Indigo Order: एयरबस को सबसे ज्यादा विमानों का आर्डर भारत से, फिर डिलीवरी में क्यों हो रही है देरी?
नई दिल्ली: हवाई जहाज बनाने वाली यूरोपियन कंपनी एयरबस (Airbus) के लिए इंडिगो (Indigo) और एयर इंडिया (Air India) अब दुनिया के टॉप तीन ग्राहकों में शामिल हैं। इन एयरलाइन्स को अभी बहुत सारे विमान मिलने बाकी हैं। एयरबस के एक बड़े अधिकारी बेनोइट डी सेंट-एक्सुपरी का कहना है कि अब भारतीय एविएशन कंपनियो को भी विमानों की डिलीवरी बढ़ेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन बढ़ा है।
कितने विमानों का है आर्डर
एयरबस के एक अधिकारी ने बताया कि इंडिगो को 916 और एयर इंडिया को 344 विमानों की डिलीवरी करनी है। इनमें से ज्यादातर विमान छोटे आकार (Narrow Body) वाले हैं। मलेशिया का एयर एशिया ग्रुप, जो कभी भारत में टाटा के साथ मिलकर एक एयरलाइन चलाती था, 393 विमानों के आर्डर साथ दूसरे स्थान पर है।
बढ़ा है विमानों का प्रोडक्शनदिल्ली में हो रहे IATA के AGM के दौरान टाइम्स ऑफ इंडिया से अलग से बातचीत में बेनोइट ने एयरलाइनों के लिए अच्छी खबर दी। उल्लेखनीय है कि एविएशन कंपनियां विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी से परेशान हैं। यह देरी बोइंग कंपनी की वजह से भी हो रही है। बेनोइट ने कहा, "हमें सप्लाई चेन में स्थिरता के पहले संकेत दिख रहे हैं। हम हर महीने 60 A320 विमान बना रहे हैं। यह संख्या कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच गई है। हमें उम्मीद है कि 2027 तक हम इसे बढ़ाकर 75 कर देंगे। हमारे पास ऑर्डर हैं और हम उत्पादन बढ़ा रहे हैं। भविष्य में उड़ने वाला हर एयरबस विमान आंशिक रूप से भारत में बनेगा।"
क्या भारत में बनेगी फाइनल असेंबली लाइनइंडिगो और एयर इंडिया से 1,750 विमानों के ऑर्डर के बारे में पूछा गया कि क्या भारत में फाइनल असेंबली लाइन (FAL) बननी चाहिए, तो बेनोइट ने कहा, "हमारे पास दूसरे प्रोडक्ट्स के लिए फाइनल असेंबली लाइनें होंगी। जैसे कि H125 हेलीकॉप्टर और C295 सैन्य विमान। कमर्शियल विमानों के लिए, हम भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहते हैं। भारत से सामान खरीदना कमर्शियल विमानों के लिए FAL से ज्यादा फायदेमंद है। हम भारत से खरीद लगातार बढ़ा रहे हैं। साल 2020 में एयरबस ने भारत से 500 मिलियन डॉलर का सामान खरीदा था। यह साल 2023 में बढ़ कर एक बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। पिछले साल यह 1.4 बिलियन डॉलर का था। इस दशक के अंत तक हम 2 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएंगे।"
भारत सिर्फ बाजार नहींएयरबस इंडिया के अध्यक्ष और दक्षिण एशिया क्षेत्र के एमडी रेमी मैलार्ड ने कहा, "भारत हमारे लिए सिर्फ एक बाजार नहीं है। यह एयरबस के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन और औद्योगिक आधार बन गया है।" सप्लाई चेन में दिक्कतों के कारण विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी के बारे में बेनोइट ने कहा, "अब हमें सप्लाई चेन में स्थिरता के पहले संकेत दिख रहे हैं। लेकिन आप कभी भी निश्चिंत नहीं हो सकते, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि आजकल स्थिति बहुत जल्दी बदल सकती है।"
कितने विमानों का है आर्डर
एयरबस के एक अधिकारी ने बताया कि इंडिगो को 916 और एयर इंडिया को 344 विमानों की डिलीवरी करनी है। इनमें से ज्यादातर विमान छोटे आकार (Narrow Body) वाले हैं। मलेशिया का एयर एशिया ग्रुप, जो कभी भारत में टाटा के साथ मिलकर एक एयरलाइन चलाती था, 393 विमानों के आर्डर साथ दूसरे स्थान पर है।
बढ़ा है विमानों का प्रोडक्शनदिल्ली में हो रहे IATA के AGM के दौरान टाइम्स ऑफ इंडिया से अलग से बातचीत में बेनोइट ने एयरलाइनों के लिए अच्छी खबर दी। उल्लेखनीय है कि एविएशन कंपनियां विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी से परेशान हैं। यह देरी बोइंग कंपनी की वजह से भी हो रही है। बेनोइट ने कहा, "हमें सप्लाई चेन में स्थिरता के पहले संकेत दिख रहे हैं। हम हर महीने 60 A320 विमान बना रहे हैं। यह संख्या कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच गई है। हमें उम्मीद है कि 2027 तक हम इसे बढ़ाकर 75 कर देंगे। हमारे पास ऑर्डर हैं और हम उत्पादन बढ़ा रहे हैं। भविष्य में उड़ने वाला हर एयरबस विमान आंशिक रूप से भारत में बनेगा।"
क्या भारत में बनेगी फाइनल असेंबली लाइनइंडिगो और एयर इंडिया से 1,750 विमानों के ऑर्डर के बारे में पूछा गया कि क्या भारत में फाइनल असेंबली लाइन (FAL) बननी चाहिए, तो बेनोइट ने कहा, "हमारे पास दूसरे प्रोडक्ट्स के लिए फाइनल असेंबली लाइनें होंगी। जैसे कि H125 हेलीकॉप्टर और C295 सैन्य विमान। कमर्शियल विमानों के लिए, हम भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहते हैं। भारत से सामान खरीदना कमर्शियल विमानों के लिए FAL से ज्यादा फायदेमंद है। हम भारत से खरीद लगातार बढ़ा रहे हैं। साल 2020 में एयरबस ने भारत से 500 मिलियन डॉलर का सामान खरीदा था। यह साल 2023 में बढ़ कर एक बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। पिछले साल यह 1.4 बिलियन डॉलर का था। इस दशक के अंत तक हम 2 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएंगे।"
भारत सिर्फ बाजार नहींएयरबस इंडिया के अध्यक्ष और दक्षिण एशिया क्षेत्र के एमडी रेमी मैलार्ड ने कहा, "भारत हमारे लिए सिर्फ एक बाजार नहीं है। यह एयरबस के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन और औद्योगिक आधार बन गया है।" सप्लाई चेन में दिक्कतों के कारण विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी के बारे में बेनोइट ने कहा, "अब हमें सप्लाई चेन में स्थिरता के पहले संकेत दिख रहे हैं। लेकिन आप कभी भी निश्चिंत नहीं हो सकते, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि आजकल स्थिति बहुत जल्दी बदल सकती है।"
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