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संपादकीय: गहराई से पड़ताल की जरूरत, झारखंड में भर्ती के दौरान मौत का सच सामने लाया जाए

झारखंड में एक्साइज कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए फिटनेस टेस्ट के दौरान हुई 12 युवकों की मौत न सिर्फ दुखद बल्कि चिंताजनक भी है। भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है, लेकिन यह काफी नहीं। इस गंभीर घटना के पीछे काम कर रहे सभी संभावित वजहों की गहराई से पड़ताल करने की जरूरत है। असामान्य घटना फिटनेस टेस्ट के दौरान हुई इन मौतों ने पूरे देश को हैरान कर दिया। हालांकि इस तरह की भर्तियों में फिटनेस टेस्ट के दौरान प्रतिभागियों के बेहोश होने या इक्का-दुक्का मामलों में मौत की भी खबरें आती रही हैं, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर पहली बार ऐसी घटना हुई है। मृतकों की संख्या तो ज्यादा है ही, अलग-अलग केंद्रों पर करीब 400 प्रतिभागी बेहोश हो गए। ये सभी 25 साल के आसपास के युवा हैं। किसी भी रूप में इसे सामान्य घटना के तौर पर नहीं देखा जा सकता। विशेषज्ञों में मतभेद
इसकी संभावित वजहों को लेकर विशेषज्ञों की कोई एक राय सामने नहीं आ रही। लेकिन धूप, मौसम, तनाव, पहले से किसी तरह की बीमारी आदि जितने भी संभावित कारण बताए जा रहे हैं, उनमें कोई नई बात नहीं है। ऐसी तमाम भर्तियों में कमोबेश उन सभी वजहों की भूमिका होती ही है। लेकिन हर बार इतनी बड़ी संख्या में प्रतिभागियों की तबीयत नहीं बिगड़ती। जाहिर है, इस नजरिये से पूरे मामले की जांच करनी चाहिए। कोविड-19 का असर
कोविड महामारी के रूप में एक नई वजह इस बार जरूर मौजूद है, जिस पर चर्चा भी हो रही है। इस बीच हमारे आसपास पूरी तरह स्वस्थ दिखने वाले यंग लोगों की अचानक मौत की घटनाएं भी इस संदेह को बढ़ाती हैं कि कोविड ने हममें से ज्यादातर के शरीर को अंदर से कुछ इस तरह कमजोर कर दिया है कि हम उससे पहले जैसी ऊर्जा की उम्मीद नहीं कर सकते। मगर इस तरह के निष्कर्ष संदेहों और अनुमानों के आधार पर नहीं निकाले जा सकते। पुनर्विचार की प्रक्रिया
झारखंड सरकार ने इस मामले में समीक्षा और पुनर्विचार की प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है। फिजिकल टेस्ट के मानकों में बदलाव पर भी विचार किया जा रहा है। ध्यान रहे, आसपास के राज्यों में भी पुलिस, अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट के मानक अलग-अलग हैं। लेकिन मौजूदा हालात में इस मसले को राष्ट्रीय संदर्भ में देखने की जरूरत है। अगर कोविड से इसका कोई संबंध हुआ तो जाहिर है उसके निहितार्थ भी पूरे देश में होंगे। ऐसे में जरूरी है कि अन्य किसी राज्य में इस तरह की घटना की आशंका न बचे, इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहल की जानी चाहिए।

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