जन्म के समय अदला-बदलीः दो महिलाओं के बदल चुके जीवन की कहानी
ब्रिटेन में पश्चिमी मिडलैंड्स के दो परिवारों को मुआवज़े का इंतज़ार है.
यह मामला जन्म के समय शिशुओं की अदला-बदली से जुड़ा है. एनएचएस के इतिहास में यह पहला मामला है, जो दस्तावेज़ के तौर पर दर्ज़ किया गया है.
दरअसल, डीएनए टेस्ट के बाद जो परिणाम सामने आया, उसने दोनों महिलाओं और उनके परिवारों को चौंका दिया.
क्योंकि, अब तक वो अपने बारे में जो कुछ जानती थीं, उसकी एक बार फिर से जाँच करने की नौबत आ चुकी थी.
यह बात साल 2021 की है, जब टोनी के दोस्तों ने क्रिसमस पर उसके लिए डीएनए होम टेस्टिंग किट ख़रीदी थी. तब तो टोनी ने इस किट को किचन में ऐसे ही किसी जगह पर रख दिया था.
इसके बाद वो इस किट को दो महीने के लिए भूल गया था, लेकिन एक दिन टोनी की इस किट पर नजर पड़ी.
एक दिन टोनी घर पर था और वह बोर हो रहा था. क्योंकि, बारिश के कारण उनके हाथ से गोल्फ़ खेलने का मौका निकल गया था.
फ़िर टोनी ने सैंपल ट्यूब को एक छोटे से गंदे कपड़े के टुकड़े से ढका और किट को लैब टेस्टिंग के लिए भेज दिया. इसके बाद हफ़्तों तक इस किट के बारे में कुछ सोचा भी नहीं.
रविवार शाम जब परिणाम आया, तो वह अपनी मां से बात कर रहे थे. तब उनको एक ईमेल मिला.
पहले तो उनको इस रिपोर्ट में सब कुछ ऐसा ही लगा, जैसा उनको उम्मीद थी. इसमें आयरलैंड में उस स्थान की ओर इशारा किया गया था, जहां से उनकी मां का परिवार ताल्लुक रखता था.
वहां उनके परिवार में उनका एक चचेरा भाई और बहन थी. मगर, जब उन्होंने इस रिपोर्ट में अपनी बहन का नाम देखा, तो वो ग़लत था.
दरअसल, वहां जेसिका (टोनी की बहन) के बजाए वहां किसी क्लेयर का नाम सूची में उनकी बहन के रूप में लिखा गया था.
(जेसिका और क्लेयर मूल नाम नहीं हैं. दोनों को बदल दिया गया है. इसका मक़सद महिलाओं की पहचान की सुरक्षा करना है.)
कैसा है टोनी का परिवार? Getty Imagesटोनी की मां जोन के चार बच्चे हैं. इनमें सबसे बड़े हैं टोनी. तीन बेटों के जन्म के बाद उनकी मां को एक बेटी की इच्छा थी.
जब 1967 में उनके घर जेसिका का जन्म हुआ, तो उनकी ये इच्छा पूरी हो गई.
जोन ने मुझसे कहा, "आख़िरकार एक बेटी की माँ बनना अद्भुत अनुभव था."
हालांकि, जब उन्होंने सुना कि टोनी के डीएनए में कुछ अप्रत्याशित सी बात सामने आई है, तो वो घबरा गई थीं.
हालांकि, टोनी भी इस बात से परेशान हो गए थे, मगर उन्होंने कोशिश की कि यह बात उन तक ही रहे.
टोनी की माँ 80 साल की हो चुकी थीं. दस साल पहले टोनी के पिता की मृत्यु हो जाने के बाद वे अकेली रह रही थीं. ऐसे में टोनी अपनी माँ को और चिंता नहीं देना चाहते थे.
अगली सुबह, टोनी ने क्लेयर से संपर्क करने के लिए डीएनए टेस्टिंग कंपनी की निजी मैसेजिंग सुविधा का उपयोग किया, क्योंकि, डीएनए रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया था कि क्लेयर ही टोनी की बहन हैं.
उन्होंने लिखा, "हाय. मेरा नाम टोनी है. मैंने यह डीएनए टेस्ट करवाया है. इसमें यह दावा किया गया है कि आप मेरी बहन हैं. मुझे लग रहा है कि यह एक ग़लती है. क्या आप इस बारे में कुछ बता सकती हैं?"
