'दीवार पर खून, खोपड़ी के टुकड़े...' जब Helen ने बयां किया बर्मा का दिल दहला देने वाला बनकर, जानिए क्यों छोड़ना पड़ा घर-बार

Hero Image

मनोरंजन न्यूज़ डेस्क -  1960 के दशक में सिनेमा जगत में एक नाम चर्चा में आया था। वो नाम कोई और नहीं बल्कि अभिनेत्री हेलेन थी। उस समय वो 'गोल्डन गर्ल' के नाम से मशहूर हुई थीं। उन्होंने अपने करियर में कई बेहतरीन भूमिकाएं निभाई हैं और पर्दे पर अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। 1960 और 1970 के दशक में लगभग हर हिंदी फिल्म में किसी क्लब में डांस नंबर होता था। हेलेन उसमें जरूर होती थीं। यही वजह है कि उन्हें आइटम गर्ल के नाम से भी जाना जाता था। उनकी जिंदगी काफी ग्लैमरस रही है। लेकिन, उनके लिए यहां तक का सफर तय करना आसान नहीं था। उन्होंने काफी मुश्किल वक्त भी देखा है।

यहां तक कि उन्हें भूखमरी का भी सामना करना पड़ा था। आइए आपको उनकी जिंदगी के उस काले दिन के बारे में बताते हैं जब उन्हें अपना देश और घर छोड़कर सबकुछ छोड़कर भागना पड़ा था। हेलेन महज 3 साल की थीं जब उन्हें अपना घर छोड़कर अपने परिवार के साथ बर्मा से भागना पड़ा था। उन्हें अपनी मां मार्लीन और छोटे भाई के साथ रातों-रात पैदल ही वहां से निकलना पड़ा था। इस दौरान वह 9 महीने से ज़्यादा पैदल चलने के बाद असम के डिब्रूगढ़ पहुंची थीं। हेलेन का जन्म आधी स्पेनिश और आधी बर्मी मां मार्लीन और एक फ्रांसीसी पिता से हुआ था। पिता की मौत के बाद उनकी मां ने एक ब्रिटिश अधिकारी से दूसरी शादी कर ली थी, जो जापानी सैनिकों द्वारा देश पर किए गए हमले में मारा गया था। वह बर्मा में तैनात था।


एयरपोर्ट पर देखा था ऐसा नज़ारा

1964 में फ़िल्मफ़ेयर से बातचीत में जैसा कि जैरी पिंटो ने अपनी किताब 'हेलेन: द लाइफ़ एंड टाइम्स ऑफ़ एनएच-बॉम्ब' में लिखा है, हेलेन ने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया था कि उनका परिवार दिसंबर 1941 में बर्मा छोड़कर चला गया था। क्योंकि बर्मा पर जापानियों द्वारा भारी बमबारी की जा रही थी। हेलेन ने आगे बताया कि उनकी मां ने एक बैग में कुछ खाने का सामान पैक किया और अपने छोटे भाई को गोद में लेकर एयरपोर्ट चली गईं। उस रात भी बमबारी हुई थी। इससे डरकर वे घर लौट आए।


वह 9 महीने तक पैदल चली

पुराने दिनों को याद करते हुए हेलेन ने बताया था कि बर्मा में उनके लिए ज़िंदगी कितनी मुश्किल हो गई थी। उनके सौतेले पिता एक ब्रिटिश अधिकारी थे, जिनकी मृत्यु पहले ही हो चुकी थी। उसी समय जब बर्मा के कुछ लोगों ने भारत आने का फैसला किया था, तो उनकी मां ने भी उनके साथ आने का फैसला किया था। वह उन सभी लोगों के साथ करीब 9 महीने तक पैदल चलकर असम के डिब्रूगढ़ पहुंची थीं। इस दौरान कई लोग बीमार पड़ गए और कई लोगों की जान भी चली गई। हेलेन ने बताया था कि उनकी मां और वह लगभग कंकाल बन चुके थे। उनके भाई की हालत भी गंभीर थी। असम पहुंचने के बाद उन्होंने दो महीने अस्पताल में बिताए थे।


हेलेन ने देखा था दर्दनाक मंजर

नसरीन मुन्नी कबीर के साथ एक टेलीविजन इंटरव्यू में अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए हेलेन ने बताया था कि जब वह उन जगहों से गुजरी थीं, जहां बमबारी हुई थी, तो उन्होंने वहां बहुत कुछ देखा था। उन्होंने बताया था कि जब वह आधी रात को घर से भाग रही थीं, तो उन्होंने एक जगह देखी, जहां बम गिरा था। यह एक दुकान थी और दीवार पर बाल, खून और खोपड़ी के टुकड़े दिखाई दे रहे थे। गौरतलब है कि हेलेन असम के डिब्रूगढ़ से कोलकाता आ गई थीं। यहां कुछ समय रहने के बाद उन्होंने अपने परिवार के साथ मुंबई आने का फैसला किया। यहां आकर एक्ट्रेस ने छोटी सी उम्र में ही अपने करियर की शुरुआत कर दी। यहां उन्हें अपनी खूबसूरती और एक्टिंग स्किल्स की वजह से खूब नाम और शोहरत मिली। वह इंडस्ट्री की पॉपुलर डांसिंग आइकन बन गईं।