अमेरिकी डिग्री का 'छलावा', पढ़ाई के बाद भी नौकरी के लाले, फिर क्यों पढ़ने जा रहे भारतीय छात्र?

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Indian Students in US: अमेरिका में पढ़ाई करना भारतीयों के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर है। भले ही अमेरिकी यूनिवर्सिटीज की फीस बहुत ज्यादा है और अच्छी जॉब नहीं मिलने की वजह से भारतीय छात्र वापस भी लौट रहे हैं। मगर इसके बाद भी अमेरिकी डिग्री भारतीय छात्रों के बीच बहुत ज्यादा आकर्षक मानी जा रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले साल यानी 2025 में भी इसमें ज्यादा सुधार होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
अमेरिकी डगमगाती आर्थिक स्थिति का असर नौकरियों पर पड़ने वाला है। हालांकि, इन सबके बाद भी स्टडी अब्रॉड कंसल्टेंट का कहना है कि भारतीय छात्र अमेरिका से पढ़ना चाहते हैं, जिसकी मुख्य वजह अमेरिका की नीतियां हैं। यहां की नीतियों की वजह से ग्रेजुएशन डिग्री करने पर होने वाले निवेश के बदले अच्छा रिटर्न हासिल होता है। साथ ही साथ अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में छात्रों को स्कॉलरशिप मिल जाती है। कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप जैसे दूसरे देशों में राजनीतिक तनाव और इमिग्रेशन के कड़े नियम लागू हो रहे हैं, इसके बीच अमेरिका बेहतर विकल्प बनकर उभरा है।
बढ़ती फीस के बीच कम होता नौकरी मिलने का चांसअमेरिका में पढ़ाई करना काफी ज्यादा खर्चीला है। ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए सालाना 30,000 से 80,000 डॉलर तक खर्च करने पड़ सकते हैं। स्टडी अब्रोड कंपनी कॉलेजिफाई के को-फाउंडर आदर्श खंडेलवाल ने इकोनॉमिक्स टाइम्स से बात करते हुए बताया, 2022 में अमेरिका में पढ़ने वाले 65-70% छात्रों को नौकरी मिली थी। 2023 में यह आंकड़ा घटकर 60% रह गया। 2024 में यह और भी कम होकर 55% रहने का अनुमान है। आइए जानते हैं कि अमेरिका पढ़ाई के लिए पॉपुलर क्यों है। क्यों अमेरिका में पढ़ना चाहते हैं छात्र?डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद वीजा नियमों में बदलाव और पढ़ाई के बाद मिलने वाली नौकरियों में बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है।
हालांकि, आदर्श खंडेलवाल ऐसा नहीं मानते हैं। ज्यादातर स्टडी अब्रोड कंसल्टेंट्स को भी लगता है कि अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों पर ट्रंप की वापसी का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। खंडेलवाल ने कहा, "सख्त वीजा नीतियों, सीमित OPT एक्सटेंशन और धीमी आर्थिक रिकवरी की वजह से स्थिति जस की तस रह सकती है।" भारतीय छात्रों के बीच अमेरिका पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए पहली पसंद है। खासकर STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) फील्ड में। OPT वीजा की अहमियत बताते हुए आदर्श खंडेलवाल ने कहा, ये STEM फील्ड के छात्रों को पढ़ाई के बाद तीन साल तक नौकरी की इजाजत देता है।
उन्होंने कहा, "अमेरिकी यूनिवर्सिटीज से पढ़ने वाले छात्र ज्यादातर AI, हेल्थकेयर और फिनटेक जैसे उभरती फील्ड में काम करते हैं, जहां शुरुआती सालाना सैलरी लगभग 90 हजार डॉलर से ज्यादा है।"70% से ज्यादा भारतीय छात्र AI, डेटा साइंस और इंफॉर्मेशन सिस्टम जैसे टेक्नोलॉजी बेस्ड कोर्स चुन रहे हैं। 2023 में अकेले कंप्यूटर साइंस में 1,08,438 भारतीय छात्रों ने एडमिशन लिया। बिजनेस और मैनेजमेंट कोर्स भी पॉपुलर हैं, जो फिनटेक और कंसल्टिंग जैसी फील्ड में अच्छे करियर का ऑप्शन देते हैं। अब कई अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में तीन साल के भारतीय ग्रेजुएशन कोर्स (नॉन-इंजीनियरिंग) को भी मान्यता दी जा रही है।
इन्हीं वजहों से नौकरी के सीमित अवसर के बाद भी भारतीय यूएस जा रहे हैं।