ये भी पढ़ेंदरअसल, क्लेयर को दो साल पहले उसी ब्रांड का डीएनए टेस्ट उनके बेटे ने जन्मदिन के तोहफ़े के तौर पर दिया था. उनका परिणाम भी चौंकाने वाला था.
क्योंकि, इसमें उस जगह का कोई संबंध नहीं था कि उनके माता-पिता ने उन्हें कहां जन्म दिया था.
उनका जैविक संबंध उनके पहले चचेरे भाई से बताया गया था, जिनको वो न जानती थीं और ना उनके बारे में वो कुछ बता सकती थीं.
उसके बाद, साल 2022 में उनको एक सूचना मिली. यह उनकी पारिवारिक जानकारी से संबंधित थी. इसमें उनके सारे भाई-बहनों की जानकारी थी.
यह चौंका देने वाला तो ज़रूर था, लेकिन एक तरह से सही भी था. क्योंकि, बड़े होकर क्लेयर को कभी महसूस नहीं हुआ था कि वो इससे ताल्लुक रखती हैं.
क्लेयर ने कहा, "मुझे बहरूपिये जैसा महसूस हुआ. वहां कोई समानता नहीं थी. न देखने में और ना ही किसी तरह के लक्षण में. मुझे लगा था कि शायद, मुझे गोद लिया गया है."
द गिफ़्ट की पहली सिरीज़ में जेनी क्लीमेन ने उन असाधारण सच्चाइयों को देखा, जो तब बाहर आ सकती हैं, जब लोग घर पर डीएनए टेस्ट जैसे एनसेस्ट्री और 23 एंड मी लेते हैं.
दूसरी सिरीज़ के लिए जेनी और भी ज़्यादा अनपेक्षित परिणामों से लगने वाले झटकों की गहराई में जा रही हैं. यह तब शुरू होते हैं, जब लोग वैश्विक डीएनए डाटा बेस से जुड़ते हैं.
दरअसल, जब क्लेयर और टोनी ने एक-दूसरे के साथ जैविक जानकारी साझा करना शुरू की, तो उन्होंने पाया कि क्लेयर का जन्म उसी अस्पताल में उस समय हुआ था, जब जेसिका का जन्म हुआ था, जिसके साथ टोनी की परवरिश हुई थी.
यह एक ऐसी बात निकलकर सामने आ चुकी थी, जिसका स्पष्टीकरण टाला नहीं जा सकता था.
क्योंकि, इसके मुताबिक 55 साल पहले दोनों बहनों के जन्म के दौरान उनकी अदला-बदली हो गई थी. दोनों का पालन-पोषण अलग-अलग परिवार में हुआ था.
हालांकि, जन्म के दौरान बच्चों की अदला-बदली हो जाने के मामले ब्रिटेन में लगभग अनसुने से हैं.
के आवेदन के जवाब में एनएचएस ने कहा था कि उनके रिकॉर्ड्स के मुताबिक, बच्चों को ग़लत माता-पिता के साथ घर भेज देने की कोई जानकारी दस्तावेजों में दर्ज़ नहीं है.
लंदन में साल 1980 के दशक से शिशुओं को जन्म के तुरंत बात रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान टैग्स दे दिए जाते हैं, ताकि उनकी लोकेशन का पता लगाया जा सके.
इससे पहले प्रसूति वार्ड में हाथ से लिखे टैग्स और कार्ड्स शिशुओं के साथ लगा दिए जाते थे.
अब जैसे ही इस ख़बर को क्लेयर और टोनी ने अपनाना शुरू किया तो आगे उनको यह तय करना पड़ा कि अब आगे क्या करना है.
टोनी ने क्लेयर को लिखा, "इस मामले से उठने वाली लहरें बहुत बड़ी होंगी. अगर आप इसे यहीं छोड़ना चाहती हैं, तो मैं इसे स्वीकार कर लूंगा और हम इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगे."
मगर बिना किसी हिचकिचाहट के, क्लेयर यह बात जानती थीं कि वह टोनी और उनकी मां से मिलना चाहती थीं.
उन्होंने कहा, "मैं केवल उन लोगों को देखना, उनसे मिलना, उनसे बात करना और उनको गले लगाना चाहती थी."
