Air India Urination Case: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और डीजीसीए से कहा- ऐसे लोगों के लिए सख्त नियम बनाइए
नई दिल्ली: एयर इंडिया में यूरिनेशन मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार और DGCA को हवाई यात्रियों के दुर्व्यवहार पर नई गाइडलाइंस बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए कुछ क्रिएटिव उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ 73 वर्षीय महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इस महिला ने आरोप लगाया था कि नवंबर 2022 में एयर इंडिया की एक फ्लाइट में पुरुष सह-यात्री ने नशे की हालत में उन पर पेशाब कर दिया था। जानिए क्या है पूरा मामलायाचिकाकर्ता महिला ने केंद्र, DGCA और एयरलाइन्स को ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसीजर (SOP) स्थापित करने का निर्देश देने की मांग की। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से अनुरोध किया कि वे संबंधित अधिकारियों को मौजूदा गाइडलाइंस की समीक्षा और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपडेट करने में मार्गदर्शन करें।
जस्टिस विश्वनाथन ने सुनाई आपबीतीजस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि हमें हाल ही में ऐसा ही एक अनुभव हुआ। दो यात्री पूरी तरह से नशे में थे। एक वॉशरूम गया और सो गया। दूसरा, जो बाहर था, उसके पास उल्टी करने के लिए एक बैग था। क्रू मेंबर्स में सभी महिलाएं थीं और लगभग 30 से 35 मिनट तक कोई भी दरवाजा नहीं खोल सका। फिर क्रूम मेंबर ने मेरे सह-यात्री से दरवाजा खोलने और उसे सीट पर ले जाने का अनुरोध किया। यह फ्लाइट 2 घंटे 40 मिनट की उड़ान थी। सुप्रीम कोर्ट का डीजीसीए और केंद्र को नोटिसमई 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला की ओर से दायर याचिका के जवाब में केंद्र सरकार, डीजीसीए और एयर इंडिया सहित सभी एयरलाइनों को नोटिस जारी किया था।
कार्यवाही के दौरान, महिला के वकील ने इस बात का जिक्र किया कि DGCA ने अपने जवाब में दावा किया कि सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं, जबकि याचिकाकर्ता ने सुधार के लिए अतिरिक्त सुझाव दिए थे। केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हुए, सॉलिसिटर जनरल भाटी ने अदालत को सूचित किया कि एक हलफनामा दायर किया गया है, और अनियंत्रित यात्रियों के मुद्दे को हल करने के लिए दिशानिर्देश और परिपत्र जारी किए गए हैं। एयर इंडिया में पेशाब कांड के बाद पीआईएलमहिला ने मार्च 2023 में जनहित याचिका (PIL) दायर की थी। उसने कहा कि एयर इंडिया और DGCA की ओर से उसकी आपबीती पर पर्याप्त कार्रवाई नहीं की गई।
वो इसे जिम्मेदारी के साथ संभालने में विफल रहे जिसकी वजह से उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उसने 2014 और 2023 के बीच फ्लाइट्स पर यात्रियों के दुर्व्यवहार की सात घटनाओं का हवाला दिया। उसने आरोप लगाया कि संबंधित एयरलाइन ने इन घटनाओं को ठीक से नहीं संभाला।PIL में अनुरोध किया गया कि केंद्र और DGCA यह सुनिश्चित करें कि नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं हाई इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के अनुरूप हों। इसमें ऐसे मामलों पर मीडिया रिपोर्टिंग के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों के अभाव पर भी चिंता जताई गई।
यह मामला एयर इंडिया की एक उड़ान में हुई ऐसी घटना से जुड़ा है जिसमें नशे में धुत पुरुष यात्री ने एक बुजुर्ग महिला पर पेशाब कर दिया था।
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