Credit Card से लेकर एडवांस टिकेट बुकिंग तक November में बदलने वाले है ये नियम, जानिए ऍम जनता पर क्या होगा असर

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बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - चालू वर्ष के नवंबर महीने में वित्त और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी कुछ चीजों के नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन नए बदलावों पर नज़र रखना ज़रूरी है क्योंकि ये आपके बजट को प्रभावित कर सकते हैं।

डायरेक्ट मनी ट्रांसफर नियम
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डायरेक्ट मनी ट्रांसफर (DMT) का नया ढांचा 1 नवंबर, 2024 से लागू हो गया है। इस ढांचे का उद्देश्य मौजूदा वित्तीय कानून का अनुपालन सुनिश्चित करना और घरेलू धन हस्तांतरण को अधिक सुरक्षित बनाना है।

ICICI बैंक क्रेडिट कार्ड नियम
ICICI बैंक ने अपने क्रेडिट कार्ड नियमों और रिवॉर्ड प्रोग्राम में कुछ बदलाव किए हैं, जो 15 नवंबर, 2024 से लागू होंगे। इनमें स्पा लाभ बंद करना, 1 लाख रुपये से अधिक के ईंधन अधिभार छूट को हटाना, तीसरे पक्ष के माध्यम से शिक्षा भुगतान पर 1% शुल्क, वार्षिक शुल्क के लिए खर्च सीमा और संशोधित विलंब भुगतान शुल्क शामिल हैं।

एसबीआई क्रेडिट कार्ड
एसबीआई कार्ड्स ने 1 नवंबर 2024 से नए नियम लागू किए हैं, जिसका असर क्रेडिट कार्ड यूजर्स के यूटिलिटी बिल पेमेंट और फाइनेंस चार्ज पर पड़ेगा। इस बीच, एसबीआई क्रेडिट कार्ड के लिए फाइनेंस चार्ज बढ़ाकर 3.75% प्रति माह कर दिया जाएगा। इसके अलावा, एक बिलिंग साइकिल में 50,000 रुपये से अधिक के यूटिलिटी बिल पेमेंट पर 1% शुल्क लिया जाएगा।

यूपीआई लाइट की नई नीति
यूपीआई लाइट में सिंगल ट्रांजेक्शन की सीमा 1 नवंबर 2024 से मौजूदा 500 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, यूपीआई लाइट यूजर अपने वॉलेट में 2,000 रुपये की मौजूदा सीमा के बजाय 5,000 रुपये तक का बैलेंस रखने का विकल्प चुन सकते हैं।

भारतीय रेलवे एडवांस बुकिंग
भारतीय रेलवे ने एडवांस ट्रेन टिकट बुकिंग की समय सीमा 120 दिन से बढ़ाकर 60 दिन कर दी है। इस अवधि में ट्रेन के प्रस्थान का दिन शामिल नहीं है। यह बदलाव 1 नवंबर 2024 से लागू हो गया है, लेकिन पहले से की गई बुकिंग पर इसका कोई असर नहीं होगा।

ट्राई की नीति में बदलाव
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को स्पैम मैसेज को ट्रेस करने और ब्लॉक करने की प्रक्रिया लागू करने का निर्देश दिया है। इसकी मदद से यूजर्स अनचाहे मैसेज से सुरक्षित रहेंगे। क्योंकि इससे यूजर्स को ट्रांजेक्शन और प्रमोशनल मैसेज की उत्पत्ति को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। इस दौरान ट्रेसेबिलिटी मानकों को बनाए रखने में विफल रहने वाले नंबरों को ब्लॉक कर दिया जाएगा। टेलीकॉम सेक्टर में ये बदलाव 1 नवंबर 2024 से लागू हो गए हैं।