साक्षी मलिक ने विनेश और बजरंग को लेकर किया बड़ा दावा, मिला ये जवाब

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Getty Images बीजेपी नेता बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ आंदोलन में साक्षी तब विनेश और बजरंग के साथ थीं लेकिन अब उन्होंने कई आरोप लगाए हैं

ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर बड़ा दावा किया और लिखा कि एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने के फ़ैसले से बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ पहलवानों के आंदोलन की छवि को नुक़सान पहुँचा.

साक्षी ने कहा कि बजरंग और विनेश के फ़ैसले से ऐसा लगा कि उनका आंदोलन 'स्वार्थपूर्ण' है.

विरोध प्रदर्शन करने वाले तीन चेहरों में साक्षी भी शामिल थीं. अब उन्होंने अपनी किताब ‘विटनेस’ के ज़रिये अपने करियर के संघर्ष के बारे में बहुत कुछ लिखा है.

साक्षी ने किताब में लिखा कि बजरंग और विनेश के क़रीबी लोगों ने उनके दिमाग़ में 'लालच' पैदा किया और फिर विरोध-प्रदर्शन में दरार आ गई.

इस बीच, विनेश फोगाट ने इंस्टाग्राम स्टोरीज़ पर लिखा, "आप हर चीज़ जो सुनते हैं, उस पर ध्यान न दें. हर कहानी के तीन पक्ष होते हैं. आपका, उनका और सच."

हालाँकि विनेश ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन साक्षी के बयान के बाद विनेश की इंस्टा स्टोरीज़ को साक्षी मलिक से जोड़कर देखा जा रहा है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ पूर्व महिला पहलवान साक्षी ने दावा किया कि बीजेपी नेता और महिला पहलवान बबीता फोगाट ने भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण के ख़िलाफ़ साज़िश रची थी और वह कुश्ती फेडरेशन की चेयरपर्सन बनना चाहती थी.

भाजपा नेता और पूर्व पहलवान बबीता फोगाट के बारे में साक्षी मलिक ने बड़ा दावा किया और लिखा कि वह खुद को पहलवानों को शुभचिंतक बताती थी. लेकिन इसमें उनका स्वार्थ था.

Getty Images विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक विनेश और बजरंग का जवाब

डब्ल्यूएफआई के निलंबन के बाद तदर्थ समिति ने कुश्ती का कामकाज देखना शुरू किया था जिसने बजरंग और विनेश को 2023 एशियाई खेलों के ट्रायल्स में छूट दी. लेकिन साक्षी ने अपने साथियों के सुझाव के बावजूद ऐसा नहीं करने का फैसला किया.

28 मई 2023 को संसद भवन की तरफ मार्च कर रहे पहलवानों को पुलिस ने रोक दिया था, इसके बाद ये प्रदर्शन खत्म हो गया था.

विनेश और बजरंग ने इसी महीने हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था. विनेश को जुलाना क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट मिला था और वो विधायक चुनी गई हैं, जबकि बजरंग को कांग्रेस ने पार्टी के किसान प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय प्रमुख बनाया था.

साक्षी के दावों पर विनेश फोगाट ने एनआई से कहा, “ना तो मेरे पास ये किसी ने लिखित में दिया और ही मैं किसी का मन पढ़ सकती हूं. अच्छी बात ये है कि एक अच्छे काम के लिए हमने लड़ाई लड़ी थी. वह लड़ाई जारी रहेगी जब तक हम उस दोषी को सजा नहीं दिलवा देते. वह लड़ाई चल रही है और अंत तक उसको हम लेकर जाएंगे.”

साक्षी के इस दावे पर कि क्या उनके (विनेश) मन में कोई लालच आ गया था? विनेश ने कहा, “खिलाड़ी होने के नाते अगर महिलाओं के लिए बोलना, अपनी बहनों के लिए बोलना अगर लालच है तो उस लालच को मैं अच्छा मानती हूं. अगर देश का प्रतिनिधित्व करते हुए ओलंपिक में मेडल लाने का जो लालच हमारे अंदर है, वो लालच मरते दम तक जिंदा रहेगा और मैं मानती हूं वह लालच अच्छा है.”

वहीं जब यही सवाल बजरंग पुनिया से किया गया तो उन्होंने कहा, " साक्षी हमारी साथी हैं. पहले भी थी और आगे भी रहेंगी.साक्षी के बोलने के बारे में उनसे बात करिए. उनके निजी विचार हैं."

बजरंग ने कहा, "साक्षी की किताब ना ही आपने पढ़ी और ना ही मैंने पढ़ी है."

बबीता फोगाट पर साक्षी के दावों पर द्रोणाचार्य अवॉर्ड विजेता और बबीता के पिता महावीर फोगाट ने भी प्रतिक्रिया दी है.

महावीर ने कहा कि साक्षी कांग्रेस की भाषा बोल रही है, उन्होंने कहा "हो सकता है राहुल गांधी ने साक्षी को कोई पद देने की हाँ भरी हो. बबीता ने धोखा देना सीखा ही नहीं है. ये सभी आरोप निराधार हैं और ये इनकी सोची-समझी चाल है."

Getty Images साक्षी मलिक मामला कोर्ट में

इस मामले में राउज़ एवेन्यू कोर्ट में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354, 354ए और सेक्शन 506 के पार्ट-1 के आधार पर आरोप तय किए हैं.

क़ानूनी मामलों की जानकारी देने वाली वेबसाइट लाइव लॉ के मुताबिक़, मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत का कहना था, ''बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ सेक्शन 354, 354ए के तहत आरोप तय करने के लिए इस कोर्ट के पास रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत हैं, जो पीड़िता एक, दो, तीन, चार और पाँच से संबंधित हैं. सेक्शन 506 पीड़िता एक और पाँच से जुड़ा हुआ है."

हालाँकि कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ पीड़िता छह के आरोपों को हटा दिया.

बृजभूषण शरण सिंह के सचिव रहे विनोद तोमर के ख़िलाफ़ भी कोर्ट ने सेक्शन 506(1) लगाया है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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