8th pay commission : 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स पर बरसेगा पैसा, इस फॉर्मूले से बढ़ेगी सैलरी

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Himachali Khabar – (ब्यूरो)। मोदी सरकार की ओर से अध्यक्षता में आठवें वेतन आयोग को मंजूरी मिल चुकी है। सरकार के इस फैसले से 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाखों पेंशनर्स को लाभ होगा। दरअसल, लंबे समय से कर्मचारी नए वेतन आयोग (new pay commission update) का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, जोकि अब खत्म हो चुका है। लेकिन, फिलहाल सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन ओयाग (7th pay commission ) का ही लाभ मिल रहा है। ऐसे में कर्मचारियों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें कब शुरू होंगी और सैलरी में कितनी बढ़ौतरी होगी। इन सब सवाले के जबाव हम नीचे खबर में विस्तार से जानेंगे। 

 

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गौरतलब है कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनसभोगियां को महंगाई से राहत देने के लिए सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव किया जाता है और इसके लिए सरकार हर दस साल बाद एक नया पे कमीशन (new pay commission) लागू करती है।

फिलहाल, अबतक सात वेतन आयोग गठित किए जा चुके हैं। वर्तमान में कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी और अन्य भत्तों का लाभ मिल रहा है। 7वें वेतन आयोग को साल 2014 में गठित किया गया था और इसकी सिफारिशें साल 2016 में लागू हुई थीं, जो साल 2026 में खत्म होंगी। इसके बाद 1 जनवरी 2026 में आठवां वेतन आयोग लागू होगा। 

 

आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें कब लागू होंगी? 

 

8th pay commission के आने से सरकार को यह पता चलेगा कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और अन्य भत्तों में कितनी बढ़ौतरी होनी चाहिए। नए वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों को लागू करेगी। हालांकि, जरूरी नहीं है कि वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही कर्मचारियों (government employee news) के वेतन में इजाफा हो।

 

केंद्र सरकार राजस्व पर पड़ने वाले बोझ को ध्यान में रखकर फैसला लेगी। जानकारी के लिए बता दें कि बता दें कि हर वेतन आयोग का एक अलग मकसद होता है। दरअसल, साल 2014 में गठित किए गए सातवें वेतन आयोग का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले कर्मचारियों को सरकारी नौकरियों की तरफ आकर्षित करना था। 

कैसे बढ़ती है कर्मचारियों की सैलरी – 

फिटमेंट फैक्टर एक फॉर्मूला है जिसके उपायोग से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर्स के वेतन के लिए किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी की सिफारिश करेगा। कर्मचारियों की सैलरी (Basic Salary Latest News) में बढ़ौतरी का फैसला महंगाई और सरकार की वित्तीय क्षमता जैसे विभिन्न कारकों पर विचार करने के बाद ही लिया जाता है।

 

कैसे तय होता है फिटमेंट फैक्टर

फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor ) को तय करने में कई चीजों को देखा जाता है। उदाहरण के लिए सरकार की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और कर्मचारियों की जरूरतों के हिसाब से एक आंकड़ा तय किया जाता है। वेतन आयोग इसी आंकड़े को आधार मानकर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की सिफारिश करता है।

यहां सझमें कैसे और कितनी बढ़ेगी सैलरी

उदाहरण के लिए जब सातवें वेतन आयोग लागू हुआ था तो फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor update) को 2.57 तय किया था। इससे पहले, छठवें वेतन आयोग के समय केंद्रीय कर्मचारियों की  बेसिक सैलरी 7 हजार रुपये प्रति महीना थी लेकिन नई सिफारिशे लागू होने के बाद 7 हजार रुपये में 2.57 का गुणा कर दिया गया। इसका मतलब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (Basic Salary Hike) में 18 हजार रुपये की बढ़ौतरी हुई।

चौथे से सातवें वेतन आयोग तक का सफर

चौथा वेतन आयोग (4th Pay Commission) के चेयरमैन पी.एन. सिंघल ने इस आयोग की ओर से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 750 रुपये प्रति माह की सिफारिश करने की मांग की थी। सभी रैंक में वेतन में असमानताओं को कम करने पर ध्यान दिया गया। प्रदर्शन से जुड़ी वेतन संरचना पेश की गई। इसके लाभार्थी 35 लाख से अधिक कर्मचारी थे।

5वां वेतन आयोग (अप्रैल, 1994 से जनवरी, 1997)

पांचवां वेतन आयोग (5th Pay Commission) के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस. रत्नावेल पांडियन ने इस आयोग के तहत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 2,550 रुपये प्रति माह की सिफारिश की थी। सरकारी दफ्तर को आधुनिक बनाने पर ध्यान देने की सिफारिश की गई। इस वेतन आयोग की सिफारिशों का 40 लाख कर्मचारियों को लाभ मिला था। 

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छठा वेतन आयोग (अक्टूबर, 2006 से मार्च, 2008)

छठा वेतन आयोग (6th Pay Commission) के चेयरमैन न्यायमूर्ति बी.एन. श्री कृष्ण थे। इस आयोग ने‘पे बैंड’ और ‘ग्रेड पे’ पेश किया। इसके तहत बेसिक सैलरी 7,000 प्रति माह और अधिकतम वेतन: 80,000 रुपये प्रति माह की सिफारिश हुई। आयोग के अनुसार कर्मचारियों के कार्य की परफॉर्मेंस  के हिसाब से उनकी सैलरी में इजाफा कर प्रोत्साहित किया जा सकता है। इसके लाभार्थी लगभग 60 लाख कर्मचारी थे।

7वां वेतन आयोग 

सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) को साल 2014 में गठित किया गया था और इसकी सिफारिशें साल 2016 में लागू हुई थी। इस आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के माथुर ने कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 18,000 रुपये प्रति माह की बढ़ौतरी करने की सिफारिशें की थी। वहीं, अधिकतम वेतन 2,50,000 रुपये प्रति माह की सिफारिश थी। ग्रेड पे सिस्टम (Grade Pay System) की जगह नये पे मैट्रिक्स (New Pay Matrix) की सिफारिश की गई। इसके अलावा भत्तों और कार्य-जीवन संतुलन पर ध्यान दिया गया। 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और लाखों पेंशनर्स को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है। 

8वां वेतन आयोग

हाल ही में मोदी सरकार की अध्यक्षता में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी दी गई है। हालांकि, अभी तक आठवें वेतन आयोग का गठन नहीं किया गया है। इस वेतन आयोग की अगुवाई कौन करेगा और कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ौतरी होगी इससे जुड़े अन्य अपडेट सरकार ने अभी अधिकारिक वेबसाइट पर जारी नहीं किए हैं।