जब टोनी ने अंततः जोन को बताया कि डीएनए टेस्ट में क्या निकला है, तो वो इस बात का जवाब जानने को उत्सुक थी कि आख़िर ऐसा कैसे हो सकता है?
ये भी पढ़ेंजोन को आज भी वह सर्द रात याद है, जब उनकी बेटी का जन्म हुआ था. वह घर पर ही बच्चे को जन्म देने वाली थीं, मगर हाई ब्लड प्रेशर के कारण उनकी डिलीवरी वेस्ट मिडलैंड्स अस्पताल में करवाई गई थी.
उन्होंने बताया, "वे मुझे रविवार को साथ ले गए थे. तब बर्फ़बारी हुई थी.
बच्ची का जन्म रात 10 बजकर 20 मिनट पर हुआ था. जोन ने कुछ देर के लिए अपनी बेटी को अपने पास रखा था. उनको जन्म के बाद बेटी का लाल चेहरा और बिखरे हुए बाल उन्हें आज भी याद हैं.
जन्म के बाद बच्ची को नर्सरी ले जाया गया था, ताकि उनकी मां थोड़ा आराम कर सके. साल 1960 के दशक में यह सामान्य प्रक्रिया थी.
कुछ घंटे बाद, मध्यरात्रि के ठीक बाद, उसी अस्पताल में जेसिका का भी जन्म हुआ था.
अगली सुबह जोन को उनकी जैविक बेटी क्लेयर की जगह जेसिका सौंप दी गई थी.
इस बच्ची के बाल गोरे थे, जबकि पूरे परिवार के बाल काले थे, मगर जोन ने इस बारे में ज़्यादा कुछ नहीं सोचा था. उसकी एक जैसे रंग-रूप वाली चाची और चचेरी बहनें भी थीं.
जब उनके पति नई जन्मी बच्ची जेसिका से मिलने अस्पताल पहुंचे, तो उनको भी कोई संदेह नहीं हुआ. वो भी नई बच्ची के जन्म से ख़ुश थे.
55 साल बाद, जोन यह जानने के लिए उत्सुक थी कि क्लेयर ने कैसा जीवन जिया? क्या उसकी परवरिश खुशहाल तरह से की गई थी?
लेकिन, इसके पहले उनको ये सारे जवाब मिल पाते, उनको और टोनी को यह बात जेसिका को बताना पड़ी, जो पूरा जीवन उनके साथ यह सोचकर बिता चुकी थी कि जोन उनकी मां और टोनी उनका भाई था.
टोनी और जोन दोनों जेसिका के घर गए और उनको यह बात बताई. जोन ने कहा कि उन्होंने जेसिका को आश्वस्त किया था कि वे दोनों हमेशा मां-बेटी रहेंगी, लेकिन उन दोनों का रिश्ता फ़िर पहले जैसा नहीं रहा.
जेसिका इस कहानी के बारे में साक्षात्कार नहीं देना चाहती थी.
एक दिन बाद, और टोनी के डीएनए परिणाम मिलने के केवल पाँच दिन बाद क्लेयर ने उनके और जोन के घर के बीच की कुछ दूरी तय की.
कई सालों से वो जोन के गाँव से गाड़ी चलाते हुए अपने काम पर जाती थीं. मगर उनको नहीं पता था कि यहां उनकी बायोलॉजिकल मां रहती थीं.
टोनी सड़क पर उनका इंतज़ार कर रहे थे. उन्होंने कहा, "हेलो बहन. आओ और मां से मिलो."
क्लेयर ने बताया कि जिस पल उन्होंने जोन को देखा तो उन्होंने महसूस किया कि वो दोनों एक-दूसरे को पहले से जानते हैं.
उन्होंने कहा, "मैंने उनको देखा और कहा, हे भगवान, मुझे आपकी आँखें मिली हैं. हम दोनों की आँखें एक जैसी हैं. हे भगवान. मैं उन्हीं की तरह दिखती हूं."
जोन ने कहा, "यह बिल्कुल सही लगा. मैंने सोचा, वह बिल्कुल वैसी दिखती हैं, जैसी मैं अपनी युवावस्था में दिखती थी."
