देवउठनी एकादशी पर हर पति-पत्नी को करने चाहिए ये 5 विशेष उपाय, वैवाहिक जीवन बनेगा खुशहाल, धन-धान्य की नहीं होगी कमी
जिन पति-पत्नी के बीच हमेशा तनाव की स्थिति रहती है, उन्हें देवउठनी एकादशी पर लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। इसके बाद पति-पत्नी शालिग्रामजी को पंचामृत से स्नान करा सकते हैं और चंदन लगा सकते हैं। फिर उन्हें पीले आसन पर विराजमान करके तुलसी जी के साथ उनकी पूजा करें।
देवउठनी एकादशी पर पति-पत्नी दोनों जलाएं दीया
देवउठनी एकादशी पर पति-पत्नी दोनों को शाम के समय भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी के सामने दीया जलाकर 'प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:॥' का जाप करें। इससे आपके घर से सभी तरह के झगड़े, तनाव और नकारात्मकताएं दूर होती जाएंगी। इससे पति-पत्नी के जीवन में शांति बनी रहती है।
आज विष्णु जी और माता लक्ष्मी के सामने इस मंत्र का जाप करें
देवउठनी एकादशी की शाम पति-पत्नी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के सामने बैठकर 21 “ॐ श्रीं ह्रीं पूर्ण गृहस्थ सुख सिद्धये ह्रीं श्रीं ॐ नमः” मंत्र का जाप करें और माता लक्ष्मी और विष्णु जी से गृहस्थ जीवन की संपन्नता के लिए प्रार्थना करें। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
देवउठनी एकादशी की शाम पति-पत्नी विष्णु जी को अर्पित करें हल्दी
देवउठनी एकादशी की शाम पति-पत्नी विष्णु जी को हल्दी की गांठ अर्पित करनी चाहिए। पीले कपड़े में हल्दी की गांठ बांधकर 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप करते हुए भगवान विष्णु को अर्पित करने से लाभ मिलता है। इस विशेष उपाय से पति-पत्नी का वैवाहिक जीवन सुखी बना रहता है।
देवउठनी एकादशी पर पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ गठबंधन करके करें पूजा
देवउठनी एकादशी पर यह विशेष उपाय पति-पत्नी के बीच सुख-शांति के लिए बहुत कारगर है। देवउठनी एकादशी की शाम पति-पत्नी को अपने पहने हुए वस्त्रों के कोने को आपस में बांधकर (गठबंधन) करके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा करनी चाहिए। इससे पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है।