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जुगाड़ से की वेटलिफ्टिंग की तैयारी, अब जीत रहा है पदक

झुंझुनू. कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो रास्ते में आने वाली बाधाओं को भी पार किया जा सकता है। उदयपुरवाटी उपखंड के मंडावरा गांव के राम सिंह शेखावत ने भी यह कर दिखाया। वेटलिफ्टिंग के नेशनल खिलाड़ी राम सिंह के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर है। रामसिंह के पिता कायम सिंह शेखावत गोशाला में काम कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने बेटे को आगे बढ़ने से नहीं रोका। रामसिंह ने भी संसाधनों के अभावों में घर पर ही जुगाड़ से वेटलिफ्टिंग की तैयारी की और कई पदक जीत कर पिता के सपनों को पूरा किया।

*खिलाड़ी कंचन गुर्जर से मिली प्रेरणा*

राम सिंह ने बताया कि मंडावरा गांव की वेटलिफ्टिंग नेशनल खिलाड़ी कंचन गुर्जर से प्रेरणा लेकर अभ्यास शुरू किया। उसके दिमाग में आया कि लड़की होकर कंचन यह कर सकती है तो वह क्यों नहीं। बस फिर कंचन की तरह की घर पर लकड़ी, सीमेंट व रोड़ी से जुगाड़ बनाया। पत्थर, सीमेंट के कट्टे उठाकर अपनी तैयारी शुरू की। मंडावरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के शारीरिक शिक्षक व झुंझुनूं जिला वेट लिफ्टिंग कोच सुरेश कुमार ने उसे आगे की तैयारी के लिए प्रेरित किया।

*कई पदक जीते*

जिला स्तरीय प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीते। इसके बाद चित्तौड़गढ़ आरणी में हुई 67 वीं राज्य स्तरीय वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में 148 किलो वजन उठाकर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। नेशनल प्रतियोगिता में ऑल इंडिया में छठवें स्थान पर रहा। हाल ही चित्तौड़गढ़ निंबाहेड़ा में हुई 16 वीं सब जूनियर, 47 वीं जूनियर व 56 वीं सीनियर वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में 102 केजी भार वर्ग में सब जूनियर बालक वर्ग में 76 केजी स्नैच व 100 केजी क्लीन जर्क लगाकर कुल 176 केजी भार उठाकर रजत पदक जीता।

*सरकारी सहायता की जरूरत*

वेटलिप्टिंग नेशनल खिलाड़ी राम सिंह शेखावत ने बताया कि परिवार की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण कोचिंग व तैयारी के लिए अच्छा प्लेटफार्म नहीं मिल पा रहा। उसकी अंतरराष्ट्रीय, ओलंपिक स्तर पर खेलने की इच्छा है। सरकार की तरफ से कोई मदद मिले तो उसमें आगे बढ़कर पदक लाने की इच्छा शक्ति है।

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