Mukesh Ambani और भारती मित्तल को BSNL ने चौंकाया! अब बिना सिम के होगी कॉलिंग? जानें यहाँ

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pc: news24online

बीएसएनएल ने अपनी नई डी2डी (डायरेक्ट-टू-डिवाइस) सेवा के साथ भारतीय दूरसंचार उद्योग में एक अभूतपूर्व प्रगति की शुरुआत की है। यह सेवा यूजर्स को बिना सिम कार्ड या मोबाइल नेटवर्क की आवश्यकता के कॉल करने की अनुमति देती है, जो सीधे सेटेलाइट के माध्यम से उपकरणों को जोड़ती है। इसके साथ, बीएसएनएल मुकेश अंबानी की जियो और सुनील मित्तल की एयरटेल जैसी उद्योग की दिग्गज कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करने के लिए तैयार है। इस क्रांतिकारी सेवा पर एक गहरी नज़र डालें:

डी2डी तकनीक खास क्यों है?

डी2डी सेवा प्राकृतिक आपदाओं या आपात स्थितियों के दौरान अमूल्य हो सकती है जब पारंपरिक नेटवर्क विफल हो जाते हैं, क्योंकि यह लोगों को नियमित नेटवर्क अनुपलब्ध होने पर भी जुड़े रहने में मदद करती है। बीएसएनएल की यह पहल उपग्रह प्रौद्योगिकी में भारत की क्षमताओं को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

डी2डी सेवा कैसे काम करती है?

बीएसएनएल ने इस सेवा के लिए वायसैट के साथ साझेदारी की है। एक बुनियादी एंड्रॉइड स्मार्टफोन के साथ, उपयोगकर्ता उपग्रह प्रौद्योगिकी के माध्यम से 36,000 किलोमीटर दूर तक दूसरों को कॉल कर सकते हैं, जो पारंपरिक मोबाइल नेटवर्क से परे कनेक्टिविटी का एक वैकल्पिक तरीका प्रदान करता है।

भारत में सैटेलाइट कनेक्टिविटी का भविष्य बीएसएनएल के अलावा, जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसी अन्य दूरसंचार कंपनियाँ भी सैटेलाइट कनेक्टिविटी सेवाओं पर काम कर रही हैं। एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेज़न जैसी वैश्विक कंपनियाँ भी भारतीय बाज़ार में प्रवेश की संभावना तलाश रही हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए आवश्यक स्पेक्ट्रम आवंटित करने की प्रक्रिया में है, जो आवंटन पूरा होने के बाद इन कंपनियों को आधिकारिक तौर पर अपनी सेवाएँ शुरू करने की अनुमति देगा।

दूरसंचार उद्योग के लिए एक गेम-चेंजर डी2डी सेवा उपयोगकर्ताओं को अधिक विश्वसनीय कनेक्टिविटी प्रदान करके और संभावित रूप से भारत को सैटेलाइट तकनीक में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करके भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति ला सकती है।