बगरू की मिट्टी से उभरी कला: पुनीत और चांदनी की औरम क्राफ्ट्स की कहानी, राजस्थान की कला को दुनिया तक पहुंचाने का सपना
राजस्थान के बगरू की गलियों से उठकर, पुनीत अग्रवाल और चांदनी गुप्ता ने एक खास ब्रांड की शुरुआत की है, जिसे नाम दिया है ‘औरम क्राफ्ट्स’। यह ब्रांड अपने खास कारीगरों द्वारा हाथ से बनाए गए लकड़ी के किचनवेयर के लिए प्रसिद्ध हो रहा है। उनका उद्देश्य था पारंपरिक कारीगरी को आधुनिकता के साथ जोड़ते हुए ऐसे उत्पाद बनाना जो न केवल उपयोगी हों, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हों।
औरम क्राफ्ट्स
टेक्नोलॉजी और परंपरा का संगम: औरम क्राफ्ट्स ने अपने उत्पादों को बनाने में मशीन-सहायता प्राप्त प्रक्रियाओं और हाथ से तैयार कारीगरी का सही संतुलन बनाया है। इस प्रक्रिया से उनके उत्पादों में आधुनिकता के साथ-साथ पारंपरिक कारीगरी का आकर्षण भी बना रहता है। जहां मशीन की मदद से सटीकता मिलती है, वहीं हाथ से बनाए जाने के कारण हर उत्पाद में अद्वितीयता का स्पर्श होता है।
चुनौतियां और सफलता:
स्थानीय कारीगरों को सशक्त करना: औरम क्राफ्ट्स न केवल उच्च गुणवत्ता वाले किचनवेयर प्रदान करता है, बल्कि अचुकी प्रजापत और सोहन वैष्णव जैसे स्थानीय कारीगरों को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है। यह ब्रांड इन कारीगरों को सही मेहनताना और काम की उचित परिस्थितियां देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
भविष्य की योजनाएं: इस समय औरम क्राफ्ट्स हर महीने करीब ₹5 लाख की कमाई कर रहा है। पुनीत और चांदनी का सपना है कि वे अपनी उत्पाद श्रृंखला को और भी बढ़ाएं और भारतीय कारीगरी की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएं। उनका उद्देश्य न केवल भारतीय बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी औरम क्राफ्ट्स को एक पहचान दिलाना है।
पुनीत अग्रवाल और चांदनी गुप्ता की यह प्रेरणादायक यात्रा बताती है कि कैसे पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक तकनीक के सही मेल से एक सफल व्यवसाय खड़ा किया जा सकता है। उनकी यह कहानी उन उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा है जो अपनी जड़ों से जुड़े रहकर व्यवसाय में सफल होना चाहते हैं।