रूस-यूक्रेन की जंग के बीच ऐसे हुआ दो लोगों को प्यार और फिर जीता पैरालंपिक में मेडल
"मैं उनके समर्थन के बिना कभी पैरालंपिक में मेडल नहीं जीत पातीं." ये बात मारिया शपत्किवस्का ने अपने पति एवजेन बुक्शा के लिए कही है.
मारिया और एवजेन को एक दूसरे से पहली नज़र में प्यार हो गया था. नौ महीने एक दूसरे को डेट करने के बाद दोनों ने शादी कर ली.
24 वर्षीय मारिया के बाएं हाथ का हिस्सा जन्म के समय से ही नहीं है. उन्होंने पेरिस पैरालंपिक में डेब्यू किया और और शॉट पुट इवेंट में सिल्वर मेडल जीता.
वहीं मारिया के पति एवजेन सैनिक हैं. फरवरी 2022 में रूस के हमले के दौरान वो लुहांस्क में घायल हो जाते हैं.
दोनों की मुलाकात ऑर्थोपेडिक सेंटर में हुई थी. यहां मारिया रिहैबिलिटेशन स्पेशलिस्ट के तौर पर काम कर रहीं थीं.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए ये भी पढ़ें-मारिया ने गृह राज्य में एक स्थानीय कोच की मदद से आठ साल की उम्र में ही खेलना शुरू कर दिया था. कोच विकलांग खिलाड़ियों के साथ सालों से काम कर रहे थे. उन्हें लगा कि मारिया खेल में कुछ कर सकती हैं और उन्होंने उसे स्विमिंग करने के लिए बोला.
मारिया ने कहा, "मैंने स्विमिंग शुरू की, लेकिन स्विमिंग पूल को मरम्मत कराने के लिए बंद करना पड़ा. पुल लंबे समय के लिए नहीं खुला तो मैंने एथलेटिक्स में जाने का निर्णय लिया."
उन्होंने शुरू में रनिंग, स्प्रिंटिंग और जैवलिन थ्रो किया. इसके बाद वो अधिकतर समय जिम और स्टेडियम में होने वाली प्रतियोगिताओं में खेलने में बिताने लगीं.
19 साल की उम्न में ही मारिया यूरोपियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप और यूक्रेन में हुए खेल प्रतियोगिताओं को जीतकर मशहूर खिलाड़ी बन चुकी थीं.
यूक्रेन के विनित्सिया में स्थित ऑर्थोपेडिक सेंटर में वो कृत्रिम अंग को बदलने और सही कराने जाती थीं.
मारिया के अनुभव को देखते हुए युद्ध के दौरान उन्हें रिहैबिलिटेशन स्पेशलिस्ट के तौर पर काम करने के लिए कहा गया.
उन्होंने कहा, "मैं जब ऑर्थोपेडिक सर्विस सेंटर में पहली बार काम करने आईं तो 19 वर्षीय सैनिक के पैर कटे हुए देखना मेरे लिए चौंकाने वाला था."
"मैं खेल प्रतियोगिताओं के दौरान कई विकलांग लोगों से मिली, लेकिन ये मेरे लिए अलग था. समय के साथ मुझे इसकी आदत हो गई."
रिहैबिलिटेशन स्पेशलिस्ट होने के तौर पर वो अक्सर घायल सैनिकों से खेल के बारे में बात करती थी. उन्हें वो कृत्रिम अंगों के सहारे रनिंग, कूदने और जैवलिन फेंकने वाले खिलाड़ियों की वीडियो दिखाती.
मारिया का मानना है कि दूसरों को देखकर उन्हें हार नहीं मानने की प्रेरणा मिलती है. वो भी 2018 में विश्व पैरा एथलेटिक्स यूरोपियन चैंपियनशिप में गंभीर रूप से सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित खिलाड़ियों को रनिंग करते हुए देख प्रभावित हुई.
मारिया को इतनी प्रेरणा मिली कि उन्होंने कॉस्मेटिक कृत्रिम अंग नहीं पहनने का सोचा.
