Gaziabad खराब रैंकिंग पर स्वास्थ्य अफसरों को फटकार लगी

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की हेल्थ रैंकिंग में गाजियाबाद 73वें स्थान पर है. दो साल पहले पहले स्थान पर था. 14 बिंदुओं में से 11 पर स्वास्थ्य विभाग बेहद कमजोर रहा है. इसको लेकर  अधिकारियों को फटकार लगी.

गाजियाबाद में संस्थागत प्रसव की स्थिति 69.39 पर पहुंच गई है. यानी 30 प्रतिशत से ज्यादा प्रसव घर पर या फिर दाई के जरिये कराए जा रहे हैं, जो घातक है. जिले में गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच का प्रतिशत 90.5 पर पहुंच गया है. यानी लगभग 10 प्रतिशत गर्भवती की स्क्रीनिंग नहीं हो पा रही. वहीं, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, जच्चा-बच्चा की जांच, सिजेरियन प्रसव, गर्भ में शिशु मृत्यु में गाजियाबाद की रैंकिंग खराब आई है.  यूपी हेल्थ डैशबोर्ड को लेकर शासन स्तर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की गई. इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फटकार पड़ी. सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि सभी बिंदुओं पर बेहतर काम हुआ है, लेकिन उसे डैशबोर्ड पर अपलोड करने में लापरवाही बरती गई है. डेटा को समय से अपलोड करने के लिए जिम्मेदारी तय की गई है. जल्द ही रैकिंग में सुधार आ जाएगा.

 

पानी न आने से लोगों को परेशानी

शहर के कई इलाकों में  पानी नहीं आने से लोगो को परेशानी हुई. आरोप है कि गंगाजल बंद होने से पहले एक समय पानी देने की बात कही थी, लेकिन पानी नहीं मिल पा रहा है.

वसुंधरा सेक्टर एक, 15 और 16, वैशाली सेक्टर पांच, अभय खंड, न्यायखंड समेत कई इलाकों में गंगाजल की आपूर्ति नहीं हुई. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. न्याय खंड निवासी ललीत ने बताया सुबह सात बजे पानी आता है. सुबह सात बजे ही मोटर चालू करके नल खोल दिया थी, लेकिन 10 बजे तक भी पानी नहीं आया.  भी इन इलाकों में पानी नहीं आया था.

 

गाजियाबाद न्यूज़ डेस्क