प्रॉफिट में आई अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता, पिछले साल हुआ था 915 करोड़ का घाटा
नई दिल्ली: खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेदांता लिमिटेड ने शुक्रवार को अपनी सितंबर तिमाही का रिजल्ट घोषित किया। इस दौरान कंपनी को 5,603 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ है जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में उसे 915 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 4% घटकर 37,171 करोड़ रुपये रह गया।
एक साल पहले यह 38,546 करोड़ रुपये था। कंपनी ने जुलाई-सितंबर की अवधि में 9,828 करोड़ रुपये का EBITDA दर्ज किया, जबकि मार्जिन 26.1% रहा।वेदांता के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अरुण मिश्रा ने कहा कि इस साल की दूसरी छमाही कंपनी के लिए एक परिवर्तनकारी अवधि होगी। इस दौरान हमारी प्रमुख विकास और एकीकरण परियोजनाएं ऑनलाइन होंगी और तेजी से आगे बढ़ेंगी। इस दौरान कंपनी का एल्यूमीनियम का कास्ट मेटल प्रॉडक्शन ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। तिमाही के दौरान यह 609 केटी रहा जो पिछले साल की तुलना में तीन फीसदी अधिक है।
इस दौरान जिंक मेटल और रिफाइंड मेटल प्रॉडक्शन क्रमश: 256 केटी और 262 केटी रहा। कंपनी का कर्जदूसरी तिमाही के अंत में वेदांता का कर्ज 56,927 करोड़ रुपये रह गया है जबकि नेट डेट/EBITDA 1.49 गना है जो छह तिमाहियों में सबसे बेस्ट पोजीशन है। वेदांता ने कहा कि उसकी पेरेंट कंपनी Vedanta Resources ने बॉन्ड इश्यू के जरिए $1.2 अरब जुटाए हैं और अपने कर्ज पर ब्याज लागत पर तीन फीसदी से ज्यादा कमी की है। पेरेंट कंपनी का नेट डेट पहली छमाही में एक अरब डॉलर घटकर एक दशक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। वेदांता ने कहा कि उनका डिमर्जर ट्रैक पर है और फाइनल स्टेज पर है।
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