जापान की दो दिग्गज कार कंपनियां मिलाने वाली हैं हाथ, विलय के लिए बातचीत शुरू, भारत में भी दिखेगा असर

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Honda And Nissan Merger Talks: जापानी कंपनियां ऑटोमोबाइक सेक्टर में दुनियाभर में बेहद सक्रिय हैं और ऐसा कोई देश नहीं होगा, जहां जापानी कारों के साथ ही टेक्नॉलजी का दमखम नहीं दिखता हो। अब एक बड़ी खबर आ रही है कि होंडा और निसान जैसी बड़ी जापानी कार कंपनियों का विलय हो सकती हैं। जापानी अखबार निक्केई की खबरों की मानें तो होंडा और निसान जैसी बड़ी कार कंपनियां मिलकर एक हो सकती हैं।
वे टेस्ला जैसी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों से मुकाबला करने के लिए ऐसा कर रही हैं। मित्सुबिशी मोटर्स को भी साथ लाने की कोशिशेंमीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो निसान और होंडा एक ही छत के नीचे काम करने की सोच रही हैं। वे जल्द ही एक समझौते पर दस्तखत भी कर सकती हैं। निक्केई का कहना है कि होंडा और निसान, मित्सुबिशी मोटर्स को भी साथ लाना चाहती हैं। मित्सुबिशी में निसान की बड़ी हिस्सेदारी है। अगर ऐसा हुआ तो यह दुनिया के सबसे बड़े ऑटो समूहों में से एक बन जाएगा। निसान ने कहा कि उसने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों कंपनियां मिलकर काम करने के नए तरीके ढूंढ़ रही हैं।
होंडा ने भी यही बात दोहराई है। एक-दूसरी की ताकत का उठाएंगे लाभहोंडा का कहना है कि इस साल मार्च में की गई घोषणा के अनुसार, होंडा और निसान एक-दूसरे की ताकत का लाभ उठाते हुए भविष्य के सहयोग के लिए अलग-अलग संभावनाओं की खोज कर रहे हैं। हम अपने स्टेकहोल्डर्स को सही समय पर किसी भी अपडेट के बारे में सूचित करेंगे। आपको बता दें कि इस साल मार्च में जापान की दूसरी और तीसरी सबसे बड़ी कार कंपनियां, होंडा और निसान एक साथ आने पर राजी हुईं थीं। वे इलेक्ट्रिक कारों पर साथ मिलकर काम करना चाहती थीं। चीन से पिछड़ गया जापानमार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि निसान और होंडा जैसी कंपनियां चाइनीज कार कंपनियां, जैसे बीवाईडी से पिछड़ रही हैं।
चीन की कंपनियों ने इलेक्ट्रिक कारों के बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर ली है। दरअसल, जापानी कंपनियां हाइब्रिड कारों पर ज्यादा ध्यान दे रही थीं और इस वजह से वे पिछड़ गईं। 2023 में चीन जापान से आगे निकल गया और दुनिया का सबसे बड़ा कार निर्यातक बन गया। इसमें इलेक्ट्रिक कारों का बड़ा हाथ रहा। ईवी में भारी निवेश होंडा ने इस साल मई में कहा था कि वह 2030 तक इलेक्ट्रिक कारों में अपना निवेश दोगुना करके 65 बिलियन डॉलर कर देगी। होंडा का टारगेट साल 2040 तक सिर्फ इलेक्ट्रिक कारें ही बेचना है। निसान ने मार्च में कहा था कि वह अगले 3 वर्षों में 30 नई कारें लॉन्च करेगी, जिनमें से 16 इलेक्ट्रिक होंगी।
निसान और होंडा के मर्जर के बाद आने वाले समय में भारत में इन दोनों कंपनियों की काफी सारे इलेक्ट्रिक कारें आ सकती हैं। इलेक्ट्रिक कारों की तरफ झुकाव बढ़ रहा हैआपको बता दें कि दुनियाभर में पर्यावरण को लेकर चिंताएं बढ़ रही है। अब लोग कम प्रदूषण फैलाने वाली कारों की तरफ देख रहे हैं। ऐसे में कार कंपनियां भी इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों पर ज्यादा फोकस कर रही हैं। हालांकि, इलेक्ट्रिक कारें अभी भी महंगी हैं और इनकी रेंज भी उतनी नहीं है। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर भी अच्छा ना होने से लोगों के सामने ज्यादा चुनौतियां हैं।
जापान में हाइब्रिड कारें काफी लोकप्रिय हैं। 2022 में बिकने वाली कुल कारों में से 40 फीसदी हाइब्रिड थीं। ऐसे में हाइब्रिड कारों पर ज्यादा ध्यान देने की वजह से जापानी कंपनियां पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कारों के मामले में पीछे रह गईं।