काश... डोनाल्ड ट्रंप के एडवाइजर श्रीराम कृष्णन को लेकर श्रीधर वेम्बू को किस बात है मलाल

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नई दिल्ली: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के वेंचर कैपिटेलिस्ट श्रीराम कृष्णन को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर अपना सीनियर पॉलिसी एडवाइजर बनाया है। कृष्णन माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर, याहू, फेसबुक और स्नैप में काम कर चुके हैं। इस बीच चेन्नई की क्लाउड सर्विस कंपनी जोहो के फाउंडर और सीईओ श्रीधर वेम्बू ने कृष्णन को उनकी नई भूमिका के लिए बधाई देते हुए उनसे जुड़ा एक किस्सा याद किया है। वेम्बू ने कहा कि वह 2004 में कृष्णन को रिक्रूट करना चाहते थे लेकिन उनसे पहले ही माइक्रोसॉफ्ट ने उन्हें हायर कर लिया था।वेम्बू ने एक्स पर लिखा, '2004 में जब श्रीराम एसआरएम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहे थे तो मैंने उनका एक ब्लॉग पढ़ा। यह उस जमाने में भारत में प्रोग्रामिंग पर शुरुआती ब्लॉग्स में से एक था। इसे पढ़कर में इतना प्रभावित हो गया था और मैं उन्हें रिक्रूट करना चाहता था। लेकिन माइक्रोसॉफ्ट उन्हें पहले ही हायर कर चुकी थी। उसके बाद हम टच में रहे और बाद में वह सिलिकॉन वैली चले गए और एंटरप्रीन्योर बन गए। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी टेक्नोलॉजी टीम के लिए शानदार प्रतिभा खोजी है।'
श्रीराम का करियरश्रीराम कृष्णन ने अन्ना यूनिवर्सिटी के एसआरएम इंजीनियरिंग कॉलेज से आईटी में बीटेक किया है। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट से अपने करियर की शुरुआत की और वह Windows Azure के फाउंडिंग मेंबर थे। वह SpaceX, Figma और Scale.ai में पर्सनल इनवेस्टर भी रहे। साल 2013 में फेसबुक से जुड़े और कंपनी के मोबाइल ऐप डाउनलोड विज्ञापन बिजनस को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद वह स्नैप में चले गए और फिर 2019 तक ट्विटर के साथ काम किया।