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Swayam Portal: शिक्षा मंत्रालय का स्वयं प्लस पोर्टल छात्रों के लिए वरदान! देश के कोने-कोने में स्किल डेवलपमेंट

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कौशल विकास (स्किलिंग) के कोर्सेज की मांग को देखते हुए छह महीने पहले SWAYAM Plus portal की शुरुआत की थी, जिस पर 320 लाइव कोर्सेज हैं। मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि इस प्लेटफॉर्म पर अभी तक 1.10 लाख से ज्यादा ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिनमें से 78 प्रतिशत नॉन-मेट्रो शहरों से हैं। नॉन मेट्रो शहरों से स्किल कोर्सेज करने वालों की संख्या ज्यादा है और उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर रोजगारपरक कोर्सेज करने के मौके मिल रहे हैं।सामान्य डिग्री कोर्स करने के साथ- साथ छात्र इस पोर्टल पर कौशल विकास से जुड़े कोर्स कर रहे हैं।
छात्रों के साथ 22 फीसदी से ज्यादा प्रफेशनल्स ने भी रजिस्ट्रेशन करवाया है, जो स्किल डिवेलपमेंट के कोर्सेज कर रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने निर्देश दिया है कि स्वयं प्लस पोर्टल पर नए- नए कोर्सेज को जोड़ने की प्रक्रिया लगातार जारी रहे और इंडस्ट्री में जिन कोर्सेज की मांग बढ़ रही है, उन सभी कोर्सेज को स्वयं प्लस पोर्टल पर लाया जाए। इस पोर्टल के जरिए वोकेशनल एजुकेशन की पहुंच उन शहरों के छात्रों तक भी पहुंच रही है, जिनके पास अवसरों की कमी होती है।मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि शिक्षा मंत्री के निर्देशों के मुताबिक स्वयं प्लस पोर्टल पर नियमित रूप से नए- नए कोर्स के विकल्प दिए जा रहे हैं।
इससे पहले मंत्रालय ने स्वंय पोर्टल शुरू किया था, जिस पर बड़े- बड़े संस्थानों से डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते थे। स्वयं पोर्टल पर 2023-24 में 7.5 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए, जो पहले की तुलना में 21 प्रतिशत ज्यादा थे।राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 27 फरवरी 2024 को लॉन्च किए गए स्वयं प्लस पोर्टल के लिए शिक्षा मंत्रालय व आईआईटी मद्रास ने 55 कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया है। मंत्रालय ने स्वयं कोर्सेज के एग्जाम कंडक्ट करने के लिए यूनिवर्सिटीज के लिए नया फ्रेमवर्क भी तैयार किया है।
स्वयं प्लस प्लेटफॉर्म के 60 कोर्सेज को नैशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के दायरे में लाया जा चुका है और इन कोर्सेज को करने वालों को अपनी पढ़ाई में भी फायदा मिलता है। हर स्किल बेस्ड सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री के क्रेडिट अकैडमिक बैंक में जमा होते रहेंगे।जिन कोर्सेज की सबसे ज्यादा मांग हैं, उनमें आईटी, बैंकिंग, डिजिटल टेक्नोलोजी, अकाउंटिंग फंडामेंटल्स, एईआई इंजीनियर, डेटा एनालाइटिक्स यूजिंग एक्सेल, प्रफेशनल एंड कम्यूनिकेटिव इंग्लिश भी काफी छात्र सीख रहे हैं। छात्र इन कोर्सेज से अधिकतम 40 फीसदी तक क्रेडिट हासिल कर सकता है।शिक्षा मंत्रालय ने स्वंय पोर्टल के लिए एल एंड टी, टीसीएस, माइक्रोसॉफ्ट, द जॉब प्लस, वाधवानी फाउंडेशन, बजाज फिनसर्व जैसी कंपनियां हैं।
इंफर्मेशन टेक्नोलोजी एंड सर्विसेज, बैंकिंग, फाइनैंस सर्विसेज एंड इंश्योरेंस, मीडिया, कम्यूनिकेशन एंड सॉफ्ट स्किल्स, डिजिटल एंड इमर्जिंग टेक्नोलोजी, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर, इंडियन नॉलेज सिस्टम जैसे सेक्टर में कोर्सेज मौजूद हैं।कॉलेज स्टूडेंट अपनी पढ़ाई के साथ- साथ स्वयं और स्वयं प्लस पोर्टल के जरिए किए जाने वाले कोर्सेज से अधिकतम 40 प्रतिशत तक क्रेडिट हासिल कर सकता है। यूजीसी ने क्रेडिट फ्रेमवर्क लागू किया है और यही कारण है कि इन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
आईआईटी, जेएनयू, आईआईएम बेंगलुरू, डीयू, बीएचयू, एएमयू के कोर्सेज हैं। यह पोर्टल बहुभाषी भी है और छात्रों को स्थानीय भाषाओं में भी कोर्सेज करने का मौका मिल रहा है।डिजिटल क्लासरूम के जरिए छात्र अपने हॉस्टल, घर, देश- विदेश में बैठकर पढ़ाई कर सकता है। मंत्रालय का कहना है कि पिछले दस वर्षों में छात्राओं का नामांकन सबसे ज्यादा हुआ है। साइंस, टेक्नोलोजी, इंजीनियरिंग एंड मैथ्स (STEM) एजुकेशन प्राथमिकता का विषय बन चुकी है। स्टेम एजुकेशन में छात्राओं की भागीदारी 43 प्रतिशत है, यह दुनिया में सबसे ज्यादा नंबर भारत में है।

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