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अलवर: राष्ट्रीय खेल विशेष- खुदनपुरी की बेटियों ने हॉकी में लहराया परचम

 

अलवर. शहर में खुदनपुरी का वार्ड 42 को यहां की बेटियों ने पूरे देश में पहचान दिलाई है। यहां की लड़कियां हॉकी में आज राष्ट्रीय स्तर पर परचम फहरा रही हैं। यहां रहने वाली 10 बालिकाओं ने राष्ट्रीय स्तर, 8 बालिकाओं ने अंतर विश्वविद्यालय महिला हॉकी प्रतियोगिता और 20 ने राज्य स्तर पर भाग लिया। पिछले 10 वर्षों से लगातार महिला सीनियर जूनियर एवं सब जूनियर राष्ट्रीय स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता में खुदनपुरी की लड़कियां अपने उत्कृष्ट खेल कौशल का लोहा मनवा रही है। कुछ लड़कियां महिला हॉकी एकेडमी अजमेर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।

मेजर ध्यानचंद के बेटे ने दिया बेटियों को प्रशिक्षण
अलवर की हॉकी खिलाड़ी बेटियों का खेलों में बेहतर प्रदर्शन इतना प्रभावशाली रहा है कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक ध्यानचंद भी पिछले साल यहां ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में खिलाड़ी बालिकाओं को प्रशिक्षण देने आए। उन्होंने अलवर में हॉकी का का अच्छा भविष्य होने की संभावना व्यक्त की थी।

सरकारी स्कूल के कोच ने बेटियों को दिया निशुल्क प्रशिक्षण

करीब एक दशक पहले यहां पर हॉकी का मैदान नहीं था, यहां तक की हॉकी खेलने के लिए स्टिक तक नहीं थी। इसके बावजूद भी बेटियों में हॉकी खेलने का जज्बा बरकरार रहा। यहां चलने वाले खुदनपुरी स्कूल में हॉकी के कोच बिजेंद्र यादव ने बेटियों को साधन व संसाधन नहीं होने के बाद भी खुले मैदान में हॉकी का निशुल्क प्रशिक्षण दिया। भामाशाहों से हॉकी किट दिलवाई। इससे बेटियों ने हॉकी का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद इस गांव का हॉकी का गांव कहा जाने लगा।

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