उत्तराखंड के अल्मोड़ा में यात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, 36 लोगों की मौत
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सोमवार को यात्रियों से भरी एक बस खाई में गिर गई.
कुमाऊं के कमीश्नर दीपक रावत के मुताबिक़ बस हादसे में 36 लोगों की मौत हुई है और 15 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल भेजा गया है.
रावत के मुताबिक यह बस रामनगर जा रही थी जो मार्चुला में सल्ट के पास कोपि नाम की जगह पर गिरी है.
अल्मोड़ा के सल्ट इलाक़े के एसडीएम संजय कुमार ने बीबीसी हिंदी को बताया, "दुर्घटना में मृत लोगों के शव निकाले जा रहे हैं. घायलों को उपचार के लिये अस्पताल भेजा जा रहा है."
उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई से कि यह एक गंभीर हादसा है और पौड़ी और अल्मोड़ा के एआरटीओ को निलंबित कर दिया गया है.
कुमाऊं के कमीश्नर ने पत्रकारों से कहा, "चार लोगों के सिर में अधिक चोट लगी थी, उनमें से तीन को एयरलिफ़्ट कर ऋषिकेश एम्स भेजा गया है. एम्स से डॉक्टरों की एक टीम रामनगर आएगी."
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करें घायलों को एयरलिफ़्ट कराया गयाऋषिकेश एम्स के पीआरओ संदीप सिंह ने बताया कि वहां पर तीन घायलों को लाया गया है और एक अन्य के भी जल्द पहुंचने की उम्मीद है.
गंभीर रूप से घायलों को एम्स ऋषिकेश और हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया है.
उत्तराखंड के बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने समाचार एजेंसी एएनआई से , "गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ़्ट करके ऋषिकेश एम्स ले जाया गया है. कुछ घायलों को काशीपुर और हल्द्वानी भेजा गया है और कुछ का इलाज रामनगर में ही हो रहा है."
उन्होंने बताया, "घायलों के इलाज़ की सारी व्यवस्था सरकार ने की है और ज़रूरत पड़ी तो अन्य लोगों को भी एयरलिफ़्ट कर बेहतर इलाज़ के लिए अन्य जगहों पर भेजा जाएगा."
भट्ट ने कहा कि अतिरिक्त हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर रखे हुए हैं ताकि आपात स्थिति में उनका इस्तेमाल किया जा सके.
उन्होंने कहा, "मेरी मुख्यमंत्री के साथ बात हुई है, सभी जनप्रतिनिधि घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं. एनडीआरएफ़ और एसडीआरएफ़ की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं."
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है, "मुख्यमंत्री ने मार्चुला, अल्मोड़ा मे हुई बस दुर्घटना की मजिस्ट्रेट जांच हेतु आयुक्त कुमाऊँ मंडल को निर्देश दिए. साथ ही मुख्यमंत्री ने पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं."
एसडीआरएफ़ के साथ ही एनडीआरएफ़ की टीम भी घटनास्थल पर पहुँच गई हैं. घटनास्थल पर रेस्क्यू और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है.
पुष्कर सिंह धामी ने अपनी एक एक्स पोस्ट में
उत्तराखंड के सीएम ने लिखा, "घटनास्थल पर स्थानीय प्रशासन और एसडीआरफ़ की टीमें घायलों को निकालकर उपचार करने के लिए नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचा रही हैं. ज़रूरत पड़ने पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के निर्देश भी दिए हैं."
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस हादसे पर दुख जताते हुए
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने मृतकों के परिजनों और घायलों को सहायता राशि देने का एलान करते हुए , "मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी. आयुक्त कुमाऊं मंडल को घटना की जांच के लिए निर्देश दिए हैं."
केंद्र सरकार ने भी मुआवज़ा देने का एलान किया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना में हताहत लोगों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है, "राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है."
पीएमओ ने है कि प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने हताहतों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है.
उन्होंने एक्स पर , "अल्मोड़ा, उत्तराखंड में यात्रियों से भरी बस गहरी खाई में गिरने से बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुखद है....कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से मेरी अपील है कि राहत एवं बचाव कार्यों में यथासंभव मदद करें."
बस में कितने लोग सवार थे?गढ़वाल मोटर्स यूनियन लिमिटेड ने हादसे में मरने वालों की एक सूची जारी करते हुए बस के बारे में पूरी जानकारी दी है.
यूनियन ने दावा किया है कि दुर्घटनाग्रस्त बस का नंबर यूपी(12 पीए-0061) था जिसमें 37 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था थी.
उनका दावा है कि दुर्घटना के समय मौके पर ही 28 लोगों की मौत हो गई जिसमें दो शवों की पहचान नहीं हो पाई है, जबकि रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय रामनगर में आठ लोगों की मौत हुई जिसमें एक महिला के शव की पहचान नहीं हो पाई है.
यूनियन के मुताबिक रामनगर में इन आठ शवों का पोस्टमार्टम कर उन्हें परिजनों को सुपुर्द किया जा रहा है.
उधर हादसे को लेकर रामनगर के रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय में पहुंचे बीजेपी सांसद अजय भट्ट का कुछ लोगों ने विरोध किया.
सामाजिक कार्यकर्ता ललित उप्रेती संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘घायलों को अगर समय पर इलाज मिल जाता तो बहुत सारे लोगों की जान बचाई जा सकती थी.’
ललित उप्रेती के अनुसार रामनगर अस्पताल में पहुंचे भाजपा सांसद अजय भट्ट को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा.
उनकी मांग है कि, "पहाड़ के सभी रूटों पर सरकारी बसें चलाने और रामनगर के सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से बाहर कर ट्रॉमा सेंटर में तब्दील किया जाए. इसके अलावा मृतकों के परिजनों को 20 लाख व घायलों को 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए."
भारत में बसें परिवहन का आम माध्यम हैं ख़ासकर छोटे कस्बों और ज़िला मुख्यालयों के बीच. हालांकि बस ऑपरेटर्स सुरक्षा के नियमों की अनदेखी करते हैं और क्षमता से अधिक यात्रियों को बस में भर लेते हैं.
भारत में हर साल लगभग 1,60,000 लोग सड़क हादसों में जान गंवा देते हैं और यह संख्या दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले कहीं ज़्यादा है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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