4% बढ़ सकता है केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता, मोदी सरकार त्योहार से पहले दे सकती है बड़ा तोहफा

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आ रही है। मोदी सरकार इस साल जुलाई 2025 से महंगाई भत्ता (DA) में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है। ये खबर उनके लिए खास है जो लंबे समय से वेतन में संशोधन की उम्मीद लगाए बैठे थे। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महंगाई दर के आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जुलाई से महंगाई भत्ता मौजूदा 55% से बढ़कर 59% तक पहुंच सकता है। हालांकि यह बढ़ोतरी जुलाई से प्रभावी होगी, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा संभवतः सितंबर या अक्टूबर, यानी त्योहारों के मौसम के आसपास की जा सकती है।
CPI डेटा के आधार पर 59% तक पहुंच सकता है DA, कर्मचारियों को बड़ी राहत की उम्मीद
महंगाई भत्ते की गणना ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-IW) के आधार पर होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2025 में यह इंडेक्स 0.5% की बढ़ोतरी के साथ 144 के आंकड़े पर पहुंच गया है। इससे पहले मार्च में यह 143, अप्रैल में 143.5 था। अगर यह ट्रेंड जून तक जारी रहा और इंडेक्स 144.5 तक पहुंच गया, तो इसका 12 महीने का औसत करीब 144.17 हो सकता है। 7वें वेतन आयोग के फॉर्मूले के तहत जब इस आंकड़े को समायोजित किया जाता है, तो डीए दर 58.85% तक आ जाती है — जिसे सरकार 59% करने का फैसला ले सकती है। इस बढ़ोतरी से लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को वित्तीय रूप से राहत मिलने की उम्मीद है।
सितंबर-अक्टूबर में हो सकती है घोषणा, फेस्टिव बोनस की तरह मिल सकता है लाभ
जैसा कि परंपरा रही है, सरकार आमतौर पर साल में दो बार — जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते की समीक्षा करती है। लेकिन इसकी घोषणा अक्सर कुछ माह बाद, फेस्टिवल सीजन के आसपास की जाती है, ताकि कर्मचारियों को एक तरह का त्योहारी तोहफा मिल सके।पिछले वर्षों में भी सरकार ने सितंबर या अक्टूबर में ही इसकी घोषणा की थी। इस साल भी, दिवाली से पहले इसकी आधिकारिक घोषणा संभव मानी जा रही है।
सातवें वेतन आयोग की अंतिम DA बढ़ोतरी, आठवें आयोग पर नजरें टिकीं
इस बार की यह वृद्धि सातवें वेतन आयोग के तहत अंतिम महंगाई भत्ता संशोधन होगा, क्योंकि इसकी वैधता 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है। हालांकि आठवें वेतन आयोग की घोषणा सरकार की ओर से साल की शुरुआत में की जा चुकी है, लेकिन इसमें अभी तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। नई कमेटी के चेयरमैन और मेंबर्स की नियुक्ति अब भी लंबित है, जिस पर सरकारी कर्मचारियों की निगाहें टिकी हुई हैं।