मारिया और एवजेन कहां मिले? BBC मारिया और एवजेनमारिया एवजेन से ऑर्थोपेडिक सेंटर के मरीजों के लिए आयोजन कराए गए बिलियर्ड्स खेलने के दौरान मिली थीं. दोनों ने आपस में युद्ध और चोट को लेकर बात करना शुरू कर दिया था.
एवजेन मशीन बनाने वाली बिल्डिंग में इलेक्ट्रीशियन के तौर पर काम करते थे. रूस के युक्रेन पर हमला करने के बाद वो सेना में शामिल हो गए.
फरवरी 2022 में पूर्वी यूक्रेन में स्थित लुहांस्क में दाएं पैर में चोट लगने के दस घंटे तक ऐसे ही लेटे रहे क्योंकि रूसी ड्रोन लगातार हवा में घूम रहे थे. इसका परिणाम हुआ कि उन्हें अपना पैर हमेशा के लिए खोना पड़ा.
तीन महीने बाद उन्हें उसी ऑर्थोपेडिक सेंटर में लाया गया जहां कि मारिया काम कर रहीं थीं. मारिया ने एवजेन का रिहैबिलिटेटर बनने का बोला और दोनों की दोस्ती यहां से शुरू हुई.
एवजेन की ईमानदारी, ऊर्जा और आत्मविश्वास मारिया को अच्छा लगा.
मारिया ने कहा, "हम दोनों साथ बाहर वॉक पर जाते थे. इस दौरान लोग हमें अक्सर देखते थे कि बिना हाथ वाली लड़की बैसाखी के सहारे चलने वाले बिना पैर वाले आदमी के साथ घूम रही हैं."
"मेरा हाथ जन्म से ही नहीं है तो मैंने बहुत पहले ही लोगों को नजरअंदाज करना सीख लिया था, लेकिन एवजेन के लिए यह मुश्किल था. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अभी चोट लगी थी.
" उसने एक बार मुझसे कहा कि मेरे पैर नहीं है तो मैं नहीं चल सकता." इसके जवाब में मैंने कहा, " तो क्या हुआ मेरा भी हाथ नहीं है."
एवजेन इससे काफी प्रभावित हुए थे कि उनकी चोट मारिया के लिए कोई बोझ नहीं है. इसके बाद उन्होंने मारिया को प्रपोज कर दिया.
पैरालंपिक में मेडल जीता BBC मारिया ने पैरालंपिक में मेडल जीता मेडलमारिया के हौसला बढ़ाने के बाद एवजेन ने कृत्रिम पैर के साथ साइकिल चलाना शुरू कर दिया. वहीं मारिया ने पैरालंपिक में खेलने के सपने के बारे में एवजेन को बताया तो उन्होंने भी काफी साथ दिया.
मारिया ने अपना सपना पूरे करने के लिए साल की शुरुआत में ट्रेनिंग की थी और विदेश में लगे स्पोट्स कैंप में एक महीने बिताया था. इसके बाद उन्हें लगा कि आखिर में उसका सपना सच हो रहा है.
पैरालंपिक से दो हफ्ते पहले उन्हें ट्रेनिंग के दौरान मारिया की पीठ पर चोट लग जाती है, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानीं.
"मेरे साथ हमेशा मेरे घायल सैनिक मरीजों का हस्ताक्षर किया हुआ यूक्रेन का झंडा रहता था. मेरे पति ने भी इसमें हस्ताक्षर किए थे. इसने मुझे फिर से लड़ने और ठीक होने की ऊर्जा दी."
वो लड़ती रही और उन्होंने अपने पहले ही पैरालंपिक के शॉट पुट इवेंट के फाइनल में 12.35 मीटर का थ्रो किया और सिल्वर मेडल अपने नाम किया.
मारिया ने अब सितंबर 2025 में होने वाले वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए ट्रेनिंग करना शुरू कर दिया. वो इसके लिए दृढ़ हैं.
लेकिन अभी उनका ध्यान अपने पति के साथ अधिक समय बिताने पर है जो कि उनके सबसे बड़े प्रशंसक और समर्थक बन गए हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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