उन लोगों ने पूरी दोपहर परिवार की तस्वीरें देखते हुए बिताई. क्लेयर ने टोनी और जोन को उनके पति, उनके बच्चों और नाती-पोते के बारे में बताया.
टोनी और जोन ने क्लेयर को उनके दिवंगत बायोलॉजिकल पिता के बारे में बताया, जिनसे वो कभी मिल नहीं पाएंगी.
लेकिन, जब यह सवाल आया कि क्या क्लेयर का बचपन खुशहाल था, तो क्लेयर टालमटोल करने लगी.
उन्होंने कहा, "मैं सच नहीं कह सकती थी. जब मैं युवा थी, तब मेरे माता-पिता अलग हो चुके थे. मुझे उनका साथ याद भी नहीं है. मैं गरीबी में पली-बढ़ी. रहने को घर नहीं था. कभी-कभी भूख भी सताती थी. मेरा बचपन बहुत ही मुश्किल भरा था."
क्लेयर कहती हैं कि जिस मां ने उनको पाला, उनको यह ख़बर बताना, उनके लिए यह अब तक का सबसे कठिन काम था.
वह कहती हैं कि उन्होंने दोनों माता-पिता को यह आश्वस्त करने की भरसक कोशिश की कि उनके रिश्ते में कोई बदलाव नहीं आएगा. उनकी मां का देहांत इस साल की शुरुआत में हो गया था.
नई अनुवांशिक पहचान के साथ-साथ क्लेयर के लिए कुछ व्यवहारिक उलझन भी जुड़ी हुई थी.
क्योंकि, उनका जन्म मध्यरात्रि के पहले हुआ था. मगर, अब उनको पता लगा था कि जैसा उन्होंने पहले सोचा था, उस हिसाब से वह वास्तव में एक दिन बड़ी थी.
क्लेयर कहती हैं, "मेरा जन्म प्रमाण पत्र ग़लत है. मेरा पासपोर्ट, मेरा ड्राइविंग लाइसेंस. सबकुछ ग़लत है."
ये भी पढ़ेंयह बात पता लगने के कुछ सप्ताह बाद, टोनी ने एनएचएस ट्रस्ट को एक पत्र लिखा.
यह ट्रस्ट उस अस्पताल की देखरेख करता है, जहां क्लेयर और जेसिका की अदला-बदली हो गई थी. टोनी ने अपने पत्र में ट्रस्ट को बताया था कि डीएनए टेस्ट में क्या निकला था.
ट्रस्ट ने इस बात की जिम्मेदारी ली. हालांकि, ढाई साल बीत जाने के बाद भी मुआवज़े को लेकर कोई बात नहीं बन पाई है.
टोनी और जोन कहते हैं कि उनको कहा गया था कि पिछले साल इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
हमने एनएचएस रिसॉल्यूशन से संपर्क किया, जो एनएचएस के ख़िलाफ़ मिलने वाली शिकायतों को संभालता है. उन्होंने कहा कि यह एक भयानक ग़लती थी. इसके लिए उन्होंने क़ानूनी जवाबदेही ली है.
हालांकि, यह कहा गया कि यह एक ‘अनोखा और जटिल मामला’ था. इसलिए मुआवज़े की राशि को लेकर सहमति बनाने के लिए काम किया जा रहा था.
इस बीच क्लेयर और जोन इस बात का पता लगाने में जुटी थीं कि उनके बीच क्या-क्या समान है. जैसे कपड़ों में पसंद और खाना और वो अपनी चाय कैसे लेती हैं.
आयरलैंड में उनकी अनुवांशिक जड़ों को खोजने के इरादे से वो दोनों छुट्टियों पर गईं. पिछला क्रिसमस उन्होंने साथ बिताया.
क्लेयर ने अपने नए परिवार को लेकर कहा, "हम बहुत ही क़रीब हैं. मैं उनके साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताना चाहती हूं. मगर वो समय तो चला गया. उसे दूर कर दिया गया."
अब जब क्लेयर जोन को मां पुकारती है तो जोन कहती हैं कि जेसिका अब ऐसा नहीं करती है. मगर जोन मानती हैं कि उनको एक बेटी मिली है.
वह कहती हैं, "इससे मुझ पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा है कि जेसिका मेरी बायोलॉजिकल बेटी नहीं हैं. वह आज भी मेरी बेटी है और हमेशा रहेगी."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)