भारत की बिजली का बिल भरने से बच रहा बांग्लादेश, त्रिपुरा सरकार के भी बकाया हैं 200 करोड़ रुपये

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नई दिल्ली: भारत से सप्लाई होने वाली बिजली का बिल चुकाने से बांग्लादेश बच रहा है। बिजली बिल को लेकर अभी अडानी के साथ मामला सुलझा नहीं है कि अब त्रिपुरा सरकार का भी बिजली का बिल सामने आ गया है। त्रिपुरा सरकार के बांग्लादेश पर बिजली के 200 करोड़ रुपये बकाया हैं। हालांकि त्रिपुरा सरकार ने बिजली के बिल का भुगतान न करने पर कनेक्शन काटने जैसी कोई बात नहीं की है।त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश पर त्रिपुरा का 200 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश को बिजली आपूर्ति रोकने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। त्रिपुरा का विद्युत निगम लिमिटेड बांग्लादेश को 60-70 मेगावाट बिजली की सप्लाई करता है। एनटीपीसी से बिजली लेकर यह सप्लाई बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के साथ एक समझौते के तहत की जाती है। रोजाना बढ़ रहा बिलसाहा ने कहा, 'बांग्लादेश ने हमें बिजली आपूर्ति के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। बकाया रकम हर दिन बढ़ रही है। हमें उम्मीद है कि वे अपना बकाया चुका देंगे ताकि बिजली आपूर्ति बाधित न हो।'जब साहा से पूछा गया कि अगर बांग्लादेश बिजली का पेमेंट नहीं करता है तो क्या सप्लाई रोक दी जाएगी, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इशारों-इशारों में कह दी यह बातसाहा ने कहा कि त्रिपुरा में बिजली प्लांट में कई मशीनरी बांग्लादेशी क्षेत्र या चटगांव बंदरगाह के माध्यम से लाई गई थी। इसलिए त्रिपुरा सरकार ने एक समझौते के बाद देश को बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी।उन्होंने कहा, 'लेकिन मुझे नहीं पता कि अगर वे बकाया राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो हम बांग्लादेश को कब तक बिजली की आपूर्ति जारी रख पाएंगे।' इसका सीधा सा मतलब है कि ऐसे में बांग्लादेश की बिजली गुल की जा सकती है। अडानी ग्रुप ले चुका है एक्शनयह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश ने भारत से आ रही बिजली का भुगतान नहीं किया है। बांग्लादेश पर अडानी ग्रुप भी बिजली का भी पैसा बकाया है।अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पावर झारखंड में अपने 1600 मेगावाट गोड्डा प्लांट से बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई करती है। बांग्लादेश पर अडानी पावर का 800 मिलियन डॉलर बकाया है। बिजली का पेमेंट न करने के कारण अगस्त में कंपनी ने बिजली आपूर्ति को लगभग 1400-1500 मेगावाट से घटाकर 520 मेगावाट कर दिया था। (पीटीआई इनपुट के साथ।)