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दिल्ली-NCR में खुलेगी ब्रिटेन की टॉप यूनिवर्सिटी, 5000 स्टूडेंट्स को मिलेगा एडमिशन!

University of Southampton Campus in Gurugram: ब्रिटेन में जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि वहां की एक टॉप यूनिवर्सिटी अब भारत में अपना कैंपस खोलने वाली है। दरअसल, ब्रिटेन की साउथेम्पटन यूनिवर्सिटी भारत में अपना कैंपस खोलने वाली है, जो दिल्ली-एनसीआर में स्थित होगा। इस कैंपस में आने वाले 10 सालों में 30 कोर्सेज की पढ़ाई करवाई जाएगी।
गुरुग्राम में बनने वाले कैंपस में 10 साल में 5000 छात्रों को एडमिशन देने की योजना है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के मानें तो साउथेम्पटन यूनिवर्सिटी का ये ब्रांच भारत में किसी विदेशी यूनिवर्सिटी का पहली ब्रांच होगी। हालांकि ऑस्ट्रेलिया की डीकन यूनिवर्सिटी और वोलोंगोंग यूनिवर्सिटी पहले ही गुजरात के गिफ्ट सिटी में अपने कैंपस खोल चुकी हैं, लेकिन साउथेम्पटन यूनिवर्सिटी भारत में यूजीसी के नियमों के तहत कैंपस स्थापित करने वाली पहली विदेशी यूनिवर्सिटी बनने वाली है। साउथेम्पटन यूनिवर्सिटी को क्यू रैंकिंग में टॉप 100 में जगह मिली हुई है।
भारत के हिसाब से होगी यूनिवर्सिटी की ट्यूशन फीससाउथेम्पटन यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेसिडेंट इंटरनेशनल एंड एंगेजमेंट, एंड्रयू एथर्टन ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि यह कैंपस दिल्ली-नेशनल कैपिटल रीजन में स्थापित किया जाएगा और इसका संचालन अगले वर्ष से शुरू होगा।एथर्टन के अनुसार भारतीय कैंपस में ट्यूशन फीस भी भारत के अनुसार ही होगी। यानी यहां का ट्यूशन फीस साउथेम्पटन के मुख्य कैंपस की फीस का लगभग 60 प्रतिशत होगी, जबकि एडमिशन की शर्तें समान रहेंगी। इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी को हाल ही में भारतीय सरकार से देश में अपना कैंपस स्थापित करने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) प्राप्त हुआ है।यहां पर साउथेम्पटन यूनिवर्सिटी खुलने से भारतीय छात्रों के लिए विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
उन्हें विदेश जाए बिना हाई क्वालिटी एजुकेशन भारत में ही मिलेगी। यूनिवर्सिटी की स्थापना भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। अंडर ग्रेजुएट होगा कैंपसएंड्रयू एथर्टन ने इस कैंपस की जानकारी देते हुए कहा कि भारत का पहली विदेशी यूनिवर्सिटी मुख्य रूप से अंडरग्रेजुएट कैंपस होगा, क्योंकि वर्तमान में भारत में अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम्स की मांग ज्यादा है। इसके बाद, यह छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएट मास्टर्स स्टडी के लिए विदेश जाने का भी मौका देगा।
उन्होंने बताया कि योजना के अनुसार, पहले साल में छह कोर्सेस से शुरू किए जाएंगे, जिनके अगस्त 2025 में लॉन्च होने की उम्मीद है। आठवें साल तक 30 से अधिक कोर्सेज की पढ़ाई यहां करवाई जाएगी।

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