रात में सोशल मीडिया देखने वाले हो जाएं सतर्क! घातक हो सकती है यह आदत, जानिए कैसे

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आजकल लोगों में सोशल मीडिया ऐप्स को लेकर काफी क्रेज देखने को मिल रहा है। बड़ों से लेकर बच्चे तक फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे ऐप्स स्क्रॉल करते रहते हैं। कई लोग तो घंटों तक इन ऐप्स पर स्क्रॉलिंग करते रहते हैं। यहां तक की रात को भी यूजर्स अपने मोबाइल में सोशल मीडिया चलाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि रात में सोशल मीडिया चलाना बहुत खतरनाक हो सकता है। इससे आपकी सेहत बिगड़ सकती है।

सोशल मीडिया बिगाड़ रहा सेहत:
रात में मोबाइल पर लगातार स्क्रॉलिंग की लत युवाओं की सेहत बिगाड़ रही है। सोशल मीडिया पर गतिविधियों से अपडेट रहने के लिए युवा दिनभर के काम निपटाने के बाद रात में सोने से पहले ऑनलाइन स्क्रॉलिंग करते हैं, लेकिन यह स्क्रॉलिंग कुछ मिनटों के बजाय कई घंटों तक चलने लगती है। इससे नींद प्रभावित होती है और वे दूसरी बीमारियों का शिकार बन जाते हैं।

आ सकते हैं इन बीमारियों की चपेट में:

रात में सोशल मीडिया पर ऑनलाइन रहने का यह जुनून रिवेंज बेड टाइम प्रोक्रास्टिनेशन कहलाता है। दरअसल, कुछ स्टडीज में पाया गया है कि रात में स्क्रॉलिंग करने और देरी से सोने की वजह से हाई ब्लड प्रेशर, डायबटीज, हृदय संबंधी समस्याएं तो होती ही हैं। साथ ही वजन बढ़ना और अवसाद (डिप्रेशन) की समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं। एक शोध में शामिल वैज्ञानिकों का कहना है कि यह स्थिति इसलिए परेशान कर देने वाली है, क्योंकि युवा सबकुछ जानने के बावजूद पर्याप्त नींद लेने की बजाय स्क्रॉलिंग कर रहे हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको अपना स्क्रीन टाइम घटाना बेहद जरूरी है।

बचने के लिए करें ये काम:
वैज्ञानिकों ने सुझाव देते हुए कहा कि रात में स्क्रीन की लत से दूर रहने के लिए फोन में टाइमर लगाएं। ऐप के नोटिफिकेशन को कुछ घंटों के लिए ब्लॉक कर सकते हैं। सोने से पहले रीडिंग, स्केचिंग, पेंटिंग, ध्यान करना या जानकारी बढ़ाने वाली चीजें खोजें। इससे स्क्रीन टाइम कम होगा। आपको नींद अच्छी आएगी।

दूसरे कमरे में रखें मोबाइल:
जो लोग अपने कमरे में मोबाइल रखकर सोते हैं, उनकी नींद कम गहरी होती है। यहां तक कि जो लोग सोने से पहले मोबाइल या अन्य गैजेट्स का इस्तेमाल नहीं करते, वे उन लोगों के मुकाबले कम गहरी नींद सोते हैं, जिनके गैजेट्स दूसरे कमरे में रहते हैं।

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