जीत के लिए जब बेईमानी पर उतरा था इंग्लैंड, वैसलीन कांड ने करा दी थी अंग्रेजों की फजीहत

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क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच गुरुवार 25 जनवरी से शुरू हो रहा है। इस मैच को जीतने के लिए दोनों टीमें पांच दिनों तक हैदराबाद के राजीव गांधी स्टेडियम में एक-दूसरे से भिड़ेंगी. इंग्लैंड की टीम साल 2021 के बाद टेस्ट मैच खेलने के लिए भारत आई है. ऐसे में बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड अच्छी तरह से जानता है कि मेजबान को उसके घर में हराना बहुत मुश्किल है. हालांकि टीम इंडिया को आखिरी बार घरेलू मैदान पर 2012 में इंग्लैंड ने हराया था, लेकिन तब हालात अलग थे. रोहित शर्मा की कप्तानी में मौजूदा टीम इंडिया से मुकाबला करना किसी भी प्रतिद्वंद्वी के लिए आसान नहीं है.

ऐसे में जो भी टीम भारत के खिलाफ घरेलू मैदान पर टेस्ट मैच खेलने आती है, वो उसे हर हाल में हराने की कोशिश करती है. कभी-कभी टीमें इस प्रयास में हद से आगे बढ़ जाती हैं। इंग्लैंड ने 1976-77 में भारत के खिलाफ चेन्नई टेस्ट मैच में कुछ ऐसा ही किया था. जीत की खातिर इंग्लैंड के खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना हावी हो गई. जिसके चलते जमकर हंगामा हुआ.

यही कारण है कि जब भी इंग्लैंड की टीम भारत में टेस्ट मैच खेलने आती है तो क्रिकेट प्रशंसकों के मन में यह घटना उभर आती है. हालाँकि, कई नए क्रिकेट प्रशंसक इसके बारे में बहुत कम जानते होंगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चेन्नई टेस्ट मैच का वैसलीन कांड क्या था, जिसने अंग्रेजों को शर्मसार कर दिया था।

क्या था पूरा मामला?

साल 1976-77 में इंग्लैंड की टीम ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत का दौरा किया. सीरीज का पहला मैच दिल्ली में खेला गया था. इस मैच में डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज जॉन लीवर ने दोनों पारियों में 10 विकेट लेकर सनसनी मचा दी. भारत पहला टेस्ट हार गया. दूसरा मैच कोलकाता में खेला गया. यहां भी टीम इंडिया 10 विकेट से हार गई, लेकिन विवाद तीसरे टेस्ट मैच में हुआ.

तीसरा टेस्ट मैच चेन्नई में खेला गया. सीरीज में बने रहने के लिए टीम इंडिया को यह मैच जीतना जरूरी था. इंग्लैंड के पास सीरीज जीतने का मौका था. तीसरे टेस्ट में भी जब वैसलीन कांड हुआ तो टीम इंडिया की हालत खराब थी. दरअसल, तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन मैदानी अंपायर रुबन ने देखा कि जॉन लीवर के रन-अप पर एक जालीदार पट्टी लगाई गई है. जब अंपायर ने उसे उठाकर देखा तो उसे उसमें कोई चिपचिपा पदार्थ मिला। अंपायर ने इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रेग और भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी को बुलाया.

जब टोनी ग्रेग ने पट्टी को छुआ तो उन्होंने कहा कि यह वैसलीन है और सफाई दी कि गेंदबाज ने आंखों में पसीना जाने से रोकने के लिए इसे अपने माथे पर लगाया था, लेकिन बिशन सिंह बेदी ने जॉन लीवर पर गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। इस घटना से क्रिकेट जगत में हड़कंप मच गया. तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड ने 200 रनों के अंतर से मैच जीत लिया और सीरीज भी जीत ली। मैच के बाद गेंद को जांच के लिए लैब में भेजा गया जहां पता चला कि गेंद और जालीदार पट्टी दोनों पर वैसलीन लगा हुआ था। इस पूरी घटना से इंग्लैंड की टीम काफी शर्मिंदा हुई थी.