेकिन चिता पर बॉडी करने लगी अचानक से हरकत और फिर....
इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के झुंझुनूं में एक बड़ा मामला सामने आया हैं और वो भी ऐसा की एक बार तो आप भी सुनकर डर जाएंगे और इतना ही नहीं इतना घबरा जाएंगे की आप परेशान हो जाएंगे। जी हां यहां के बीडीके अस्पताल में जीवित युवक को मृत बताने वाले 3 डॉक्टरों पर गाज गिर गई है। सरकार ने घोर लापरवाही बरतने पर पीएमओ और दो चिकित्सा अधिकारियों को निलंबित कर जांच बैठाई है। मामले में प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप कुमार पंचार, मेडिसिन विभाग में चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश कुमार जाखड़ और चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवनीत मील को निलंबित किया गया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोटर्स की माने तो झुंझुनूं के बागड़ कस्बे में मां सेवा संस्थान लावारिस, दिव्यांग और मेंटली रिटायर लोगों की सेवा करने का काम करती हैं। गुरुवार सुबह यहां से बेहोशी की हालत में लावारिस रोहिताश को बीडीके अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था, जिसको डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था, इमरजेंसी में डॉक्टर के मृत घोषित करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में शिप्ट कर दिया गया और बॉडी को डीप फ्रिजर में रख दिया गया। रोहिताश को मृत मानकर दो घंटे तक बॉडी को डीप फ्रिजर में रखा, उसके बाद अंतिम संस्कार के लिए बॉडी भेज दी गई।
चिता के दौरान हुई हलचल
जब चिता पर अग्नि देने का समय आया तो शव उस वक्त हरकत करने लगा। इसके बाद वहां मौजूद लोग आनन-फानन में रोहिताश को बीडीके अस्पताल की एमरजेंसी लाए, जहां पर इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती किया गया। इसके बाद चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग में संयुक्त शासन सचिव निशा मीणा ने आदेश जारी कर बताया कि राजकीय बीडीके हॉस्पिटल, झुंझुनू की इमरजेंसी यूनिट में एक जीवित युवक को मृत घोषित करने की घोर लापरवाही बरतने के कारण जिला कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है।
pc- bhaskar