व्हाट्सऐप आपसे पैसे नहीं लेता फिर कमाई कैसे करता है?
पिछले 24 घंटे में मैंने 100 से ज़्यादा व्हाट्सऐप मैसेज किए हैं.
ज़्यादातर वही रोज़मर्रा की बातें थीं. मैंने परिवार के साथ प्लान बनाए, सहकर्मियों से काम के बारे में बातें कीं, कुछ लोगों को ख़बरें भेजीं और दोस्तों के साथ गपशप और चुगली की.
व्हाट्सऐप पर होने वाली सामान्य बातें भी इनक्रिप्टेड होती हैं. इसके लिए व्हाट्सऐप के शक्तिशाली कंप्यूटर सर्वर होते हैं, जो दुनिया भर के कई डेटा सेंटर में लगे हुए हैं.
ये कोई छोटा-मोटा संचालन का काम नहीं है. इसके लिए बड़े ऑपरेशन की ज़रूरत होती है. इस प्लेटफ़ॉर्म पर क़रीब तीन अरब यूज़र्स हैं. लेकिन ना तो मैं और ना मेरे साथ बात कर कर रहा कोई भी व्यक्ति कभी व्टाट्सऐप इस्तेमाल करने के लिए पैसा ख़र्च करता है.
Getty Images बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिएतो फिर व्हाट्सऐप की कमाई कैसे होती है?
सबसे पहले तो व्हाट्सऐप को मूल कंपनी मेटा का सहारा है, जिसके पास फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम का भी मालिकाना हक़ है.
मेरे जैसे लोगों के व्हाट्सऐप अकाउंट इसलिए मुफ़्त हैं क्योंकि व्हाट्सऐप वैसे कॉर्पोरेट कस्टमर से कमाई करता है जो मुझ जैसे कस्टमर से संपर्क करना चाहते हैं.
पिछले साल से कंपनियां व्हाट्सऐप पर मुफ़्त में चैनल बना रही हैं, और वो उन सभी यूज़र्स को मैसेज भेज सकती हैं, जो उन्हें सब्सक्राइब करते हैं.
लेकिन ये कंपनियां हम जैसे कस्टमर से बात करने के लिए प्रीमियम का भुगतान करती हैं.
ब्रिटेन में तो ये सारी चीज़ें अभी नई-नई हैं लेकिन बेंगलुरु जैसे शहर में आप बस का टिकट भी इसकी मदद से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं, अपनी सीट चुन सकते हैं.
मेटा की एक वरिष्ठ अधिकारी निकिला श्रीनिवासन ने कहा, "हमारा मक़सद है कि यहां बिज़नेस और कस्टमर दोनों ही अपना काम आसानी से चैट थ्रेड में कर पाएं. "
उन्होंने कहा, "इसका मतलब होता है कि अगर आप एक टिकट बुक करना चाहते हैं, अगर आप कुछ रिटर्न करना चाहते हैं, आप पेमेंट करना चाहते हैं तो आप ये सभी चैट थ्रेड के बिना बाहर गए कर पाएं. और यहां से सीधे निकलकर चैट में अपने परिवार और दोस्तों से बात कर पाएं."
आप अपने फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर मौजूद ऑनलाइन विज्ञापन के लिंक पर क्लिक कर सीधे व्टाट्सऐप चैट से जुड़ सकते हैं और भुगतान कर सकते हैं. श्रीनिवासन कहती हैं कि ये चीज़ अकेले ही टेक की इस दिग्गज कंपनी के लिए 'कई अरब डॉलर' वैल्यू की है.
ये भी पढ़ेंदूसरे मैसेजिंग ऐप भी अलग-अलग रेवेन्यू मॉडल पर काम करते हैं. जैसे कि सिग्नल- जो एक ऐसा मैसेजिंग प्लेटफॉर्म जो अपने सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के लिए जाना जाता है, वो गैर लाभकारी संगठन है.
सिग्नल का कहना है कि इसने कभी निवेशकों से पैसे नहीं लिए, जबकि टेलीग्राम जैसे ऐप ऐसा करते हैं.
सिग्नल चंदे पर चलता है- जिसमें ब्रायन एक्टोन के द्वारा दिया गया 50 मिलियन डॉलर योगदान शामिल है. वो 2018 में व्हाट्सऐप के सह-संस्थापकों में से एक थे.
सिग्नल की प्रेसिडेंट मेरेडिथ व्हिटेकर ने पिछले साल एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था, "हमारा लक्ष्य जहां तक संभव हो वहां तक छोटे चंदा देने वालों के सहयोग से चलने का है, उन लोगों पर निर्भर होना है जो वाकई सिग्नल के बारे में सोचते हैं."
वहीं, डिस्कॉर्ड नाम के मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल ज़्यादातर युवा गेमर्स करते हैं, ये फ्रीमियम मॉडल पर है यानी इसे आप फ़्री में साइन अप तो कर सकते हैं लेकिन अतिरिक्त फ़ीचर्स के लिए आपको भुगतान करना पड़ता है.
वहीं स्नैप (स्नैपचैट की कंपनी) कई मॉडल आधारित है. यहां विज्ञापन होते हैं, इसके पास 1 करोड़ 10 लाख वैसे सब्सक्राइबर हैं जो भुगतान करते हैं (अगस्त 2024 के डेटा के अनुसार) और ये ऑगमेंटेड रियलिटी ग्लासेस स्नैपचैट स्पेक्टेकल्स भी बेचते हैं.
स्नैप के रेवेन्यू का मुख्य स्रोत विज्ञापन है, जिससे क़रीब सालाना 4 अरब डॉलर से अधिक कमाई होती है.
ये भी पढ़ेंवहीं ब्रिटेन की कंपनी 'एलिमेंट' सरकार और बड़े संगठनों को अपना सुरक्षित मैसेजिंग सिस्टम इस्तेमाल करने देने के लिए भुगतान लेती है. इनके कस्टमर इसकी टेक्नोलॉजी तो इस्तेमाल करते हैं, लेकिन चलाते वो अपने प्राइवेट सर्वर से हैं.
इसके सह संस्थापक मैथ्यू होजसन बताते हैं कि 10 साल पुरानी ये कंपनी 'डबल डिजिट मिलियन रेवेन्यू में है' और 'मुनाफ़े के क़रीब' है.
उनका मानना है कि मैसेजिंग ऐप्स के सबसे लोकप्रिय बिज़नेस मॉडल वही पुराना मॉडल 'विज्ञापन' है.
उन्होंने कहा, "दरअसल (कई मैसेजिंग ऐप्स) विज्ञापन इस बात पर निगरानी कर देखते हैं कि लोग क्या करते हैं, वो किससे बात करते हैं और इसके आधार पर वो उन्हें विज्ञापन दिखाते हैं. इन ऐप्स को ये जानकारियां जुटाने के लिए पूरे के पूरे मैसेज को पढ़ने की ज़रूरत नहीं होती है. तो कुल मिलाकर आइडिया ये है कि भले ही इनक्रिप्शन हो, गोपनीयता का ध्यान रखा जाता हो, लेकिन ये यूज़र के डेटा का इस्तेमाल विज्ञापन बेचने के लिए करते हैं."
होजसन कहते हैं, "वही पुरानी कहानी है- अगर आप यूज़र हैं और इसके लिए भुगतान नहीं कर रहे हैं तो ऐसी संभावना है कि आप ही प्रोडक्ट यानी उत्पाद हैं."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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