UP News: हत्या की आशंका! हिंदू तरीके से अंतिम संस्कार, ठाकुर बनने वाले वसीम रिजवी का वसीयतनामा

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अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व मुसलमान से हिंदू धर्म अपनाने वाले वसीम रिजवी उर्फ ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने अपना वसीयतनामा जारी कर दिया है। इस वसीहतनामा के जरिये जितेंद्र नारायण ने अपना अंतिम संस्कार हिंदू रीतिरिवाज के तहत करने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने अपनी वसीहत में चिता को अग्नि देने वाले नामों का भी जिक्र कर दिया है। इसके साथ ही जितेंद्र नारायण ने अपनी हत्या की साजिश किए जाने की आशंका भी जताई है। बता दें, वसीम रिजवी ने हिंदू धर्म अपनाते हुए अपना नाम जितेंद्र नारायण त्यागी रखा था। लेकिन बीते दिनों उन्होंने अपना नाम फिर बदलकर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर रख लिया है। इस तरह वें ब्राह्मण से ठाकुर बन गए हैं। वसीम रिजवी ने अपने वसीयतनामा की जानकारी देते हुए बताया कि मेरा परिवार आज भी इस्लाम धर्म को फॉलो करता है, क्योंकि उनकी विचारधारा कट्टरपंथी नहीं है। इसलिए मुझे उनसे कोई आपत्ति नहीं है और मेरे सनातनी होने पर उन्हें भी कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उस समाज के ठेकेदार, कट्टरपंथी मुल्ला और जिहादी मानसिकता रखने वाले लोग मुझे इस्लाम का बागी और काफ़िर मानते हैं। वो लोग मेरी हत्या करने की साजिश आज भी कर रहे है। जब तक मैं जिंदा हूं तब तक वो लोग हत्या की साजिश करते रहेंगे। वसीम रिजवी ने कहा कि बीते कुछ महीनो से टूटा-टूटा सा रहने लगा हूं। हो सकता है कि मेरी हत्या कर दी जाए, या किसी अन्य परिस्थितियों के कारण मेरी मौत हो जाए। 'मेरे शव को कब्रिस्तान में दफनाने की कोशिश न करें'
वसीम रिजवी ने कहा कि कहीं ऐसा ना हो कि मेरे परिवार के लोग कट्टरपंथी समाज के आगे घुटने टेक दें, और कट्टरपंथी मुल्ला से मेरी तरफ से मांफी मांग कर मेरे शव को कब्रिस्तान में दफनाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि एक शपथ पर अपना इच्छा पत्र लिख दिया है। वसीहत नामा लिख दिया है। उन्होंने कहा कि मैं सनातनी हूं और मेरा अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से होना चाहिए। मेरी चिता बननी चाहिए और मेरी चिता को अग्नि कौन देगा इसको लेकर भी वसीयतनामा में जिक्र किया है। वसीम रिजवी ने कहा कि आचार्य रामभद्राचार्य ने मुझे दीक्षा दी है अगर उनका स्वास्थ्य अनुमति दे तो मेरी अस्थियों का विसर्जन उनके हाथ से या उनके सामने किया जाए। दो बार रहे दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री
अपने वीडियो बयान के जरिए वसीम रिजवी ने बताया कि इस्लाम को मानने वाले परिवार में मेरा जन्म हुआ था। उन्होंने बताया कि वें चार बार शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहने के साथ ही दो बार दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। अध्यक्ष रहते हुए भगवान राम के मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रहा था। उसमें हम भी पक्षकार थे। लेकिन मेरा पक्ष था कि यह भगवान श्री राम का जन्म स्थान है इसलिए यहां पर भगवान राम का मंदिर बनना चाहिए।वसीम रिजवी ने कहा कि मुसलमान होने के बावजूद बाबरी पक्षकारों का साथ नहीं दिया था। राम मंदिर का फैसला आने तक हिंदू पक्षकारों के साथ संघर्ष कर रहा था। इसके बाद कट्टरपंथी समाज के लोग मुझसे नफरत करने लगे थे उन्होंने बताया कि मेरे खिलाफ फतेह जारी होने लगे और मेरी गर्दन काटने पर इनाम घोषित होने लगे थे। मेरा और मेरे परिवार का सोशल बायकॉट किया जाना शुरू कर दिया गया था। इस सबके बावजूद हमने सनातम धर्म को स्वीकार किया और आज मेरा नाम ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर है।