कैश ज्यादा...छोटे उद्योग तबाह... राहुल गांधी ने क्या कहा कि लग गई क्लास, आया 'जलेबी' का जिक्र

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नई दिल्‍ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि नोटबंदी ने छोटे उद्यमों (एमएसएमई) और असंगठित क्षेत्र को तबाह कर दिया। ऐसा करके इसने एकाधिकार का रास्‍ता बनाया है। उन्होंने कहा कि भारत में आठ साल पहले के मुकाबले ज्‍यादा कैश का इस्तेमाल जारी है। उनका यह बयान नोटबंदी की घोषणा के आठ साल पूरे होने पर आया।
सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म 'एक्‍स' पर राहुल गांधी के इस पोस्‍ट पर लोगों की जोरदार प्रतिक्रिया आई। तमाम ने उन्‍हें नसीहत दी कि वे अर्थव्‍यवस्‍था के विषयों पर न ही बोलें तो अच्‍छा। उन्‍हें 'समोसा' और 'जलेबी' पर ध्‍यान देने की सलाह दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को राष्ट्र के नाम एक संबोधन में नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट अब वैध मुद्रा नहीं रहेंगे। तत्कालीन सरकार ने उस समय ऐसा करने के पीछे कई कारण बताए थे। उनमें डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और भ्रष्टाचार के साथ काले धन पर रोक लगाने के लिए नकद लेनदेन को कम करना शामिल था।
क्‍या बोले राहुल गांधी? राहुल ने कहा, ‘भारत आज आठ साल पहले की तुलना में ज्‍यादा नकदी का उपयोग कर रहा है जब नोटबंदी लागू की गई थी।’ गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘नोटबंदी ने एमएसएमई और असंगठित क्षेत्र को तबाह करके एकाधिकार का मार्ग प्रशस्त किया।’ पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने दावा क‍ि कि व्यवसायों के लिए भय का माहौल बनाने वाली अक्षम और गलत इरादे से तैयार नीतियां भारत की आर्थिक क्षमता को खत्म कर देंगी।गांधी ने एक चार्ट भी साझा किया। इसमें दिखाया गया है कि कैसे जनता के पास मौजूद नकदी 2013-14 में सकल घरेलू उत्पाद के 11 फीसदी से गिरकर 2016-17 में आठ फीसदी रह गई थी।
लेकिन, 2020-21 में यह बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का 14 फीसदी हो गई। चार्ट से पता चलता है कि 2022-23 में जनता के पास कैश सकल घरेलू उत्पाद का 12 फीसदी था। लोगों ने लगा दी राहुल की क्‍लास राहुल के पोस्‍ट पर बड़ी संख्‍या में रिऐक्‍शन आए। एक यूजर ने लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के 2016 के नोटबंदी के फैसले को क्लीन चिट दे दी है। संविधान पीठ के चार जजों के बहुमत ने फैसला सुनाया कि नोटबंदी सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप थी। इसे उचित तरीके से लागू किया गया था। क्या आपको भरोसा नहीं है?'मजाकिया लहजे में एक अन्‍य यूजर ने लिखा, 'आप 'समोसे' और 'जलेबी' पर ज्‍यादा ध्‍यान क्यों नहीं देते? अर्थव्यवस्था का विषय आपके बस की बात नहीं है।'हालांकि, कई ऐसे भी यूजर थे जिन्‍होंने राहुल के पक्ष में अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्‍हें देश का अगला प्रधानमंत्री बताया।